Credit Card Fraud: आप भी करते हैं क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल? जान लें RBI के ये जरूरी नियम, कभी नहीं होंगे फ्रॉड का शिकार
Credit Card Fraud: क्रेडिट कार्ड फ्रॉड (Credit Card Fraud) से बचने के लिए आप RBI के इन जरूरी स्टेप्स को फॉलो करें। हम आपको आज बता रहे हैं उन बातों के बारे में जिन्हें फॉलो करके आप इस तरह की ठगी से बच सकते हैं। क्रेडिट कार्ड यूजर्स, सजग और सावधान रहकर फ्रॉड से बच सकते हैं।
Credit Card Fraud: क्रेडिट का इस्तेमाल करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें
डिजिटल मनी और प्लास्टिक मनी पर लगातार बढ़ रही निर्भरता के बीच क्रेडिट कार्ड फ्रॉड में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन आप खुद को साइबर क्राइम जैसे क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से बचाए रखना चाहते हैं तो कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यह जरूरी है कि क्रेडिट कार्ड फ्रॉड (Credit Card Fraud) से बचने के लिए आप RBI के इन जरूरी स्टेप्स को फॉलो करें। हम आपको आज बता रहे हैं उन बातों के बारे में जिन्हें फॉलो करके आप इस तरह की ठगी से बच सकते हैं। क्रेडिट कार्ड यूजर्स, सजग और सावधान रहकर फ्रॉड से बच सकते हैं। जानें आप किस तरह कुछ टिप्स को ध्यान में रखकर क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से बच सकते हैं।
कार्ड पर ओवरलिमिट फीस ली जा सकती है?
RBI ने बैंकिंग धोखाधड़ी को कम करने के लिए क्रेडिट कार्ड का ओवरलिमिट इस्तेमाल करने के लिए कार्डधारक की सहमति पहले लेने को अनिवार्य कर दिया है। मतलब कि अगर आपने बैंक काे स्पष्ट रूप से बताया है कि आप अपने कार्ड का ओवरलिमिट इस्तेमाल करना चाहते हैं, तभी इसकी इजाजत मिलेगी। साथ ही, कस्टमर को कार्ड जारी करने वाले संस्थान के मोबाइल बैंकिंग या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर शुरू या बंद करने का विकल्प भी दिया जाए। बिना कस्टमर की स्पष्ट सहमति के ना तो ओवरलिमिट दी जा सकती है और ना ही उसके लिए कोई चार्ज लगाया जा सकता है।
बिना सहमति के कार्ड जारी होने पर क्या करें?
कार्ड जारी करने वाले वित्तीय संस्थानों के लिए स्पष्ट निर्देश हैं कि वे इसे जारी करने से पहले ग्राहक की रजामंदी लें। हालांकि, अगर आपने क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई नहीं किया है और वह आपको मिलता है, तो उसे ओटीपी या किसी माध्यम से सक्रिय करने की सहमति नहीं देनी चाहिए। ग्राहक कार्ड जारी करने वाले संस्थान के पास शिकायत कर सकता है। अगर वहां उसकी बात नहीं सुनी जाती, तो वह RBI लोकपाल के पास भी जा सकता है।
दूसरे लोन अकाउंट्स के लिए भी जारी हो सकता है कार्ड
कई अकाउंट्स में ओवरड्राफ्ट, कैश लोन और वर्किंग कैपिटल लोन जैसी कर्ज वाली फैसिलिटी होती है। इनके लिए भी क्रेडिट कार्ड जारी करने की कोई मनाही नहीं है। लेकिन, इसकी कुछ शर्तें हैं। अब जैसे कि ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में जितनी रकम कर्ज के तौर पर मिल सकती है, उसे निकालने के लिए खास तरह का क्रेडिट कार्ड जारी किया जा सकता है। इस क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की सभी शर्तें, जैसे कि रीपेमेंट, फाइन, ब्याज और निकासी सीमा, ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी पर लागू नियमों और शर्तों के हिसाब से ही होंगी।
इन बातों का भी रखें ध्यान
सुरक्षित जगह रखें क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से बचने का पहला और प्राइमरी स्टेप है इसे ऐसी सुरक्षित जगह पर रखना, जहां दूसरे लोग इसे एक्सेस ना कर सकें। सबसे पहले ध्यान दें कि आपका नई क्रेडिट कार्ड किट के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ ना हुई हो यानी यह फटा ना हो। क्रेडिट कार्ड को हमेशा एक वॉलिट में रखें, ताकि जेबकतरों के लिए इसे निकालना आसान ना हो। हर बार खरीदारी के बाद तुरंत अपने कार्ड को वापस रखें, क्योंकि कई बार साइबर क्रिमिनल्स सेल फोन कैमरे से स्नैपशॉट के जरिए आपके क्रेडिट कार्ड का डिजिटल प्रिंट चुरा लेते हैं। इसके अलावा समय-समय पर यह सुनिश्चित करते रहें कि आपक वॉलिट में क्रेडिट कार्ड मौजूद है। भले ही आप इसका ज्यादा इस्तेमाल ना कर रहे हों।
