Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the hustle domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
Mental Health: बढ़ती गर्मी के कारण होती है परेशानी और नहीं आती नींद , तो खुद को ऐसे रखें कूल
सेहत

Mental Health: बढ़ती गर्मी के कारण होती है परेशानी और नहीं आती नींद , तो खुद को ऐसे रखें कूल

इस साल गर्मियों का अलग ही रूप देखने को मिल रहा। लगातार बढ़ता तापमान शारीरिक रूप से तो बीमार कर ही रहा है साथ ही इसका असर मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है। गर्मी के चलते लोग सही से सो नहीं पा रहे हैं जिससे मूड खराब रहता है। लंबे वक्त तक ये स्थिति तनाव व डिप्रेशन (Depression and Aggression) का शिकार बना सकती है।

Mental Health: हीट वेव से बचने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो, जबरदस्त मिलेगा फायदा


Mental Health: गर्मी बढ़ने से हीट स्ट्रोक, डिहाइ्रेशन, दस्त, हार्ट अटैक जैसी परेशानियों का ही खतरा नहीं बढ़ता, बल्कि इससे स्ट्रेस, एंग्जायटी, डिप्रेशन और पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के होने की भी संभावना बढ़ जाती है। दरअसल बढ़ते तापमान के चलते हार्मोन्स में भी कई तरह के बदलाव होते हैं, जो हमारे मूड को प्रभावित कर सकते हैं। इसी के चलते मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियां देखने को मिलती हैं।

बढ़ते तापमान से शरीर में होने वाली परेशानी

गर्मी में स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है। इसका जरूरत से ज्यादा बनना एंग्जायटी, डिप्रेशन को ट्रिगर करता है, जिसका बॉडी पर नेगेटिव असर देखने को मिलता है।

तापमान बढ़ने से मेलाटोनिन हार्मोन का लेवल बिगड़ने लगता है, जिससे स्लीपिंग पैटर्न बिगड़ने लगता है। नींद से कमी या किसी भी तरह की बाधा सीधे मूड पर असर डालती हैं। नींद पूरी न होने से पाचन भी खराब रहता है।

गर्मी बढ़ने के चलते सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर के मरीजों की भी प्रॉब्लम बढ़ जाती है। हर वक्त डिप्रेस रहना, बातचीत न करना, थकान, आलस जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।

गर्मी बढ़ने की वजह से जब रातों की नींद पूरी नहीं होती तो इससे हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ने लगता है। डोपामाइन न्यूरो केमिकल की अधिकता से व्यक्ति मेनिया का शिकार हो जाता है और जरूरत से ज्यादा बोलने लगता है या बड़बड़ाते रहता है। बात-बात पर गुस्सा होना भी इसके लक्षणों में शामिल है।

Read More: Hindi News Today: अश्लील वीडियो मामले में फंसे जेडीएस के निलंबित सांसद, चुनाव के दौरान बीजेपी ने इन राज्यों में की कड़ी मेहनत

हीट वेव से बचने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

कड़ी धूप खासतौर से सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 4 बजे तक बाहर निकलना अवॉयड करें।

घर को ठंडा रखने के लिए रात में खिड़कियां खोल दें, लेकिन ये तरीका तभी काम करेगा जब बाहर का मौसम अंदर की अपेक्षा कम होगा।

घर में जहां सीधी धूप आती है वहां पर्दे, ब्लाइंडर्स लगाएं।

शरीर में पानी की कमी न होने दें। इसके लिए पानी के साथ दूसरे लिक्विड्स जैसे नारियल पानी, फलों व सब्जियों का जूस पीते रहें।

गर्मी के मौसम में हल्के व ढीले कपड़े पहनें।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button