Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the hustle domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
दो बहनों ने उठाई घर की ज़िम्मेदारी, लड़कों के गेटअप में करती है ये काम
अजब - गजब

दो बहनों ने उठाई घर की ज़िम्मेदारी, लड़कों के गेटअप में करती है ये काम

चार साल तक लड़का बने रहने पर मजबूर दो बहनें


एक घर जहां कोई बेटा नहीं है, बाप के कंधे पर दो बेटियों की ज़िम्मेदारी है.  जिसे वो पूरी भी कर रहा है। लेकिन ऐसे में घर की ज़िम्मेदारी उठाना वाला व्यक्ति बीमार हो जाए. तो उस घर पर मुश्किलों का साया मंडराने लगता है . ऐसे में सारी ज़िम्मेदारी आ जाती है घर के बच्चों पर.लेकिन जब पिता का ऐसा कारोबार हो जो केवल पुरुषों के लिए ही हो. तो ये और भी ज़्यादा मुश्किल हो जाता है.ऐसा ही कुछ उत्तरप्रदेश के एक गांव में रहने वाली दो बहनों के साथ हुआ है .

इनके पिता की गांव में ही बार्बर की शॉप थी. एक दिन पिता की तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद घर पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा.पिता की बीमारी, घर का खर्च सबकुछ चलाना मुश्किल हो गया. तब इन बहनों ने मिलकर पिता के बिज़नेस को आगे बढ़ाने का सोचा. लेकिन ये करना तो और भी मुश्किल था. पिता की बार्बर शॉप थी. और लड़कियों के पास बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने में सभी हिचकिचाते थे.  तब इन बहनों ने एक तरकीब सोची और बस उसी तरह से काम करना शुरू कर दिया.

अब जानते हैं कि इन बहनों ने क्या किया ?

इन दोनों बहनों ने 4 साल तक लड़का बनकर इस शॉप को चलाया. दोनों ने अपना गेटअप बदला ताकी लोग इन्हें पहचान ना सकें .इसके बाद से ये दोनों बहनें मिलकर अब 400 रुपए रोज़ कमाती हैं.घर का खर्च पिता की बीमारी का खर्च दोनों ये बहनें मिलकर उठाती हैं.

यहाँ भी पढ़े: संघर्षो से भरा  है ललिता पवार का जीवन.1916 -1998

बड़ी बहन का नाम ज्योति कुमारी है जो 18 साल की है. वहीं छोटी बहन का नाम नेहा है उसकी उम्र 16 साल है. दोनों बहनों का शुरुआत में लोगों ने खूब मज़ाक बनाया.लेकिन आज ये दोनों बहनें सभी के बीच मिसाल से कम नहीं हैं. दोनों ही बहनों को अब अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं होती और ना ही अब लोग इनसे हिचकिचाते हैं.

Back to top button