Endometriosis Symptoms : क्या होता है एंडोमेट्रिओसिस, जानें गर्भाशय को कैसे पहुंचती है नुकसान
महिलाओं में होने वाली कई बीमारियों में से एक एंडोमेट्रियोसिस endometriosis बीमारी इनमें से एक है। यह महिलाओं के गर्भाशय में होती है,जो कि मां बनने की राह में बाधा का काम करती है।
Endometriosis Symptoms : मां बनने की राह में रोड़ा बनती है यह बीमारी, डॉक्टर से जानें कारण और बचाव
महिलाओं में होने वाली कई बीमारियों में से एक एंडोमेट्रियोसिस endometriosis) बीमारी इनमें से एक है। यह महिलाओं के गर्भाशय में होती है,जो कि मां बनने की राह में बाधा का काम करती है।
एंडोमेट्रिओसिस बीमारी महिलाओं में होती है –
मां बनना हर महिला के लिए एक सुखद अहसास होता है। लेकिन कुछ ऐसी बीमारी होती हैं जो मां बनने की राह में रोड़ा बनने का काम करती हैं। ऐसे ही एक बीमारी एंडोमेट्रियोसिस endometriosis नाम की बीमारी होती है। ये बीमारी महिला के गर्भाशय के अंदर एंडोमेट्रियम टिश्यू बनता है जो एंडोमेट्रियम परत बढ़ने पर गर्भाशय के बाहर की ओर फैलने लगती है, फिर ये धीरे-धीरे अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब या अन्य प्रजनन अंगों तक फैलती है, जो कि अंडाशय की क्षमता पर असर डालती है। फिर शरीर में इंफर्टिलिटी का कारण बनता है, क्योंकि स्पर्म फैलोपियन ट्यूब तक नहीं जा पाता है, जब एन्डोमीट्रीओसिस शरीर के अंदर के ऑर्गन आंतों, किडनी वगैरह को प्रभावित करता है तो उस स्थिति को ‘फ्रोजेन पेल्विस’ कहा जाता है। और फिर इस तरह से यह बीमारी गर्भाशय को नुकसान पहुंचा सकता है।
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फेलोपियन ट्यूब क्या होता है –
महिला के गर्भाशय के दोनों तरफ ओवरी होती है, और ओवरी गर्भाशय से फैलोपियन ट्यूब द्वारा जुड़ी होती है। वैसे एंडोमेट्रिओसिस को लोग पीरियड्स दर्द या गर्भाशय-गांठ भी कहा जाता है। दुनिया भर में इस बीमारी के ट्रीटमेंट से लेकर लक्षणों की जानकारी की कमी अभी भी है,और यह रोग गर्भाशय में दीमक की तरह काम करती है।
एंडोमेट्रिओसिस क्यों होता है –
अब यह जानते है कि यह एंडोमेट्रिओसिस क्या और क्यों होती है। यह बीमारी बाहरी संक्रमण की वजह से नहीं, बल्कि शरीर की आंतरिक प्रणाली में कमी के कारण होती है। इन वजहों में से एक महिलाओं की खराब जीवनशैली से तनाव में रहना भी एक है। इसके साथ ही एन्डोमीट्रीओसिस की वजह इम्यूनिटी खराब रहना, गर्भाशय में अतिरिक्त कोशिकाओं का निर्माण होना या फिर किसी प्रकार के घाव या सर्जरी से भी इसकी वजह हो सकती है।
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एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण क्या होते हैं –
मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द एंडोमेट्रिओसिस के प्रमुख लक्षणों में से एक है। कई बार यह दर्द पूरे महीने तक रहता है।
इसके अलावा, पीठ में दर्द रहना, कंधों में दर्द रहना, जांघों में तेज दर्द होना भी इसमें शामिल होता है।
डायरिया, कब्ज, यूरिन में खून आना, शरीर के निचले हिस्से में जकड़न, पीरियड्स से पहले मांसपेशियों में खिंचाव या फिर पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
इस बीमारी से होने वाली परेशानियां –
एंडोमेट्रिओसिस बीमारी से पीड़ित महिलाओं को पेट दर्द रहना सबसे बड़ी परेशानी है।
इसके अलावा, हड्डियों में दर्द रहना, चेहरे पर झाइयां, बाल झड़ना या सफ़ेद होना, भूलने लगना, इरिटेट होना, हाई बीपी, किडनी का कमज़ोर होते जाना, आंखों की रोशनी कम होने की परेशानियां होती हैं।
इस बीमारी से ग्रस्त महिला कंसीव नहीं कर पाती, क्योंकि स्पर्म फैलोपियन ट्यूब तक नहीं जा पाता है।
एंडोमेट्रिओसिस से ऐसे करें बचाव –
शरीर में एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर के बढ़ने के कारण होती है। यदि एंडोमेट्रियल की समस्या हो रही है तो इसे रोक पाना मुश्किल है, इसलिए शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन को कम करके एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना से बचाव किया जा सकता है।
एस्ट्रोजन मासिक धर्म चक्र के समय गर्भाशय की लाइनिंग मोटी हो जाती है। इसके लिए हार्मोनल गर्भनिरोधक दवाओं या गर्भनिरोधक उपचारों के माध्यम से एस्ट्रोजन का लेवल कम किया जा सकता है, लेकिन बिना किसी डॉक्टर के परामर्श के यह दवाई नहीं लेनी चाहिए।
इसके अलावा, नियमित व्यायाम और कम कैफीन युक्त पदार्थों के सेवन से भी एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम किया जा सकता है।
वहीं, इसके इलाज के तौर पर हिस्टेरेक्टॉमी नाम की सर्जरी भी की जाती है। जिसमें गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को हटाने के साथ-साथ दोनों अंडाशय भी निकाले जाते हैं।
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