Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the hustle domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
नहीं रहे ट्रेजेडी किंग, पाकिस्तान से भारत तक के सफर में बॉलीवुड ने दी एक अलग पहचान
मनोरंजन

नहीं रहे ट्रेजेडी किंग, पाकिस्तान से भारत तक के सफर में बॉलीवुड ने दी एक अलग पहचान

बॉलीवुड का पहला फिल्म अवॉर्ड ट्रेजेडी किंग को उनकी ट्रेजेडी एक्टिंग के लिए दिया गया


बॉलीवुड के ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार ने बुधवार की सुबह इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। कुछ दिन पहले ही उनकी पत्नी सायरा बानो ने उनके स्वास्थ्य के लिए लोगों से दुआ करने के कहा था। लेकिन दुआ ज्यादा दिनों तक काम नहीं आई गुरुवार की सुबह लगभग 7.30 बजे मुंबई के हिंदुजा अस्पताल उन्होंने आखिरी सांस ली। मौत की खराब के साथ ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पडी। नेता अभिनेता, आमजनता हर किसी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मोहम्मद  युसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार का जन्म अविभाजित भारत के पेशावर में हुआ था। एक सफल अभिनेता से लेकर राज्यसभा सांसद बनने तक कई उपलब्धियां उन्होंने अपने जीवन में प्राप्त की है। लगभग पांच दशक तक बॉलीवुड में काम करने बाद उन्हें कई अवॉर्ड्स से नवाजा गया है। आज भी उनकी बेहतरीन फिल्म मुगले-ए-आजाम पर मीम्स बनते हैं। दिलीप कुमार ने बॉलीवुड में एंट्री 1940 में की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

इनकी पहली फिल्म भी इत्फाक से 7 जुलाई को 1944 को ज्वार भाटा के नाम से रिलीज हुई थी। लेकिन उन्हें सफलता साल 1949 में रिलीज हुई अंदाज से मिली। इसके बाद बॉलीवुड में लगातार विभिन्न तरह के किरदार निभाने के बाद दिदार और देवदास फिल्म में दुःखद रोल अदा करने के लिए उन्हें ट्रेजिडी किंग कहा जाना लगा। लेकिन ट्रेजिडी किंग अपनी पर्सनल लाइफ में प्यार के मामले में बड़े लकी थे। सायरा बानो और दिलीप कुमार के उम्र में 22 साल का अंतर था। लेकिन उनके प्यार में कभी भी कोई अंतर नहीं आया। खबरों की मानें तो सायरा बानो आज भी अपने सौहर को किसी को नजर न लगे इसके लिए उनके कान में कुछ कहती थी।

और पढ़ें: जाने उन टीवी शो के बारे में, जो सामाजिक मुद्दों पर आधारित है

दिलीप कुमार का फिल्मी करियर

बॉलीवुड में उनकी एंट्री में लक ने उनका बहुत साथ दिया। कहा जाता है कि साल 1943 में उनकी मुलाकात मुंबई के चर्चगेट स्टेशन में डॉ मसानी से हुई। इन्होंने ही दिलीप कुमार को बॉम्बे टॉकीज में काम करने का ऑफर दिया। इसके बाद उनकी मुलाकात टॉकीज की मालकिन देविका रानी से हुई जिसके साथ उनके साथ 1250 रुपए सालाना अग्रीमेंट कर लिया। यहीं से शुरु हुआ उनका फिल्मी करियर जहां उनकी मुलाकात अभिनेता अशोक कुमार से हुई। इसके बाद उनकी पहली फिल्म साल 1949 में रिलीज हुई। दिलीप कुमार की प्रमुख फिल्मों में विधाता, दुनिया, कर्मा, इज्जतदार, सौदागार और किला है। साल 1998 में दिलीप कुमार ने आखिरी फिल्म में काम किया।

अवॉर्ड

दिलीप कुमार बॉलीवुड के पहले दिग्गज अभिनेता थे जिन्हें फिल्म फेयर्स अवॉर्ड मिला था। इसके बाद उन्होंने कई अवॉर्ड अपने नाम किए। इसके साथ ही उन्हें साल 1994 को फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। साल 1991 में दिलीप कुमार को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। भारत के साथ-साथ उन्हें पाकिस्तान से भी अवॉर्ड दिए गए हैं।  साल 1998 में दिलीप कुमार को पाकिस्तान सरकार द्वारा सर्वोच्च नागिरक पुरस्कार निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button