Andaaz 2 Review: पुराने मसालों के साथ बनी कहानी, अंदाज का फीका स्वाद
Andaaz 2 Review, Andaaz 2 को लेकर दर्शकों में काफी उम्मीदें थीं, खासकर पहले वाले भाग की लोकप्रियता के बाद।
Andaaz 2 Review : पुराने अंदाज की झलक, लेकिन कहानी का फिसलना साफ़ दिखा
Andaaz 2 Review, Andaaz 2 को लेकर दर्शकों में काफी उम्मीदें थीं, खासकर पहले वाले भाग की लोकप्रियता के बाद। लेकिन ये फिल्म उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। कहानी में नए-पुराने कई मसालों को समेटने की कोशिश की गई है, लेकिन यह कोशिश कहीं अधिक फैली हुई और असंगठित लगती है। फिल्म का प्लॉट उतना मजबूत नहीं है जितना कि इसे होना चाहिए था। कहानी का मूल उद्देश्य दर्शकों को बांधने का था, लेकिन इसके कई हिस्से उलझन और बिखराव के शिकार हो गए।
पुराने अंदाज की वापसी पर सवाल
फिल्म का नाम और थीम पहले वाले “अंदाज” से प्रेरित जरूर है, लेकिन नया संस्करण उसी अंदाज का बेकार प्रतिबिंब लगता है। पुराने मसाले यानी रोमांस, ड्रामा और कॉमेडी को फिल्म में शामिल करने की कोशिश की गई है, लेकिन यह मिश्रण फिल्म को बेस्वाद बना देता है। कहानी में जो भावनात्मक गहराई और प्रभाव होना चाहिए था, वह पूरी तरह से गायब है। पुराने दौर के फिल्मी स्टाइल को नए युग के हिसाब से ढालना बेहद जरूरी था, लेकिन यह फिल्म उसमें असफल रही।
किरदारों की भूमिका और अभिनय
फिल्म में कलाकारों ने अपनी भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन कमजोर कहानी और कमजोर स्क्रिप्ट के कारण उनका प्रदर्शन भी फीका पड़ गया। किरदारों की गहराई और उनका विकास फिल्म में ठीक से दिखा नहीं। कई बार ऐसा लगा कि कहानी के बीच में ही किरदार खो गए हैं। एक अच्छा अभिनेता भी कमजोर कहानी के आगे मजबूर हो जाता है, और यही इस फिल्म के साथ हुआ।
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निर्देशन और पटकथा का कमजोर पक्ष
निर्देशक ने फिल्म में सबकुछ शामिल करने की कोशिश में कहानी की स्पष्टता खो दी। पटकथा में ढीलेपन और कई अनावश्यक सबप्लॉट्स की भरमार है, जो फिल्म की रफ्तार को धीमा कर देते हैं। कहानी का फोकस कई जगह भटकता दिखता है और दर्शक बिंदु तक पहुंचने से पहले ही कहानी खो जाती है। यह एक बड़ी कमजोरी है जो फिल्म को कमजोर बनाती है।
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तकनीकी पक्ष और संगीत
फिल्म के तकनीकी पहलू जैसे कि सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग और संगीत कुछ हद तक औसत हैं। संगीत कुछ खास छाप छोड़ने में नाकाम रहा, जबकि पहले वाले “अंदाज” में संगीत ने कहानी को मजबूती दी थी। इस बार संगीत का असर कमजोर पड़ गया है, जिससे फिल्म के कुछ महत्वपूर्ण दृश्यों में भावनात्मक गहराई नहीं आ पाई। Andaaz 2 एक ऐसी फिल्म है जो पुरानी यादों और मसालों को एक साथ लाने की कोशिश करती है, लेकिन उस कोशिश में कहानी और निर्देशन बिखर जाते हैं। फिल्म में कहीं अधिक समेटने के चक्कर में वह अपनी असली खूबसूरती खो बैठी है। अगर आप पहले वाले “अंदाज” की झलक पाने के लिए फिल्म देखने जाएं, तो आपको निराशा ही हाथ लगेगी। यह फिल्म केवल उन दर्शकों के लिए उपयुक्त हो सकती है जो हल्की-फुल्की मनोरंजन की तलाश में हैं, लेकिन जो गहराई और प्रभाव चाहते हैं, उन्हें यह फिल्म निराश कर सकती है।
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