ऑटो वर्ल्ड

Bharat NCAP : 15 दिसंबर से शुरू होगी भारत एनसीएपी की टेस्टिंग,ये 4 प्रमुख कंपनियां लेंगी हिस्सा

इस साल 15 दिसंबर से भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम क्रैश टेस्ट शुरू होने वाला है। और इस 15 दिसंबर से शुरू हो रहे भारत एनकैप के पहले बैच में मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हुंडई मोटर और महिंद्रा जैसी टॉप 4 कंपनियों की कारें क्रैश टेस्ट के लिए भेजी जाएंगी।

Bharat NCAP : पहले बैच में मारुति, महिंद्रा, टाटा और हुंडई की गाड़ी होगी टेस्ट! सेफ्टी रेटिंग पर टिकीं सबकी नजरें

इस साल 15 दिसंबर से भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम क्रैश टेस्ट शुरू होने वाला है। और इस 15 दिसंबर से शुरू हो रहे भारत एनकैप के पहले बैच में मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हुंडई मोटर और महिंद्रा जैसी टॉप 4 कंपनियों की कारें क्रैश टेस्ट के लिए भेजी जाएंगी।

कारों को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग –

कार्स सेफ्टी की अवेयरनेस को बढ़ाने के लिए ग्लोबल एनकैप ने अहम रोल निभाया है। अब भारत का अपना भारत एनकैप गाड़ियों को भारत के अंदर ही क्रैश टेस्ट करेगा।  इसके पहले पेज में कोरियाई, जापानी और इंडियन कार कंपनी की गाड़ियां टेस्ट होगी। भारत एनकैप क्रैश टेस्ट की शुरुआत हो रही है और इसमें भारत में मैन्युफैक्चरिंग कारों की सेफ्टी रेटिंग के बारे में पता चल सकेगा। अब तक ग्लोबल एनकैप में मेड इन इंडिया कारों के क्रैश टेस्ट में एडल्ट ऑक्यूपेंट सेफ्टी और चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी कैटेगरी में परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें एक से पांच तक सेफ्टी रेटिंग दी जाती थी।अब फिलहाल टाटा मोटर्स और महिंद्रा के साथ ही स्कोडा और फॉक्सवैगन जैसी कंपनियों की मेड इन इंडिया कारों को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिलती हैं।

भारत एनकैप B NCAP –

भारत एनकैप B NCAP के आने से रेटिंग के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है, यानी देश में ही गाड़ियों की टेस्टिंग हो जाती है, और उन्हें रेटिंग दे दी जाएगी।  भारत एनसीएपी को शुरू करने के लिए ड्राफ्ट जीएसआर नोटिफिकेशन को मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं इसके कारण देश का ऑटो सेक्टर भी आत्मनिर्भर बन सकेगा। इससे पहले भी यूरो एनकैप और लेटिन एनकैप के सामने क्रैश टेस्ट से गुजर चुकी है। इस क्रैश टेस्ट में जहां यूरो एनकैप को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी, वहीं लैटिन एनकैप में अच्छा प्रदर्शन नहीं था। जहां ये गाड़ी आदर्श स्कोर हासिल करने में विफल रही क्योंकि इसमें सख्त परीक्षण प्रोटोकॉल होता हैं।

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