Covid-19 Vaccine: क्या हुआ… जब जर्मनी के इस शख्स ने जान-बूझकर लगवाई कोरोना की 217 वैक्सीन
Covid-19 Vaccine: जर्मनी से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक 62 साल के बुजुर्ग ने कोविड की 217 वैक्सीन लगवा ली। शख्स ने 29 महीनों के दौरान ये वैक्सीन ली हैं। यानी, औसतन हर चार दिन में एक डोज। हैरान करने वाली बात ये है कि इतनी सारी वैक्सीन लगवाने के बाद भी उसपर कोई साइड इफेक्ट्स नजर नहीं आया।
Covid-19 Vaccine: जानें मोस्ट वैक्सीनेटेड पर्सन की कहानी, लगवा ली कोविड की 217 वैक्सीन
दुनियाभर में जब कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था तो लोगों को उम्मीद ही नहीं थी कि इसका कोई इलाज भी ढूंढा जा सकेगा। हालांकि वो तो गनीमत रही कि वैज्ञानिकों ने कोविड वैक्सीन का निर्माण कर लिया, जिसने लाखों-करोड़ों लोगों की जान बचा ली। वैसे आमतौर पर तो लोगों को वैक्सीन की दो ही डोज लगाई गई है, लेकिन कुछ लोगों ने तीन-तीन डोज भी लगवाई हुई है और कुछ मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं, जिसमें लोगों ने 10-15 डोज भी लगवा लिए हैं, पर आजकल एक ऐसा मामला चर्चा में है, जिसने वैज्ञानिकों के भी होश उड़ा दिए हैं।
दरअसल, जर्मनी से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक 62 साल के बुजुर्ग ने कोविड की 217 वैक्सीन लगवा ली। शख्स ने 29 महीनों के दौरान ये वैक्सीन ली हैं। यानी, औसतन हर चार दिन में एक डोज। हैरान करने वाली बात ये है कि इतनी सारी वैक्सीन लगवाने के बाद भी उसपर कोई साइड इफेक्ट्स नजर नहीं आया। वह बिल्कुल सुरक्षित है। इस शख्स को ‘चलता फिरता प्रयोग’ कहा जा रहा है।
लैंसेट नामक जर्नल में हुआ है प्रकाशित
जर्मनी के मैगडेबर्ग के रहने वाले इस शख्स के बारे में जब वैज्ञानिकों को एक न्यूजपेपर के जरिए पता चला तो उन्होंने उससे संपर्क किया। एर्लांगेन-नूरेमबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने उससे पूछा कि क्या वो उसपर अध्ययन कर सकते हैं, तो वो इसके लिए राजी हो गया। ऑडिटी सेंट्रल नामक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों की इस टीम ने हाल ही में लैंसेट नामक जर्नल में कई दिलचस्प निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं।
नहीं हुआ कोई साइड इफेक्ट
डॉ. किलियन शॉबर ने कहा कि कोविड वैक्सीन की इतनी डोज लेने के बावजूद उसके शरीर पर कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हुआ। न ही उसका इम्युन सिस्टम मजबूत हुआ और न ही कमजोर। हालांकि, उस शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। साइंस जर्नल ने बताया कि शख्स ने जून 2021 से नवंबर 2023 के बीच कोविड वैक्सीन की 217 डोज ली। इसमें से 134 डोज की पुष्टि तो वैक्सीनेशन सेंटर के दस्तावेजों से हो गई। जबकि, बाकी की 83 डोज के बारे में शख्स ने खुद बताया।
जानबूझकर खुद ही लगवाई वैक्सीन
दिलचस्प बात यह है कि यह शख्स पहली बार साल 2022 में तब सुर्खियों में आया था, जब यह पता चला कि उसे कम से कम 90 बार कोविड-19 का टीका लगाया गया था। हालांकि तब वैक्सीन लगाने वाले अधिकारियों पर शक गया था कि उन्होंने गलती से किसी एक शख्स को इतने सारे वैक्सीन के डोज लगा दिए, लेकिन बाद में शख्स ने खुलासा किया था कि उसने जानबूझकर खुद ही वैक्सीन के इतने सारे डोज लगवाए हैं।
कब कब ली डाेज?
- रिपोर्ट के मुताबिक, 62 साल के उस शख्स ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज जून 2021 में ली थी। उसके बाद उसने उसी साल 16 डोज लीं। उसने फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, जॉन्सन एंड जॉन्सन और सनोफी की वैक्सीन लगवाई थीं।
- साल 2022 की जनवरी में उसने हर दिन वैक्सीन लगाई। जनवरी के महीने में उसने 48 डोज लिए। इसके बाद फरवरी में 34 और मार्च में 6 डोज लगवाईं।
- अप्रैल 2022 में शख्स के बारे में पता चल गया, जिसके बाद बाकी वैक्सीनेशन सेंटर को अलर्ट किया गया। उसे एलिनबर्ग के एक वैक्सीनेशन सेंटर पर देखा गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में भी लिया था। उस पर वैक्सीनेशन कार्ड बेचने का आरोप था। दरअसल, उस वक्त यूरोपीय देशों ने ट्रैवलिंग के लिए वैक्सीनेशन कार्ड अनिवार्य कर दिया था।
- जर्नल में बताया गया है कि मैग्डेबर्ग के एक पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने उस शख्स के खिलाफ जांच शुरू की थी। उस पर अवैध तरीके से वैक्सीनेशन कार्ड बनवाने और दस्तावेजों की जालसाजी करने का आरोप था। हालांकि, अब तक उसके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस दायर नहीं किया गया है।
क्या टीके की बहुत अधिक खुराक हानिकारक?
जांच से पता चला कि इतने टीके लेने से उस व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ। इतने अधिक टीके की खुराक किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैसे प्रभावित कर सकती है? एर्लांगेन-नुरेमबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उस व्यक्ति पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ा। हालांकि कई विशेषज्ञों को ये लगा था कि इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बहुत प्रभावित होगी, तो कुछ को लगा कि इससे प्रतिरोधक क्षमता थकान की शिकार हो जाएगी। जब सावधानीपूर्वक जांच की गई तो इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि कोविड-19 के ज्यादा टीकाकरण से कोई प्रतिकूल असर पड़ता है।
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टीके केवल कुछ समय के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीजन के संपर्क में लाते हैं। प्रत्येक शॉट थोड़ी मात्रा में एंटीजन इंजेक्ट करता है, जिससे एक क्षणिक प्रतिरक्षाविज्ञानी प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है। दिलचस्प बात ये भी है कि प्रतिरक्षा प्रणाली भी तेजी से मजबूत और विकसित हुई, जिससे अधिक नए वेरिएंट से बचाव हुआ। हाल के शोध से पता चला कि बार-बार टीके और सहज संक्रमण वास्तव में COVID-19 प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं।
क्या कहता है WHO?
वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन का कहना है कि कोविड19 टीका लगवाने के बाद आपको कुछ हल्के दुष्प्रभाव का अनुभव हो सकता है, जो इस बात का संकेत है कि आपका शरीर सुरक्षा का निर्माण कर रहा है। वैसे हेल्थ आर्गनाइजेशन का ये भी कहना है कि किसी भी टीके की तरह, COVID-19 टीके भी दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं, जिनमें से अधिकांश हल्के या मध्यम होते हैं। कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं।
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