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Loan News: मौत के बाद ऐसे ही जाएगा लाखों रुपए का लोन माफ, बस कर होगा ये काम

आज के समय में हमें पैसों की जरूरत होती है तो हमें सबसे पहला ध्यान लोन (Loan) का आता है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तब लोन की राशि किसे देनी पड़ेगी। क्या बैंक लोन को माफ कर देती है? आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।

Loan News: मृत्यु के बाद इस तरीके से लोन हो जाएगा माफ, ऐसे लोन की भरपाई बैंक खुद करता है


Loan News: एक दौर था जब पैसों की जरूरत पड़ने पर हमें रिश्तेदारों से उधार मांगना पड़ता था फिर सामान गिरवी रखना पड़ता था। वहीं, वर्तमान में हमें ऐसे करने की जरूरत नहीं पड़ती है। आज के समय में हमें पैसों की जरूरत होती है तो सबसे पहला ध्यान लोन (Loan) का आता है। हमें घर बनाना है या फिर कार खरीदना है तो हमें इन सब के लिए अलग से लोन ले सकते हैं। बैंक या वित्तीय संस्थान हमें होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan), कार लोन (Car Loan), एजुकेशन लोन (Education Loan) की तरह अन्य प्रकार के लोन देता है। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तब लोन की राशि किसे देनी पड़ेगी। कई लोगों का मानना है कि अगर लोन धारक की मृत्यु हो जाती है तब बैंक लोन को माफ कर देती है।

आइए, जानते हैं कि बैंक लोन को कब माफ करती है?

लोन लेते समय लोन धारक को कोई गारंटी जरूर देनी होती है। वहीं, कई लोन में गारंटर का होना भी जरूरी होता है। ऐसे में अगर किसी स्थिति में लोन धारक की मृत्यु हो जाती है तो बैंक लोन धारक के उत्तराधिकारी से या उसके परिवार से लोन की राशि लेते हैं।

मृत्यु के बाद इस तरीके से लोन नहीं चुकाना पड़ेगा

लोन धारक के उत्तराधिकारी से या उसके परिवार के पास एक तरीका होता है जिसकी मदद से उनको लोन नहीं चुकाना पड़ता है। अगर लोन धारक ने लोन लेते समय लोन का इंश्योरेंस (Loan Insurance) किया है तब लोन माफ हो सकता है। लोन धारक की मृत्यु के बाद बैंक इंश्योरेंस (Insurance) के प्रीमियम से बकाया राशि वसूलता है। ऐसे में लोन की राशि परिवार के सदस्य को चुकाना नहीं पड़ता है।

ऐसे लोन की भरपाई बैंक खुद करता है

अगर लोन धारक ने क्रेडिट कार्ड लोन (Credit Card Loan) या पर्सनल लोन लिया है तब बैंक परिवार से लोन की राशि नहीं वसूल सकता है। दरअसल, इस तरह के लोन अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured Loan) में आते हैं। इस लोन की भरपाई बैंक खुद करता है। बैंक लोन को एनपीए (NPA) में घोषित करता है।

अगर ले रखा हो होम लोन

अगर होम लोन लेने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो लोन का बचा हुआ पैसा उसके उत्तराधिकारी को चुकाना पड़ता है। अगर वह लोन की राशि चुकाने में असमर्थ है, तो प्राॅपर्टी को नीलाम कर बैंक अपना कर्ज वसूल करते हैं। हालांकि, अगर होम लोन पर बीमा कराया गया है तो लोन की राशि इंश्योरेंस कंपनी से वसूल की जाएगी। अगर टर्म इंश्योरेंस लिया गया हो तो क्लेम अमाउंट नॉमिनी के अकाउंट में डालकर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है। कानूनी उत्तराधिकारी को यह अधिकार होता है कि वो क्लेम अमाउंट से ही बकाया चुका दे। लोन अगर जॉइंट तरीके से लिया गया है तो लोन रीपेमेंट की जिम्मेदारी उसके ऊपर पड़ती है।

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कार लोन, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड की स्थिति में

कार लोन की स्थिति में बैंक परिवारवालों से संपर्क करते हैं। अगर बॉरोअर का कोई कानूनी उत्तराधिकारी है, जो कार रखना चाहता है और बकाया चुकाने को तैयार है तो वो इसे रखकर बकाया चुका सकता है और अगर नहीं तो फिर बैंक वो गाड़ी जब्त करके उसे बेचकर बकाया निकालते हैं। पर्सनल और क्रेडिट कार्ड लोन ऐसे उधार है, जिनका कोई कॉलेटरल नहीं होता है, जिसके चलते बैंक बकाया रकम कानूनी उत्तराधिकारी या परिवारवालों से नहीं वसूल सकते हैं, कोई को-बॉरोअर है तो वो यह लोन चुका सकता है। हालांकि, ऐसा न होने पर बैंक को इसे एनपीए यानी नॉनपरफॉर्मिंग असेट डिक्लेयर करना पड़ता है।

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