Travel: यूपी के इस जिले को पंडित नेहरू ने दिया था ‘स्विटजरलैंड ऑफ इंडिया’ का नाम, विंध्य और कैमूर पहाड़ियों से घिरी है ये जगह, छुट्टियों में घूमने का बनाएं प्लान
Travel: उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला सोनभद्र खनन के मामले में भी काफी विख्यात है। सोनभद्र इलाके में बॉक्साइट, चूना पत्थर, कोयला और सोना भी काफी मात्रा में खनन किया जाता है। यूपी की ये ऑफबीट जगह घूमने के लिहाज से भी काफी फेमस है।
Travel: खनिज से घिरा हुआ है सोनभद्र, 1989 से पहले मिर्जापुर जिले में था शामिल
भारत की भौगोलिक स्थिति को आप अगर पढ़ेंगे तो कई रोचक बातें सामने निकल कर आएंगी। अक्सर सामान्य ज्ञान की किताबों में आप पढ़ते हैं कि किस राज्य की सीमा किस देश से लगती है। किस जिले की सीमा किस राज्य की सीमा से लगती है। या फिर कौन सी नदी किस जगह से होकर जाती है। एक ऐसी ही जगह के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि इससे 4 राज्यों की सीमाएं लगती हैं। ये देश का इकलौता ऐसा जिला है, जिसका नाम पीएम नेहरू ने ‘स्विट्जरलैंड ऑफ इंडिया’ रख दिया था। आप भी जरूर इस जगह के बारे में जानना चाहते होंगे, तो चलिए फिर आपको बताते हैं इस जिले के बारे में।
दरअसल उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला सोनभद्र खनन के मामले में भी काफी विख्यात है। सोनभद्र इलाके में बॉक्साइट, चूना पत्थर, कोयला और सोना भी काफी मात्रा में खनन किया जाता है। यूपी की ये ऑफबीट जगह घूमने के लिहाज से भी काफी फेमस है। दरअसल सोनभद्र भारत का अनोखा ऐसा जिला है जिसे एक साथ चार राज्यों की सीमाएं छूती है। अपनी इसी खासियत के चलते कंपटीशन से जुड़ी परीक्षाओं में सोनभद्र को लेकर सवाल आते हैं।
खनिज से घिरा हुआ है सोनभद्र
उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला, जिसकी सीमा 4 राज्यों से होकर जाती हैं, इन राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड है। विंध्य और कैमूर पहाड़ियों में स्थित ये जिला खनिज से घिरा हुआ है। सोनभद्र की आबादी तकरीबन 15 लाख है। इसकी जनसंख्या उत्तर प्रदेश में सबसे कम 198 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। सोनभद्र का नाम सोन नदी की वजह से पड़ा है। ये स्थान नदी के किनारे बसा हुआ है। सोन के अलावा रिहन्द, कनहर, पांगन जैसी नदियां भी यहां से गुजरती हैं। दरअसल सोनभद्र को किलों का शहर भी कहा जाता है।
1989 से पहले सोनभद्र मिर्जापुर में था शामिल
1989 से पहले सोनभद्र मिर्जापुर जिले में ही शामिल था। लेकिन 1998 में इसे अलग करके सोनभद्र नाम दिया गया। कहते हैं कि विंध्य और कैमूर की पहाड़ियों से घिरा होने के कारण इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। जब पंडित नेहरू यहां आए थे तो इस जिले की खूबसूरती देखकर इसे स्टिवजरलैंड ऑफ इंडिया का नाम दिया था। सोनभद्र में हरियाली और पहाड़ों की खूबसूरती है तो नदियों की उन्नत धारा भी देखने को मिलती है। यहां इतने सारे पावर प्लांट हैं कि इसे पावर केपिटल कहा जाता है।
सोनभद्र में घूमने वाली जगहें
विजयगढ़ फोर्ट
विजयगढ़ किला 5वीं शताब्दी में बनवाया गया था। इस किले की ऊंचाई देखकर आप हैरान रह जाएंगे। ये किला 400 फीट लंबा होने के साथ साथ कैमूर की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस किले में आकर आपको मूर्तियां और तमाम तरह के पत्थर भी देखने को मिलेंगे। इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों के लिए ये जगह बेहद शानदार है। यहां 4 तालाब भी हैं, जो सालों साल भरे रहते हैं।
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मुक्खा फॉल्स
मुक्खा फॉल्स में आपको शानदार झरना देखने को मिलेगा। इसे देखने के लिए हर साल हजारों की तादाद में पर्यटक आते हैं। स्थानीय लोग तो यहां पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। बारिश के मौसम में तो ये झरना देखने लायक होता है जो घूमने का मजा दोगुना कर देता है। इसके अलावा, आप अघोरी फोर्ट भी जा सकते हैं।
किस सीजन में घूमने जाएं सोनभद्र
वैसे तो सोनभद्र में सर्दियों के मौसम में जाना ज्यादा मजेदार होगा। लेकिन आप किसी भी मौसम में यहां घूमने जा सकते हैं। सोनभद्र में ठहरने के लिए आपको बजट के मुताबिक गेस्ट हाउस भी मिल जाएंगे। हालांकि, यहां किसी लग्जरी होटल की उम्मीद न करें। आप फ्लाइट, ट्रेन और ड्राइव करके भी जा सकते हैं। फ्लाइट से आप पहले बनारस एयरपोर्ट आएं और यहां से सोनभद्र जाएं। ट्रेन से जाने के लिए यहां का सबसे करीबी स्टेशन मिर्जापुर है। बनारस से ही आप बस से सोनभद्र घूमने जा सकते हैं।
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