क्रेडिट कार्ड के ट्रांजेक्शन ऑनलाइन चेक करते रहना
अधिकतर क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने ग्राहकों को SMS और ईमेल अलर्ट के जरिए क्रेडिट कार्ड टांजैक्शन मॉनिटर करने की सुविधा देती हैं। ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए भी ऐसा किया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड से होने वाले हर खर्चे को ट्रैक करने के लिए आप रियल-टाइम अलर्ट भी इनेबल कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड के पेपर बिल को लेकर सजग रहें
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के कई आसान तरीके हैं। ध्यान रहे कि क्रेडिट कार्ड बिलिंग स्टेटमेंट में आमतौर पर क्रेडिट कार्ड का पूरा नंबर छपा रहता है। क्रेडिट कार्ड यूजर होने के चलते आप यह याद रखें कि बिल या स्टेटमेंट का काम खत्म होने पर इसे नष्ट करके ही फेंके। एक्सपायर या कैंसिल हो चुके क्रेडिट कार्ड को भी नष्ट करकने ही फेंकना चाहिए।
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क्रेडिट कार्ड की डिटेल कभी भी पब्लिक ना करें
हमेशा फिशिंग और स्कैम से सावधान रहें। क्रेडिट कार्ड नंबर और इससे जुड़ी दूसरी संवेदनशील जानकारी कभी भी टेक्स्ट मैसेज या फोन के जरिए शेयर ना करें। आमतौर पर लोगों को फंसाने के लिए फ्रॉड किसी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर या किसी और कंपनी के एग्जिक्युटव बनकर कॉल करते हैं। इस तरीके से यूजर्स क्रेडिट कार्ड के बारे में संवेदनशील जानकारी लीक कर सकते हैं। अपना PIN याद रखने की कोशिश करें और समय-समय पर इसे बदलते रहें।
अपने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को डबल-चेक करें
क्रेडिट कार्ड यूजर्स को ईमेल में मिलने वाले लिंक को लेकर भी सावधान रहना चाहिए। इस तरह की फिशिंग थ्रेट में आमतौर पर ये फ्रॉड बैंक जसे दिखने वाले लोगो का इस्तेमाल करते हैं और क्रेडिट कार्ड प्रोवाइडर बनकर यूजर की पर्सनल इन्फोर्मेशन मांगते हैं। ध्यान रहे कि जिस भी वेबसाइट से आप खरीदारी कर रहे हैं, वह वैलिड है या नहीं, इसे वेरिफाई कर लें। यह देखें कि सेम नाम वाली कोई और वेबसाइट तो नहीं है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करें कि वेबसाइट के एड्रेस बार में https:// जरूर हो।
चोरी या खोए हुए क्रेडिट कार्ड की तुरंत करें शिकायत
हमेशा यह सलाह दी जाती है कि अगर आपका कार्ड खो गया हो या चोरी हो गया हो तो जितनी जल्दी हो सके, इसकी जानकारी अपने सर्विस प्रोवाइडर को दें। एक ग्राहक होने के नाते, यह याद रखना जरूरी है कि आप जितनी जल्दी कार्ड खोने की शिकायत दर्ज कराते हैं उतनी जल्दी फ्रॉड रुकने की संभावनी रहती है। अपनी फोनबुक में क्रेडिट कार्ड कंपनी का कस्टमर सर्विस नंबर हमेशा सेव करके रखें। क्रेडिट कार्ड खोने पर कंपन को सूचना देकर ही फ्रॉड को रोका जा सकता है।
पासवर्ड मजबूत बनाएं
डिजिटल जमाने के युग में क्रेडिट कार्ड को ऑनलाइन चोरी करना काफी आसान हो गया है। मजबूत पासवर्ड बनाने का एक बेसिक नियम है- अपर केस और लोअर केस अक्षर के साथ अंकों का इस्तेमाल करना जैसे- Password@1234। इसके अलावा जरूरी है कि अपने पासवर्ड को भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए किसी पेपर पर लिखने की जगह याद करके रखें। सबसे जरूरी बात है कि क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के प्रोटेक्शन की शुरुआत एक ग्राहक से ही होती है। हर क्रेडिट कार्ड यूजर के लिए सबसे जरूरी है सजग रहना।
अगर आपको अपने ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड में कुछ भी असामान्य दिखे तो तुरंत अपनी कंपनी को उसे रिपोर्ट करें। जरूरी है कि अपने क्रेडिट कार्ड बिलिंग स्टेटमेंट को हर महीने रिव्यू करते रहें। अगर आपको कोई भी ऐसा ट्रांजैक्शन दिखे जो आपने नहीं किया है तो हो सकता है कि आप क्रेडिट कार्ड फ्रॉड का शिकार हुए हों। ऐसे में जरूरी है कि अपनी कंपनी को इसकी सूचना दें, कार्ड को ब्लॉक करें, अकाउंट को बंद करें और एक नए अकाउंट नंबर के लिए अप्लाई करें।
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