Aries Yearly Horoscope 2024 : जानिए मेष (Aries) राशि का वर्षफल और उससे जुड़े उपाय सेलेब्रिटी एस्ट्रोलजर पूनम गौड़ के साथ!
मेष (Aries)राशि के लिए 2024 का वर्षफल: मान-सम्मान में वृद्धि, व्यवसाय में तरक्की के योग, परिवार में चुनौतियां। उपाय: दुर्गा सप्तशती पाठ, कार्तिक-माहात्म्य पाठ, रुद्राभिषेक करें।
Aries Yearly Horoscope 2024 : सेलेब्रिटी एस्ट्रोलजर पूनम गौड़ के साथ मेष (Aries) राशि का वर्षफल और उससे जुड़े उपाय!
2023 का वर्ष जा चुका है और इस नये वर्ष 2024 के बारे में हम सबको बहुत उत्सुकता है कि आने वाला साल हमारे लिए कैसा रहेगा।
2023 में हमने जो जो परेशानियां उठाई, वो नए साल में समाप्त होंगी या नहीं?
2023 में हमें जो जो अच्छे परिणाम मिलें, हमने जो सफलताएं प्राप्त करीं वो नए साल में कायम रहेंगीं कि नहीं, क्या हम आगे बढ़ पाएंगे?
क्या इस वर्ष मेरी नौकरी लगेगी?
प्रोमोशन होगा,? विवाह होगा?
सन्तान के तरफ से कोई खुशखबरी मिलेगी?
ऐसे अनोकों प्रश्न लगातार हमारे मन मे पिछले कुछ दिनों से चल रहै हैं। तो चलिए जानते हैं यह नया वर्ष अपने पिटारे में से हमें क्या देता है।
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आईये जानते हैं हर राशि का वर्षफल।
मेष राशि (Aries) – (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
जनवरी-गुरू का गोचर इस राशि पर रहने से मान-सम्मान में वृद्धि होती दिख रही है।कारोबार में तरक्की हो सकती है। परन्तु शनि की नीच दृष्टि रहने से गुप्त चिन्ताएं एवं मानसिक तनाव बना रह सकता है। खर्च अधिक तथा पारिवारिक परेशानियां रह सकतीं हैं।सुझाव यही रहेगा की अनुलोम विलोम करे।
फरवरी- 5 फरवरी से राशिस्वामी मंगल उच्चराशिगत होने से उच्च प्रतिष्ठित लोगों के साथ व्यवसायिक सम्बन्ध बनेंगे। निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। सवारी आदि सुखों की प्राप्ति होगी। मासान्त में आय कम तथा खर्च अधिक होंगे। पारिवारिक उलझनें बढ़ेंगी।
मार्च-14 मार्च तक मंगल उच्चराशिगत रहने से कुछ बिगड़े काम बनेंगे। आय के साधनों में सुधार, व्यवसाय सम्बन्धी कोई नवीन योजना बनेगी। 15 मार्च से कुम्भ राशि में ‘मंगल- शनि’ योग रहने से स्वास्थ्य में विकार, शरीर कष्ट तथा आर्थिक परेशानियों का सामना कर सकते हैं आप।
अप्रैल- ‘मंगल-शनि’ योग एकादश भाव में होने से बेकार की भाग-दौड़, मानसिक तनाव, निकट बन्धुओं से मतभेद एवं चोटादि का भय रहेगा। सोची योजनाओं में विघ्न-बाधाओं का सामना रहे। 23 अप्रैल से द्वादश भाव में ‘मंगल-राहु’ योग रहने से धनागमन के साधनों में विघ्न, मानसिक तनाव एवं क्रोध अधिक रहे।
मई- ‘मंगल-राहु’ योग 12वें होने तथा गुरु का संचार हट जाने से धन का खर्च अधिक, दूरस्थ यात्राएँ, विदेशी सम्बन्धियों से लाभ परन्तु परिवार में विभिन्न परेशानियों का सामना कर सकते हैं । व्यवसाय में कठिन हालात का सामना कर सकते है।
जून- मंगल इस राशि स्वराशिगत है, फलतः धन लाभ व पदोन्नति के योग बनेंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, परन्तु शनि की नीच शत्रु दृष्टि रहने से मानसिक तनाव एवं घरेलु घटित झगड़े रहेंगे। व्यर्थ यात्रा तथा स्वास्थ्य कष्ट रहे।
जुलाई- 11 जुलाई तक मंगल स्वराशि में होने से अकस्मात् धन लाभ के अवसर मिलेंगे। पदोन्नति तथा गत रुके हुए कुछ कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। 12जुलाई से मंगल द्वितीय भाव में गुरु युक्त होने से पुनः लाभ व उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे, उच्च-प्रतिष्ठित लोगों के साथ मेल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
अगस्त- शनि की दृष्टि यथावत रहने से व्यवसायिक क्षेत्रों में हालात अस्थिर एवं अनिश्चित रहेंगे। स्वास्थ्य में खराबी, स्वभाव में उग्रता एवं निकट बन्धुओं से मतभेद उभरेंगे। खर्च अधिक एवं किसी व्यक्ति विशेष से धोखे की सम्भावना बनी रहेगी।
सितम्बर- मंगल तृतीयस्थ होने से पराक्रम व अपने उद्यम द्वारा आय के साधनों में वृद्धि होगी। उच्चप्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ सम्पर्क बनेंगे। सुख साधनों में वृद्धि होगी। परन्तु शनि के कारण मानसिक तनाव एवं अवांछित व्यक्तियों के कारण बनते कामों में परेशानी हो।
अक्तूबर- इस मास मिश्रित प्रभाव रहें। नवीन कार्य को करने की योजना बनेगी। व्यवसाय की स्थिति मध्यम रहेगी। व्यस्तताएं बढ़ेंगी। 20 अक्टूबर से मंगल नीचराशिगत होने से वृथा भागदौड़, धन-लाभ में विघ्न, स्वास्थ्य में खराबी एवं परिवार सम्बन्धी चिन्ता बनी रहेगी।
नवम्बर- मंगल नीचराशिगत संचार करने से घरेलु सुखों में कमी होगी। संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। व्यर्थ की भागदौड़ और फिजूलखर्ची होगी। विलासादि कार्यों पर व्यय, कार्यों में बाधाएँ रहेंगी। उत्तरार्द्ध भाग में चोटादि का भय भी रहेगा।
दिसम्बर- 6 दिसम्बर से कर्कराशिगत मंगल वक्री होने से घरेलु सुखों में कमी व अशान्ति व्याप्त रहेगी। स्त्री/पति मध्य तनाव रहे, परन्तु दशमस्थ उच्च दृष्टि रहने से अचानक धन लाभ व प्रगति के अवसर भी प्राप्त होंगे।
उपाय:
- श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ होगा।
- ‘कार्तिक-माहात्म्य’ का पाठ करें।
- फाल्गुन अथवा श्रावण मास में त्रयोदशी से लगातार 3 दिन प्रदोषकाल में रुद्राभिषेक करना शुभ एवं कल्याणकारी रहेगा।
- प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को कच्ची लस्सी में शहद, तिल, चावल आदि डालकर श्रीहरिहर-अष्टोत्तर शतनामस्तोत्र का पाठ करके पीपल पर चढ़ावें।
मेष (Aries) राशि का वर्षफल और उससे जुड़े उपाय और किस्से कहानियों के लिए देखें यह वीडियो।
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