Drishyam 2 Review : फिल्म है रहस्य और रोमांच से भरपूर, क्लाइमेक्स आपका दिल जीत लेगा।
Drishyam 2 Review : धमाकेदार एंडिंग और मजबूत किरदार, वीकेंड कर लें लॉक दृश्यम 2 के लिए।
Highlights –
- एक मर्डर और उसके पीछे घूमती कहानी।
- वो कहानी जो लगता है कि एक बार खत्म हो गई है लेकिन कहानी अभी खत्म नहीं हुई है।
- कहानी एक बार फिर आती है लेकिन इस बार डबल सस्पेंस और धमाकेदार क्लाइमेक्स के साथ।
Drishyam 2 Review : एक मर्डर और उसके पीछे घूमती कहानी। वो कहानी जो लगता है कि एक बार खत्म हो गई है, लेकिन कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। कहानी एक बार फिर आती है, लेकिन इस बार डबल सस्पेंस और धमाकेदार क्लाइमेक्स के साथ। हम बात कर रहे हैं फिल्म दृश्यम 2 की।
हम आपको फिल्म का रिव्यू दें या फिल्म के बारे में बताएं, उससे पहले कहना चाहेंगे कि अगर आपने फिल्म का पहला पार्ट नहीं देखा है तो वो सबसे पहले जाकर देखें क्योंकि भाई, सिक्वल का मजा तो तभी आ सकता है।
फिल्म को बिल्कुल उसी हिस्से से शुरू किया गया है जहां 2014 में फिल्म खत्म हुई थी। यानी की फिल्म सात सालों बाद की कहानी को दर्शाती है।
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कहानी – कहानी वहीं शुरू होती है जहां पहले पार्ट में खत्म हुई थी। यानी की सात सालों बाद कहानी और कहानी के किरदारों के साथ क्या – क्या होता है। उनकी ज़िंदगी सात सालों बाद कौन से नये मोड़ पर करवट लेती है और किस अंदाज़ में उम्मीद से हटकर कुछ नया पेश करती है, दृश्यम 2 के सीक्वल में यही दिखाया गया है। फिल्म थ्रिलर है तो लाज़मी है कि फिल्म में आपको अटका कर रखने की काबिलियत होगी जिसमें दृश्यम 2 की कहानी सफल होती नजर आती है।
सिनेमेटोग्राफी – एक सीन से दूसरे सीन में कहानी को जोड़े रखना आसान नहीं होता है लेकिन दृश्यम 2 की सिनेमेटोग्राफी ने इसमें बाजी मारी है। कहानी के हिसाब से फिल्म की गति, फिल्म में इस्तेमाल किए गए लाइट, साउंड फिल्म को बेहतरीन ढंग से देखने योग्य बनाते हैं।
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किरदार और एक्टिंग – फिल्म की सबसे अच्छी बात है कि फिल्म मेकर्स ने फिल्म में किसी पुराने किरदार को नहीं बदला। ये कहानी के साथ उनके मेल को जिंदा रखता है। कुछ नए किरदारों की एंट्री जरूर हुई है लेकिन वह कहानी के साथ घुल जाते हैं और फिल्म में अपनी मौजूदगी बेहतर तरीके से रखने में सफल हो पाते हैं। अजय से लेकर तब्बू तक इनकी एक्टिंग एक मिनट के लिए भी बनावटी नहीं लगी है। फिल्म में छोटे किरदारों ने भी अपना पार्ट बेहतरीन किया है।
कमजोर कड़ी – फिल्म की शुरुआत से लेकर क्लाइमेक्स आने तक आप ट्विस्ट का इंतज़ार करते रहेंगे लेकिन आपको इसी बीच कहीं – कहीं बोरियत महसूस हो सकती है। लेकिन फिर फिल्म खत्म होते ही आपको इस बात का विश्वास हो जाता है कि क्यों पूरी फिल्म को प्लेन बनाया गया ताकि क्लाइमेक्स बेहतरीन हो सके। इसलिए आप एक पहलू में तो इसे कमजोर कड़ी कह सकते हैं लेकिन दूसरे पहलू में देखें तो यही फिल्म की मजबूत कड़ी भी है और यही बात फिल्म की सबसे ज्यादा अच्छी है।
इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप फिल्म को देखने जा सकते हैं जो 18 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।
फिल्म को हम देते हैं 3.5 \ 5 स्टार्स