Ayurvedic Meal Timing: आयुर्वेद के अनुसार भोजन का सही समय, कब और क्या खाएं?
Ayurvedic Meal Timing, आयुर्वेद प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान है, जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर ध्यान देता है।
Ayurvedic Meal Timing : स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेदिक भोजन समय जानिए
Ayurvedic Meal Timing, आयुर्वेद प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान है, जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर ध्यान देता है। आयुर्वेद में भोजन को न केवल पोषण का स्रोत माना गया है, बल्कि इसका समय, मात्रा और प्रकार भी बहुत महत्वपूर्ण है। सही समय पर उचित भोजन लेने से न केवल पाचन क्रिया बेहतर होती है, बल्कि शरीर की ऊर्जा बनी रहती है और रोग दूर रहते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, दिन में तीन मुख्य भोजन और दो हल्के स्नैक्स लेना सबसे उत्तम माना गया है। ये भोजन दिन के प्राकृतिक ऊर्जा चक्र (दोषों: वात, पित्त, कफ) के अनुसार संतुलित होने चाहिए।
1. सुबह का नाश्ता (सुबह 7 से 9 बजे तक)
सुबह का नाश्ता हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, पित्त दोष सुबह सक्रिय होता है, इसलिए गर्म, ताज़ा और पौष्टिक नाश्ता लें। उदाहरण के लिए हल्का दलिया, फल, या गर्म दूध के साथ गुड़ और हल्दी। कॉफी या भारी स्नैक्स से बचें क्योंकि वे पाचन तंत्र को कमजोर कर सकते हैं।
2. दोपहर का भोजन (दोपहर 12 से 2 बजे तक)
दोपहर का भोजन दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है क्योंकि इस समय पित्त दोष सबसे अधिक सक्रिय होता है। इसलिए, भोजन को भरा-पूरा, पौष्टिक और गर्म होना चाहिए ताकि पाचन क्रिया सही रहे। चावल, दाल, सब्ज़ियां और थोड़ा तिलहन इस समय उपयुक्त होते हैं। इस भोजन के बाद थोड़ा आराम करें, जिससे भोजन अच्छी तरह पच सके।
3. शाम का हल्का भोजन (शाम 4 से 6 बजे तक)
शाम के समय वात दोष बढ़ता है, इसलिए हल्का और सुपाच्य भोजन लें। जैसे कि ग्रीन टी के साथ हल्का स्नैक या फल। ज्यादा भारी या तैलीय भोजन लेने से बचें क्योंकि इससे नींद और पाचन दोनों प्रभावित होते हैं।
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4. रात का भोजन (रात 7 से 8 बजे तक)
रात का भोजन हल्का, सुपाच्य और जल्दी पचने वाला होना चाहिए ताकि सोने से पहले भोजन पच जाए। आयुर्वेद में कहा गया है कि रात का भोजन दिन के भोजन से हल्का होना चाहिए। जैसे खिचड़ी, सूप या सब्जियों के साथ दलिया। रात में ज्यादा भोजन करने से अपच और वजन बढ़ने की संभावना होती है।
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5. पानी पीने का सही समय
पानी पीना भी आयुर्वेद में भोजन के साथ और बीच में सही तरीके से करना जरूरी है। भोजन के 30 मिनट पहले और 1 घंटे बाद पानी पीना उत्तम माना जाता है। भोजन के दौरान ज्यादा पानी पीने से पाचन रस पतला हो सकते हैं, जिससे पाचन में दिक्कत हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार सही समय पर भोजन करना शरीर और मन को स्वस्थ रखने की कुंजी है। भोजन का समय प्राकृतिक ऊर्जा चक्र के साथ मेल खाता हो, तो शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और रोग कम होते हैं। इसलिए अपने दैनिक जीवन में आयुर्वेदिक भोजन समय को अपनाएं और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।
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