Exam Result: बच्चे के एग्जाम स्ट्रेस को इस तरह करें दूर, बोर्ड परीक्षा में नंबर भी आएंगे भरपुर
देशभर में कई बच्चे इस समय बेसब्री से अपने एग्जाम रिजल्ट्स का इंतजार कर रहे हैं। आज जहां यूपी बोर्ड के 10वीं-12वीं का रिजल्ट जारी होने वाला है तो वहीं आने वाले दिनों में अन्य बोर्ड के रिजल्ट भी जारी किए जाएंगे। ऐसे में अकसर बच्चे रिजल्ट के डर से एंग्जायटी का शिकार हो जाते है। ये टिप्स इससे निपटने में मददगार होंगे।
Exam Result: अगर अपने एग्जाम को लेकर बच्चा रहता है परेशान, तो ये खास टिप्स जरूर अपनाएं
Exam Result: बोर्ड एग्जाम्स की तैयारियों में बच्चे दिन रात एक किए हुए हैं। लास्ट टाइम रिवीजन और अब तब बचे हुए डाउट्स को क्लीयर करने के लिए छात्र छात्राएं हर संभव प्रयास कर रह हैं। परीक्षाओं की वजह से घर में भी एक तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। परीक्षा में अच्छा परिणाम लाने और पेरेंट्स टीचर्स की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश में कई बच्चे काफी तनाव झेल रहे हैं। तनाव की वजह से बच्चों का फोकस पढ़ाई से हट जा रहा है और वे बेहतर ना कर पाने के डर से मानसिक परेशानियों के शिकार हो रहे हैं। अगर आपका बच्चा भी इन दिनों एक्जाम स्ट्रेस से जूझ रहा है तो आप कुछ टिप्स की मदद से उसकी मदद कर सकते हैं।
बच्चों को रखें रिलैक्स
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा पढ़ाई में बेहतर करे तो सबसे पहले उसे मानसिक रूप से रिलैक्स करना जरूरी है। इसके लिए आप उसे महससू कराएं कि आपके लिए पढ़ाई और रिजल्ट के नंबर मायने नहीं रखते हैं। यकीन मानिए, आपका बच्चा रिलैक्स महसूस करेगा और पूरे कॉन्सन्ट्रेशन के साथ रिवीजन कर पाएगा।
बच्चों के साथ खुला संचार करें
चिंता छात्रों में अजीब व्यवहार का कारण बन सकती है, जिसे समझ पाना अकसर मुश्किल होता है। ऐसे में एग्जाम रिजल्ट आने से पहले अपने बच्चों से खुलकर और ईमानदार होकर बातचीत करें। उन्हें शांत करते हुए यह समझाएं कि एग्जाम रिजल्ट उनकी योग्यता या भविष्य की सफलता को तय नहीं करते हैं। साथ ही उन्हें सकारात्मक रहने में मदद करें।
तुलना करने से बचें
अकसर रिजल्ट आने पर बच्चे या फिर खुद पेरेंट्स बच्चों की तुलना दूसरों से करने लगते हैं। हालांकि, ऐसा करने से सिर्फ चिंता और आत्म-संदेह को बढ़ावा मिलता है। हर बच्चे की अपनी अलग ताकत और कमजोरियां होती हैं। इसलिए अपने बच्चों की तुलना न करते हुए उनके निरंतर सुधार पर ध्यान दें, और उन्हें पिछली गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
मदद करें उनकी
अक्सर कई माता पिता अपने काम में व्यस्त रहते हैं और परीक्षा की तैयारियों में जुटे बच्चों की तरफ ध्यान नहीं देते। लेकिन आपको बता दें कि अगर वे लगातार अकेले में तनाव झेल रहे हैं तो ये उनके लिए मुश्किल भरा समय हो सकता है। ऐसे में आप बीच बीच में उनसे बातचीत करें और मदद मांगें।
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दैनिक दिनचर्या बनाए रखें और सक्रिय रहें
सक्रिय रहकर दैनिक दिनचर्या बनाए रखने से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। परीक्षा परिणाम की चिंता को मैनेज करने के लिए, बच्चों को संतुलित आहार दें और व्यायाम या कोई ऐसी एक्टविटी करने को कहें, जो उन्हें पसंद हो। इससे एंडोर्फिन रिलीज होगा, जो मूड में सुधार करते हैं।
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नकारात्मक विचारों को कम करें
माता-पिता और शिक्षक बच्चों को तनाव से निपटने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी उनके नकारात्मक विचारों को कम करना है। उनके नकारात्मक विचारों को सकारात्मक से बदलकर ऐसी मानसिकता विकसित करें, जो उपलब्धियों और सुधार दोनों को स्वीकार करे।
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