क्यों है ज़रूरत यौन शिक्षा की?
बेहतर समाज के लिए ज़रूरी है यौन शिक्षा
यौन शिक्षा एक ऐसा विषय है जिसके बारे में कोई खुल कर बात नही करना चाहता परंतु क्या आप यह जानते है की इसका इतना गुप्त रखे जाना आने वाली पीढ़ी और हमारे समाज के लिए ही हानिकारक है। यह देखा गया है कि बच्चे अपने माता पिता से इस विषय पर बात करने में कतराते हैं शायद वह इसलिए कि उन्हें लगता है की वे क्या बोलेंगे और माता पिता भी कभी इस विषय पर चर्चा नही करते जिससे बच्चों की कन्फ़्यूज़न और मन में उठ रहे प्रश्नों के जवाब उन्हें मिल सकें जब उन्हें यहाँ से जवाब नही मिलते तब वे बाक़ी दोस्तों और इंटर्नेट से जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं जो उनके मस्तिष्क के लिए सही नही होता।
तो आख़िर यौन शिक्षा या सेक्स एजुकेशन है क्या? यौन शिक्षा मानव यौन शरीर रचना विज्ञान, लैंगिक जनन, यौन गतिविधियाँ, यौन संयम, गर्भनिरोध सहित मानव कामुकता से सम्बंधित अनुदेशों को कहा जाता है। अधिकतर संस्कृतियों में युवाओं को यौन शिक्षा नही दी जाती क्योंकि इसे वर्जित माना जाता है। पहले ज़माने में माता पिता तह शिक्षा उन्हें शादी के समय तक नही देते थे जिससे उनके मन में कई धारणाएँ जन्म ले लेती थी। सेक्स एजुकेशन की शुरुआत अमेरिका के कुछ विद्यालयों में यह सामाजिक स्वच्छता के रूप में आरम्भ किया गया।
वैसे तो हमारे देश में भी यौन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोग्राम चलाए गए हैं किंतु वे अपने आप में काफ़ी नही हैं। अब विद्यालयों में यौन शिक्षा के तहत एड्ज़ जैसी बीमारीयो और और भी कई विषयों को बच्चों की शिक्षा में शामिल किया गया है। आइए जानिए किस कारण से यौन शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण बनती है।
- यौन शिक्षा से अनचाहे गर्भ की समस्या को ख़त्म किया जा सकता है। यह परिस्थिति तब उत्पन्न होती है जब वे बिना सही जानकारी के ख़ुद को यौन गतिविधियों में शामिल कर लेती हैं जिससे उनका आने वाला भविष्य ख़राब हो जाता है।
- इससे वे सही और ग़लत के बारे में निर्णय ले पाना सीखते हैं। इससे वे अच्छे और बुरे सम्बन्धों में फ़र्क़ करना सीख जाते हैं।
- सेक्स एजुकेशन उन्हें केवल सेक्स के बारे में उचित और अनुचित के बारे में नही सिखाती बल्कि उन्हें यह भी बताती है कि उनके शरीर और उसके साथ होने वाली गतिविधियों के बारे में निर्णय लेने का केवल उन्हें हक़ है।
- इससे दोनो लिंग के युवा एक दूसरे का सम्मान करना सीखते है जिससे ईव टीज़िंग और सेक्शूअल असॉल्ट जैसी समस्याएँ हल हो जाती है।
- इससे उनका भविष्य ख़राब होने से बच जाता है। यदि उन्हें सही शिक्षा दी जाए तो वे ग़लत जानकारी से ग़लत राहों पर जा सकते हैं जिससे उनकी पढ़ाई का नुक़सान होगा।
- इससे एक स्वस्थ माहौल बनता है जो पूरे समाज के लिए अच्छा होता है।
ये सभी कारण सेक्स एजुकेशन को अनिवार्य बनाते हैं। देखा जाए तो इसे केवल विद्यालयों में नही घर पर भी देना चाहिए क्योंकि इससे माता पिता और बच्चों के बीच में बेहतर सम्बंध बनेंगे। इसे सभी उम्र के लोगों को दिया जाना चाहिए। कई देशों में इसे सभी उम्र के बच्चों को पढ़ाया जाना अनिवार्य है जो की उचित भी है। एक उज्जवल भविष्य की और अग्रसर होने के लिए यौन शिक्षा बहुत अधिक ज़रूरी है।