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Saroj Khan death anniversary: सरोज खान एक दिग्गज भारतीय नृत्य निर्माता और नृत्य निर्देशक का अद्भुत सफर

सरोज खान, जो हमारी प्रिय नृत्य गुरु रही हैं, आज हमें उन्हें याद करने का दिन है। आज, उनकी तीसरी पुण्यतिथि पर हम उनके अद्वितीय नृत्य को मनाते हैं और उन्हें उनके संगीत से जुड़े लोगों की प्रेरणा और उत्कृष्टता का सम्मान करते हैं।

Saroj Khan death anniversary: कार्डियक अरेस्ट बना सरोज खान की मृत्यु का कारण

सदियों से चली आ रही हमारी भारतीय संस्कृति में नृत्य का एक विशेष स्थान है। और जब बात हो फिल्मी नृत्य की, तो सरोज खान का नाम सबसे पहले उभरता है। सरोज खान, जिन्हें नृत्य की ‘मास्टर जी’ कहा जाता था, हमारे दिलों में आज भी अमर हैं। जब हम उन्हें याद करते हैं, तब हम उनकी अद्वितीय प्रतिभा, नवोन्मेषी कोरियोग्राफी और भारतीय फिल्म उद्योग पर उनके महत्वपूर्ण प्रभाव को याद करते हैं। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से असीमित रंग-बिरंगे नृत्यांगनों को जीवंत किया और उन्हें नया आयाम दिया। सरोज खान जी की तीसरी पुण्यतिथि पर, हम उन्हें आदर्श कलाकार, नृत्य देवी और एक योगदानकर्ता के रूप में याद करते हैं।

 

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शुरुवाती जीवन

सरोज खान, जिनका असली नाम निर्मला किशनचंद साधु सिंह नागपाल था। उनके माता-पिता, किशनचंद साधु सिंह और नोनी सिंह, भारत के विभाजन के बाद भारत आए थे। सरोज ने अपना करियर बाल कलाकार के रूप में शुरू करने का फैसला किया था जब उनकी उम्र तीन साल थी, और उन्होंने फिल्म ‘नज़राना’ में बेबी श्यामा की भूमिका निभाई थी। इसके बाद, 1950 के दशक के अंत तक, वे एक बैकग्राउंड नृत्यांगन बन गई थीं।

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सरोज का करियर

अपनी पूरी करियर के दौरान, सरोज खान ने कई अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं का सहयोग किया और बॉलीवुड के कुछ श्रेष्ठ गानों पर अपनी मार्क छोड़ी। उनकी सबसे प्रसिद्ध और मशहूर कोरियोग्राफी माधुरी दीक्षित उन्होंने फिल्म “तेज़ाब” में “एक दो तीन” और “बेटा” में “धक धक करने लगा” जैसे लोकप्रिय नृत्य गाने आए। सरोज खान की कोरियोग्राफी और माधुरी दीक्षित की मजबूत अभिनय प्रदर्शन की मिलावट ने इन गानों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और उन्हें व्यापक प्रशंसा और प्रसिद्धि दिलाई।

सरोज खान जी की मृत्यु का कारण

सरोज खान जी की मृत्यु का कारण मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सम्बंधित मुद्दे थे। उन्हें कार्डियाक अरेस्ट के चलते अचानक अस्वस्थ हो गए थे और उन्होंने इसके बाद दम तोड़ दिया।

एक जीवन में कई साहसिक कदम उठाने पड़ते हैं और सरोज खान ने भी अपने नृत्य में साहसिक पहलुओं को संजोया। उन्होंने बॉलीवुड नृत्य को नए आयाम दिए और उनका योगदान नृत्य साहित्य में अमरता की ऊँचाइयों को छूने का सबूत है।

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सरोज खान का नृत्य करियर इतना विशाल है कि उसे शब्दों में व्यक्त करना असंभव है। उन्होंने महान अभिनेत्रियों के साथ काम किया और उन्हें नया आयाम दिया। उनके नृत्य में सुंदरता, गतिमान और भावनात्मकता समाहित होती थी, जो उन्हें अन्य सभी नृत्यांगनों से अलग बनाती थी।

सरोज खान ने कई साधारण फिल्मों को भी अनोखा नजरिया दिया, जिन्हें उन्होंने अद्वितीयता से सजाया। उनके नृत्यांगनों का रंगीनी और चमकदार नृत्य मंच के लिए एक नया चेहरा था। उन्होंने नृत्य के माध्यम से कहानी को दर्शकों तक पहुंचाने की कला अपने नृत्य में समाहित की थी।

पुरस्कार

सरोज खान ने अपने करियर में कई पुरस्कार प्राप्त किए, जिनमें राष्ट्रीय पुरस्कार, फ़िल्मफेयर अवार्ड और सिनेमा अवार्ड शामिल हैं। उन्होंने अपने नृत्य में उन्नति की और नये-नये साधारण को रंगीन बनाने का संकल्प लिया।

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हम सरोज खान की तीसरी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हैं और उनके महान नृत्य यात्रा को सलाम करते हैं। उनकी मृत्यु से एक खाली स्थान बन गया है, जो फिल्मी नृत्य के प्रेमी कभी नहीं भर सकेंगे। सरोज खान की यादों को सम्मानित करते हुए हमें उनके नृत्य को जीवित रखना चाहिए और अगली पीढ़ियों को प्रेरित करना चाहिए ताकि हमारी संस्कृति का यह महत्वपूर्ण हिस्सा हमेशा बना रहे। उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में बसी रहेंगी।

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