Breast Cancer Awareness Month: ब्रेस्ट कैंसर से सुरक्षा, सेल्फ-चेक और डॉक्टर से पूछने योग्य 10 जरूरी बातें
Breast Cancer Awareness Month, अक्टूबर को पूरे विश्व में Breast Cancer Awareness Month के रूप में मनाया जाता है।
Breast Cancer Awareness Month : सेल्फ-चेक से शुरू करें ब्रेस्ट कैंसर की पहचान, जानें विशेषज्ञ की सलाह
Breast Cancer Awareness Month, अक्टूबर को पूरे विश्व में Breast Cancer Awareness Month के रूप में मनाया जाता है। यह महीना महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समय रहते बचाव और जांच की अहमियत समझाने का अवसर है। ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में सबसे आम कैंसर प्रकारों में से एक है। भारत में भी इसका प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। समय रहते पहचान और इलाज से ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
सेल्फ-चेक क्यों महत्वपूर्ण है
प्रारंभिक पहचान
- ब्रेस्ट कैंसर का प्रारंभिक चरण अक्सर लक्षणहीन होता है।
- नियमित सेल्फ-चेक से छाती में गांठ, सूजन या असामान्य बदलाव जल्दी पहचाने जा सकते हैं।
जागरूकता और आत्म-निरीक्षण
- महिलाओं को अपनी छाती के आकार, बनावट और किसी भी असामान्य बदलाव का ध्यान रखना चाहिए।
- इससे आप संकेतों को समय रहते पहचान सकती हैं।
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सेल्फ-चेक की सही विधि
आइने के सामने खड़े होकर निरीक्षण
- हाथ कमर पर रखकर और ऊपर उठाकर छाती को देखें।
- किसी भी सूजन, आकार या रंग बदलने पर ध्यान दें।
हाथों के पैटर्न से जांच
- हाथों की उंगलियों के तलों का उपयोग कर सभी दिशाओं में हल्के दबाव के साथ छाती की जांच करें।
- पैटर्न: ऊपर-नीचे, गोल-गोल और तिरछी दिशा में।
लेटे हुए स्थिति में जांच
- शरीर को थोड़ी ओर पर झुकाकर हर हिस्से को महसूस करें।
- बगल (axilla) में भी गांठ की जाँच करें।
निपल निरीक्षण
- निपल को हल्का दबाएं और किसी रक्तस्राव या असामान्य पदार्थ का ध्यान रखें।
डॉक्टर से पूछने योग्य 10 अहम बातें
कितनी बार ब्रेस्ट जांच करानी चाहिए?
- आमतौर पर 40 वर्ष से ऊपर महिलाओं को वर्ष में एक बार डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
- 20-39 वर्ष की महिलाओं के लिए सेल्फ-चेक पर्याप्त होता है।
क्या मेरी फैमिली हिस्ट्री जोखिम बढ़ाती है?
- अगर परिवार में ब्रेस्ट कैंसर के केस हैं, तो नियमित स्क्रीनिंग जरूरी होती है।
मामूली गांठ पर क्या करना चाहिए?
- किसी भी गांठ को नजरअंदाज न करें।
- डॉक्टर जांच और अल्ट्रासाउंड या मैमोग्राफी की सलाह देंगे।
मैमोग्राफी कब शुरू करें?
- 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए हर 2 साल में मैमोग्राफी की सिफारिश है।
ब्रस्ट के आकार और बनावट में बदलाव का क्या अर्थ है?
- यह हार्मोनल बदलाव या कैंसर का संकेत हो सकता है।
- डॉक्टर से सही डायग्नोसिस करवाना जरूरी है।
दूध देने के बाद गांठ बनना सामान्य है या खतरे की निशानी?
- स्तनपान के दौरान कुछ गांठें सामान्य होती हैं।
- स्थायी गांठ या दर्द पर विशेषज्ञ की सलाह लें।
सेल्फ-चेक सही समय कब करें?
- माहवारी के बाद 2-3 दिन, जब ब्रेस्ट कम संवेदनशील हो।
सर्जिकल या मेडिकल इतिहास के आधार पर स्क्रीनिंग कैसे बदलती है?
- अगर किसी महिला ने पहले ब्रेस्ट सर्जरी करवाई है, तो डॉक्टर विकल्प और स्क्रीनिंग शेड्यूल बता सकते हैं।
क्या ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों में भी होता है?
- हां, पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
- किसी भी असामान्य गांठ या डिस्चार्ज पर डॉक्टर से संपर्क करें।
स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली का योगदान
- हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम, शराब और धूम्रपान से परहेज करने से कैंसर का जोखिम कम होता है।
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स्वास्थ्य और जागरूकता टिप्स
- नियमित एक्सरसाइज – योग और कार्डियो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।
- संतुलित आहार – फल, सब्जियां, ओमेगा-3 और प्रोटीन से भरपूर डाइट।
- सेल्फ-चेक रूटीन बनाएं – हर महीने एक ही दिन निरीक्षण करें।
- डॉक्टर से समय पर जांच – किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
Breast Cancer Awareness Month हमें याद दिलाता है कि सेल्फ-चेक और नियमित स्क्रीनिंग से ब्रेस्ट कैंसर का पता जल्दी लगाया जा सकता है। जागरूकता, सही जानकारी और समय पर इलाज महिला जीवन की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करते हैं। “जानकारी, सावधानी और समय पर जांच” ही ब्रेस्ट कैंसर से बचाव की कुंजी है। सेल्फ-चेक और डॉक्टर से परामर्श के माध्यम से आप खुद और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं।
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