Disprin: क्यों सिर दर्द से तुरंत आराम दिलाती है डिस्प्रिन? इन लोगों के लिए है खतरनाक, भूल से भी न करें सेवन
Disprin: अधिकतर लोगों को सिर दर्द की शिकायत रहती है। इसके लिए डिस्प्रिन जैसी टेबलेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि डिस्प्रिन में ऐसा क्या होता है कि हमारा सिर दर्द ठीक हो जाता है।
Disprin: एक क्लिक में जानें डिस्प्रिन के साइड इफेक्ट्स
आज कल हम भागदौड़ वाली जिंगदी में इतने फंसे हुए हैं कि खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में अधिकतर लोगों को सिर दर्द की शिकायत भी रहती है। इसके लिए डिस्प्रिन जैसी टेबलेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि डिस्प्रिन में ऐसा क्या होता है कि हमारा सिर दर्द ठीक हो जाता है। डिस्प्रिन में एक एक्टिव इंग्रेडिएंट होता है जो कि एस्पिरिन (Asprin) है। ये शरीर में एंजाइमों के एक्शन को रोकता है, जिसे cyclo-oxygenase (COX) कहते हैं। असप्रिन- एनादिन, डिस्प्रिन, रेस्प्रीन और नू सेल्स (Anadin, Disprin, Resprin and Nu-Seals) में भी होता है।
कैसे काम करती है डिस्प्रिन
जैसा कि हमने बताया कि डिस्प्रिन में एक्टिव इंग्रेडिएंट एस्पिरिन होता है, जो सिर दर्द ठीक करने में बड़ा रोल प्ले करता है, क्योंकि ये कॉक्स एंजाइम को ब्लॉक करता है। कॉक्स प्रोस्टाग्लैंडिंस को उत्पन्न करने में शामिल होता है, जिसकी वजह से दर्द और सूजन होती है। जिसके कारण प्लेटलेट्स आपस में टकराते हैं और ब्लड क्लॉट होता है। एस्पिरिन कॉक्स ब्लॉक करता है जिसके बाद रासायनों की इस प्रक्रिया को रोक देता है।
एक टेबलेट में 300mg एस्पिरिन
डिस्प्रिन की एक टेबलेट में 300mg एस्पिरिन होता है। प्रोस्टाग्लैंडिंस के प्रोडेक्शन को रोकता है। इसी वजह से दर्द और सूजन से राहत मिलती है। एस्पिरिन बुखार को भी कम करता है क्योंकि ये दिमाग में प्रोस्टाग्लैंडिंस के प्रोडेक्शन को रोकता है। इस टेबलेट में अगर एस्पिरिन कम हो यानी 75-100mg हो तो ये सिर दर्द में आराम नहीं देता है। एस्पिरिन ब्लड क्लॉट होने से रोकता है जिस वजह से हार्ट अटैक के चांस कम होते हैं, क्योंकि ये ब्लड क्लॉट के थिन करता है और खून दिल तक पहुंच पाता है जिससे हार्ट अटैक होने के चांस कम हो जाते हैं।
किन लोगों के लिए खतरनाक
- नवजात और 16 साल से कम उम्र वालों को बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं देनी चाहिए। क्योंकि बच्चे रेयस सिंड्रोम नामक दुर्लभ स्थिति से जुड़े होते हैं। इस स्थिति में इसका बुरा असर ब्रेन और लिवर पड़ता है।
- पेट में अल्सर के रोगियों को इस टैबलेट से बचना चाहिए।
- रक्तस्राव विकार जैसे हीमोफीलिया से पीड़ितों को दवाई लेने से बचना चाहिए।
- एलर्जी रिएक्शन से पीड़ित लोगों को डिस्प्रिन लेने से बचना चाहिए।
- खराब किडनी और लिवर से परेशान लोगों को इससे दूर रहना चाहिए।
- प्रेंगनेंट महिलाएं ऐसी दवाइयों के सेवन से बचें।
- बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाएं भी डिस्प्रिन न लें।
डिस्प्रिन के साइड इफेक्ट्स
दवाइयां और उनके साइड इफेक्ट्स अलग-अलग तरीकों से लोगों को प्रभावित करते हैं। ऐसे ही कुछ साइड इफेक्ट्स डिस्प्रिन या एस्पिरिन दवाई से भी जुड़े हैं। ऐसा सभी दवाई लेने वालों लोगों के साथ नहीं होता बल्कि कुछ विशेष परिस्थितियों में होता है।
- अपच
- बीमार महसूस और उलटी आना
- पेट में जलन आदि
- पेट या आंतों में घाव और रक्त स्त्राव
- कानों में आवाज सुनाई देना
- त्वचा पर एलर्जी के रिएक्शन
- होठ, जीभ और गले का सूजना
- खून का ज्यादा देर तक बहना
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रोजाना डिस्प्रिन लेने के कई नुकसान
रोजाना डिस्प्रिन लेने के कई नुकसान हैं। इसमें पेट की खराबी, उल्टियां और अपच सबसे पहले साइड इफेक्ट हैं। ये सीधे पाचन तंत्र पर असर डालता है इसलिए दवा हल्के गुनगुने पानी या दूध के साथ ली जानी चाहिए ताकि साइड इफेक्ट कम हो। ये नॉन-इन्फ्लेमेटरी ड्रग (NSAIDs) के तहत आती है यानी वो दवा जिससे दर्द और सूजन कम होती है। यही वजह है कि इसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक से गुजर चुके लोगों को नियमित खाने की सलाह दी जाती रही।
पेट की अंदरुनी सतह को कमजोर करती है डिस्प्रिन
हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन मेडिकल स्कूल में इंटरनल मेडिसिन के प्रोफेसर मार्क फेंड्रिक इससे होने वाले खतरों से भी आगाह करते हैं। प्रोफेसर फेंड्रिक के अनुसार जब भी आप डिस्प्रिन लेते हैं, आपके पेट की अंदरुनी सतह कमजोर होती जाती है और रक्तस्त्राव की आशंका बढ़ जाती है। यही वजह है कि रोजाना ये दवा लेने वालों को पेट के अल्सर और अंदरुनी ब्लीडिंग का खतरा दोगुना से भी ज्यादा रहता है।
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