Cash Withdrawal : UPI में आई तेजी के बाद भी बढ़ी नकदी की डिमांड, हर महीने ATM से 1.43 करोड़ रुपये का कैश विड्रॉल
डिजिटल पेमेंट यानी यूपीआई UPI के आने के बाद ये माना जा रहा है कि कैश फ्लो में कमी आ जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। डिजिटल पेमेंट होने के बावजूद देश में नकदी यानी कैश की मांग में तेजी देखने को मिल रही है।
Cash Withdrawal : यूपीआई के बावजूद कैश विड्रॉल में तेजी,जानिए क्या है चौंकाने वाले आंकड़े
डिजिटल पेमेंट यानी यूपीआई UPI के आने के बाद ये माना जा रहा है कि कैश फ्लो में कमी आ जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। डिजिटल पेमेंट होने के बावजूद देश में नकदी यानी कैश की मांग में तेजी देखने को मिल रही है।
कैश विड्रॉल के आंकड़े क्या है –
वैसे तो डिजिटल पेमेंट Digital Payment को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। फिलहाल कंपनी ने वार्षिक रिपोर्ट में ये बताया कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में एक एटीएम से हर महीने होने वाले कैश विड्रॉल में औसत 5.51 फीसदी करीब 1.43 करोड़ रुपये की वृद्धि देखने को मिल रही है। इसका मतलब यह है कि अभी भी कई लोग कैश से लेन-देन करना ही पसंद करते हैं। इसके अलावा कैश विड्रॉल को लेकर सीएमएस इंफोसिस्टम्स (CMS Infosystems) ने एक रिपोर्ट भी जारी किया गया है। आपको बता दें कि सीएमएस इंफोसिस्टम्स भारत की अग्रणी कैश लॉजिस्टिक कंपनी मानी जाती है।
कैश विड्रॉल में आई तेजी –
आपको बता दें कि यूपीआई (UPI) जैसे डिजिटल भुगतान मोड में तेजी देखने को मिली है। ऐसे में कैश के उपयोग में भले ही गिरावट आई है।फिर भी कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि वित्त वर्ष 2013 में स्वचालित टेलर मशीन (ATM) से हर महीने लगभग 1.35 करोड़ रुपये का कैश विड्रॉल हुआ था। अगर देश के महानगरों में औसत नकदी निकासी में 10.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके बाद एसआरयू (अर्ध-शहरी और ग्रामीण) में 3.94 प्रतिशत और अर्ध-महानगरों में 3.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
We’re now on WhatsApp. Click to join.
कहां पर हुई है कैश विड्रॉल में तेजी –
जानकारी के लिए आपको बता देतें है कि इस बार एटीएम से कैश विड्रॉल के मामले में कर्नाटक देश में सबसे आगे है और इसके बाद 1.82 करोड़ रुपये के साथ दिल्ली और 1.62 करोड़ रुपये के साथ पश्चिम बंगाल है। वैसे सरकारी लैंडर के मामले में 49 प्रतिशत एटीएम महानगरीय और शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। वहीं, प्राइवेट लैंडर वाले बैंकों में इनकी संख्या 64 प्रतिशत है, जबकि शेष एटीएम दोनों लेंडर के अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com