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Rajasthan News: पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दें सकती है कांग्रेस, फिर होगा शेयरिंग फॉर्मूला तैयार
भारत

Rajasthan News: पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दें सकती है कांग्रेस, फिर होगा शेयरिंग फॉर्मूला तैयार

कांग्रेस हाईकमान विधानसभा चुनावों का कैंपेन शुरू होने से पहले गहलोत-पायलट का झगड़ा सुलझाना चाहता है। वहीं सचिन पायलट को पद देकर मुख्य धारा में लाने की तैयारी चल रही है। पायलट के सियासी पुनर्वास पर कई दौर की चर्चा हो चुकी है। राजनीतिक जानकारों का तर्क है कि छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के मामले की सचिन पायलट से तुलना नहीं की जा सकती।

Rajasthan News: पायलट को मुख्य धारा में लाने की तैयारी, गहलोत – पायलट का झगड़ा सुलझाना चाहता है हाईकमान

Rajasthan News: छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाने के बाद अब कांग्रेस हाईकमान राजस्थान को लेकर फैसला करने की तैयारी में है। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चुनावों से पहले खींचतान मिटाने के फॉर्मूले पर काम लगभग पूरा हो चुका है।

गहलोत – पायलट का झगड़ा

कांग्रेस हाईकमान विधानसभा चुनावों का कैंपेन शुरू होने से पहले गहलोत-पायलट का झगड़ा सुलझाना चाहता है। पार्टी हाईकमान को यह फीडबैक मिलता रहा है कि पायलट खेमे को साथ लिए बिना सरकार के खिलाफ नाराजगी कम नहीं होगी। ऐसे में अब दोनों खेमों को साधकर चुनाव मैदान में जाने का प्लान तैयार किया जा रहा है।

मुख्य धारा में लाने की तैयारी

अब सचिन पायलट को पद देकर मुख्य धारा में लाने की तैयारी चल रही है। पायलट के सियासी पुनर्वास पर कई दौर की चर्चा हो चुकी है। इसके लिए तीन विकल्पों पर विचार चल रहा है। राहुल गांधी के मणिपुर दौरे से लौटने के बाद हाईकमान कदम आगे बढ़ाएगा।

फिर शेयरिंग फॉर्मूला तैयार

कांग्रेस हाईकमान विधानसभा चुनावों का कैंपेन शुरू होने से पहले गहलोत-पायलट का झगड़ा सुलझाना चाहता है। इसके लिए फिर शेयरिंग फॉर्मूला तैयार किया गया है। अब इसे लागू करने की एक्सरसाइज शुरू हो चुकी है। पार्टी हाईकमान को यह फीडबैक मिलता रहा है कि पायलट खेमे को साथ लिए बिना सरकार के खिलाफ नाराजगी कम नहीं होगी। ऐसे में अब दोनों खेमों को साधकर चुनाव मैदान में जाने का प्लान तैयार किया जा रहा है।

पायलट और सिंहदेव के मुद‌्दे अलग

राजनीतिक जानकारों का तर्क है कि छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के मामले की सचिन पायलट से तुलना नहीं की जा सकती। टीएस सिंहदेव अंदरूनी तौर पर असंतुष्ट जरूर थे, लेकिन उन्होंने सियासी लिमिट क्रॉस नहीं की। सचिन पायलट सरकार और अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल चुके हैं। यात्रा निकाल चुके हैं।

पायलट के मुद्दे अलग

जुलाई 2020 में बगावत के बाद अगस्त 2020 में फिर सुलह करके वापस आए। पायलट के मुद्दे भी अलग हैं। सचिन पायलट खेमा लगातार मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी पेश कर रहा है, जबकि गहलोत खेमा विधायकों का बहुमत अपने पास होने का तर्क देकर पायलट की दावेदारी को खारिज करता रहा है।
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