Bhojpuri Language: भोजपुरी भाषा की उत्पत्ति कहां से हुई है? जाने कैसे पड़ा नाम
भोजपुरी एक स्वतंत्र भाषा है जिसकी उत्पत्ति मगधी प्राकृत से हुई है। ऐसा माना जाता है कि भोजपुरी का इतिहास 7वीं सदी से शुरू होता है।
Bhojpuri Language: जाने भोजपुरी भाषा का इतिहास
Bhojpuri Language: भोजपुरी एक स्वतंत्र भाषा है जिसकी उत्पत्ति मगधी प्राकृत से हुई है। ऐसा माना जाता है कि भोजपुरी का इतिहास 7वीं सदी से शुरू होता है।
भोजपुरी भाषा एक यूपी पूर्वांचल की भाषा हैं। भोजपुरी भाषा का इतिहास 7वीं सदी से शुरू होता है। मध्य काल में भोजपुर नामक एक स्थान में मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए भोजवंशी राजाओं ने एक गाँव बसाया था। इसे उन्होंने राजधानी बनाया और इसके राजा भोज के कारण इस स्थान का नाम भोजपुर पड़ गया। इसी नाम के कारण यहाँ बोले जाने वाली भाषा का नाम भी भोजपुरी पड़ गया।
इसे पहले ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न कैथी नामक एक ऐतिहासिक लिपि में लिखा जाता था। इसे “कयथी” या “कायस्थी”, के नाम से भी जाना जाता है। यह देवनागरी लिपि से मिलती जुलती लिपि है। सोलहवीं सदी में इसका बहुत अधिक उपयोग किया जाता था। मुगलों के शासन काल के दौरान भी इसका काफी उपयोग किया जाता था। अंग्रेजों ने इस लिपि का आधिकारिक रूप से बिहार के न्यायालयों में उपयोग किया। अंग्रेजों के समय से इसका उपयोग धीरे धीरे कम होने लगा था। बाद में इस लिपि के स्थान में देवनागरी लिपि का उपयोग होने लगा।
कहां से हुई भोजपुरी भाषा की उत्पत्ति
भोजपुरी एक स्वतंत्र भाषा है जिसकी उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुई है। ऐसा माना जाता है कि भोजपुरी का इतिहास 7वीं सदी से शुरू होता है। बिहार के पूर्ववर्ती आरा जिले के बक्सर सब-डिविजन, जो अब बक्सर अलग जिला है। इसमें भोजपुर एक बड़ा परगना है। यहां पर नवका भोजपुर और पुरनका भोजपुर नाम के दो गांव हैं। यही से भोजपुरी भाषा की उत्पत्ति हुई थी ऐसा माना जाता है। भोजपुरी भाषा एक हजार साल से अधिक पुरानी भाषाओं में से एक है। भोजपुरी एक पूर्वी हिंद-आर्य भाषा है, जो बिहार के भोजपुर और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में बोली जाती है।
कैसे हुआ भोजपुरी भाषा का नामकरण
भोजपुरी भाषा का नामकरण बिहार राज्य के आरा (शाहाबाद) जिले में स्थित भोजपुर नामक गांव के नाम पर हुआ है। दरअसल, मध्य काल में भोजपुर नामक एक स्थान में मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए भोजवंशी राजाओं ने एक गांव बसाया था। भोजवंशी परमार राजाओं ने राजधानी को अपने पूर्वज राजा भोज के नाम पर भोजपुर रखा था। इस वजह से यहां बोली जाने वाली भाषा का नाम भोजपुरी पड़ गया।
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