How Much Water Is Sufficient? 2 लीटर या 4 लीटर कितना पीना चाहिए पानी? आइये जानते है क्या कहते है Experts!
How Much Water Is Sufficient? कितना पीना चाहिए पानी? क्यों बच्चे के रोने पर चॉकलेट नहीं बल्कि पानी पिलाए!
Highlights:
- How Much Water Is Sufficient? दिनभर में कितना लीटर पानी पीना है सही?
- मध्यमवर्ग की आयु वाले के शरीर में 65 फीसदी हिस्सा पानी का होता है।
- डिहाइड्रेशन के मुख्य कारण क्या है?
How Much Water Is Sufficient? पानी, हमारे शरीर का और इस पृथ्वी का सबसे महत्वपुर्ण हिस्सा है। धरती का करीब 70 फीसदी हिस्सा पानी का है इसलिए इसे ब्लू प्लानेट के नाम से भी जाना जाता है। सागर में, नदियों में झरनो में तो पानी साफ साफ दिखता ही है मगर जहां पानी नहीं दिखता वहां भी पानी होता है जैसे इंसानों में। पानी इन्सानो का अस्तित्व है।
इस मामले में फर्क बस इतना है कि मात्रा सबमे अलग अलग होती है। औसतन एक मध्यम वर्ग वाले इंसान के शरीर का कुल 65 फीसदी हिस्सा पानी का होता है वही छोटे बच्चों में 80 फीसदी और जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है पानी की मात्र शरीर में कम होती जाती है। बुजुरोगों के शरीर का सिर्फ 50 फीसदी हिस्सा ही पानी का होता है।
पानी हमारे शरीर की संरचना के लिए जरूरी है, माशपेशियों और हमारे मस्तिष्क को अगर सही मात्र में पानी न मिले तो यह 70 फीसदी तक सिकुड़ सकते है, हे न चुकाने वाली बात! मगर यह सही मात्रा आख़िर क्या है?
दिन भर में पानी कितना पीना चाहिए?
जब भी सिर में दर्द होता है तो अक्सर हम चाय और कॉफी पीने की सोचते है जबकि यह आपको डीहायड़रेट करती है और जरूरत हायड्रेशन की होती है यानि पानी की। दरअसल पानी पीने की कोई एक निशित मात्रा नहीं होती। यह सबके लिए अलग अलग उनके शरीर की जरूरतों और स्वास्थ पर निर्भर करती है। फिर भी कई एक्स्पर्ट्स का मानना है की हर 20 किलो वजन के बदले आपके शरीर को 1 लीटर पानी की अवयशकता होती है। यानि अगर आपका वजन 80 किलो है तो आपको दिन भर में लगभग 4 लीटर पानी पीना चाहिए। मगर इसका मतलब यह नही है की एक बार में गटागट पानी पी लिया जाये। दिन भर में रुक-रुक कर और जब भी प्यास लगे तब पानी पिये।
वैसे पानी पीने की सही मात्रा अन्य बातों पर भी निर्भर करती है, जैसे:
- आप जहां रहते है वहां का वातवर्ण यानि जगह कितनी गर्म है या हवा में नमी है की नहीं।
- आपकी डाइट यानि आपका खान-पान किस तरह का है।
- आप शारीरिक रूप से कितने एक्टिव है।
- अगर गर्भवती है या स्तनपान करवाती है तो भी आपके शरीर में पहले के मुक़ाबले पानी की मात्राओ में बदलाव लाना जरूरी हो जाता है।
अगर अब भी आपके मन में थोड़ी सी भी शंका है जैसे की दिन भर में मैंने सही मात्रा में पानी पी लिया है इसका पता कैसे चलेगा वगेरा-वगेरा, तो घबराइए मत हम इस लेख में आगे इसकी ही चर्चा करेंगे। हमारे शरीर की सबसे ख़ास बात यही है कि अगर इसका ख़याल ठीक से न रखा जाये तो यह हमे बड़े बीमारी से परेशान करने के पहले ही कई बार छोटे छोटे लक्षण देकर सावधान करने की कोशिश करता रहता है। पानी के मामले में भी ऐसा ही कुछ है।
डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण या शरीर में पनि की कमी के क्या लक्षण है?
- मुह में सांसों की बदबू का आना शरीर में पानी की कमी से होने वाले सबसे सामान्य लक्षणो में से एक है।
- पेशाब की मात्रा में कमी भी निर्जलीकरण का एक मुख्य कारण है।
- शरीर में पानी की कमी से मन में सुस्ती, चिड़चिड़ापन और बदन में अक्सर थकान का अनुभव होता है।
- चक्कर आना या बेहोश हो जाना भी एक लक्षण है।
अगर आपको उपरोक्त लिखित लक्षणो में से कुछ महसूस हो रहे है तो आपका शरीर अलार्म बजाकर यह बताने का प्रयास कर रहा है की पानी सही मात्रा में पी लीजिए।
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Conclusion: ‘जल ही जीवन है’। जिस तरह साँस लेना ज़िंदगी के लिए जरूरी है उसी तरह जल भी जीवन के लिए बहुत महत्वपुर्ण है। सिर्फ पानी पीने से ही आपका बिगड़ा मूड बदल सकता है। पानी इंसनों के शरीर में किडनी की मदद से फ़िल्टर का काम करता, अगर सही से पानी न पिया जाए तो इसका असर शरीर के इम्यून सिस्टम यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ता है। गरम मौसम के दौरान पानी ही पसीने के जरिये हमारे शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। कुलमिलाकर पानी से हमारे शरीर में होने वाले फायेदे अनगिनत है। इसलिए पानी पीते रहिए क्योंकि यह जरूरी है।