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Health News : हल्दी के फायदे और नुकसान, समझें कैसे हो सकता है गलत सेवन हानिकारक?

Health News, हल्दी (Turmeric) एक प्राचीन औषधीय पौधा है, जिसे प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका वैज्ञानिक नाम Curcuma longa है और यह ज़ींगिबरेसी (Zingiberaceae) परिवार से संबंधित है।

Health News : हल्दी के स्वास्थ्य लाभ और नुकसान, क्या आप जानते हैं इसके प्रभाव को?

Health News, हल्दी (Turmeric) एक प्राचीन औषधीय पौधा है, जिसे प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका वैज्ञानिक नाम Curcuma longa है और यह ज़ींगिबरेसी (Zingiberaceae) परिवार से संबंधित है। हल्दी का प्रमुख सक्रिय घटक ‘कर्क्यूमिन’ (Curcumin) है, जो इसके पीले रंग और चिकित्सीय गुणों के लिए जिम्मेदार होता है। हल्दी का सेवन खाने में स्वाद और रंग के रूप में किया जाता है, साथ ही इसका उपयोग त्वचा की देखभाल और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी किया जाता है।

हल्दी के फायदे

1. सूजन और दर्द में राहत

हल्दी का सबसे प्रमुख लाभ इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण हैं। इसमें कर्क्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होता है। विशेष रूप से, गठिया (Arthritis), हड्डियों और मांसपेशियों के दर्द, और अन्य सूजन से संबंधित बीमारियों में हल्दी का सेवन लाभकारी हो सकता है।

2. एंटीऑक्सीडेंट गुण

हल्दी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं। फ्री रेडिकल्स शरीर में कोशिकाओं को क्षति पहुंचाते हैं, जो उम्र बढ़ने और विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकते हैं। हल्दी का सेवन शरीर में इन फ्री रेडिकल्स की संख्या को नियंत्रित करने में मदद करता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।

3. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

हल्दी हृदय के लिए भी लाभकारी है। यह रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखती है, रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है, और रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। कुछ अध्ययन यह भी बताते हैं कि हल्दी रक्त में सूजन को कम करने में सहायक हो सकती है, जो दिल की बीमारियों के जोखिम को घटाता है।

4. पाचन में सुधार

हल्दी पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह पित्त (bile) के उत्पादन को बढ़ावा देती है, जिससे भोजन को बेहतर तरीके से पचाया जा सकता है। साथ ही, हल्दी गैस, कब्ज, और अपच जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाती है। इसका सेवन आमतौर पर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है।

5. त्वचा के लिए लाभकारी

हल्दी के एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण इसे त्वचा की देखभाल के लिए भी उपयुक्त बनाते हैं। यह पिंपल्स, दाग-धब्बों और अन्य त्वचा समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकती है। हल्दी को चेहरे पर लगाने से त्वचा पर निखार आता है और यह दाग-धब्बों को हल्का करती है।

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6. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार

हल्दी का सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। कर्क्यूमिन, जो हल्दी का प्रमुख घटक है, मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitters) जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर को बढ़ा सकता है, जो मूड को बेहतर बनाने और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अवसाद और चिंता को कम करने में मदद करता है।

हल्दी के नुकसान

हालांकि हल्दी के कई फायदे हैं, लेकिन यदि इसका अत्यधिक सेवन किया जाए या इसे गलत तरीके से उपयोग किया जाए तो यह नुकसान भी कर सकती है।

1. पेट की समस्याएँ

हल्दी का अत्यधिक सेवन पेट में जलन, गैस, या एसिडिटी (acid reflux) जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। कर्क्यूमिन की उच्च मात्रा पेट की परत को उत्तेजित कर सकती है, जिससे पेट में दर्द और सूजन हो सकती है। इसका सेवन हमेशा सीमित मात्रा में करना चाहिए।

2. खून का बहाव बढ़ाना

हल्दी के एंटीकोआगुलेंट (blood-thinning) गुण होते हैं, जो खून को पतला करते हैं। यदि आप किसी प्रकार की रक्त-संबंधी दवाइयां जैसे कि वॉरफारिन (Warfarin) या अन्य रक्त को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं, तो हल्दी का अधिक सेवन खून का बहाव बढ़ा सकता है, जिससे खून बहने का खतरा हो सकता है।

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3. गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम

गर्भवती महिलाओं को हल्दी का अत्यधिक सेवन करने से बचना चाहिए। हल्दी का सेवन गर्भावस्था में गर्भाशय की संकुचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है और गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है। हालांकि, हल्दी का सीमित मात्रा में सेवन गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन किसी भी तरह की जटिलता से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

4. आंतों में समस्याएँ

हल्दी का अत्यधिक सेवन आंतों में जलन, दस्त, या मल त्याग में परेशानी का कारण बन सकता है। इससे आंतों की समस्या और बढ़ सकती है, विशेष रूप से यदि किसी को पहले से ही आंतों से संबंधित समस्याएं जैसे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) या क्रोहन रोग हो।

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