Major Gaurav Arya biography: जानिए कौन हैं मेजर गौरव आर्य और उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
गौरव आर्य एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी और वर्तमान में एक वरिष्ठ जनरलिस्ट हैं। वह सेना की कुमाऊं रेजीमेंट की 70वीं बटालियन में कमीशन सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में कार्यरत थे। वह 2017 में वरिष्ठ सलाहकार संपादक के रूप में Republic TV नेटवर्क में शामिल हुए।
Major Gaurav Arya biography: सैन्य अधिकारी जो सेवानिवृत्त होकर बने बहुराष्ट्रीय निगम के सीईओ
Major Gaurav Arya biography: मेजर गौरव आर्य भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। सन् 1999 में, उन्होंने सेना छोड़ दी और अपना कॉर्पोरेट करियर शुरू किया। विप्रो, हच और अर्न्स्ट एंड यंग ऐसी कुछ कंपनियां हैं जिनके साथ उन्होंने काम किया है। 2017 में मीडिया में आने से पहले, वह सिंगापुर स्थित एक बहुराष्ट्रीय निगम के सीईओ और अध्यक्ष थे। वह वर्तमान में एक वरिष्ठ परामर्श संपादक – सामरिक मामलों के रूप में एक प्रमुख भारतीय मीडिया समूह के लिए काम करते थे।
मेजर गौरव आर्य एक लेखक और सार्वजनिक वक्ता हैं। वह व्यापार और अन्य सभाओं में अक्सर वक्ता होते हैं। उन्हें 2017 में यूके की संसद में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। चाणक्य फोरम की स्थापना मेजर आर्य ने की थी और यह यूट्यूब पर लोकप्रिय है।
गौरव आर्य एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी और वर्तमान में एक वरिष्ठ जनरलिस्ट हैं। वह सेना की कुमाऊं रेजीमेंट की 70वीं बटालियन में कमीशन सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में कार्यरत थे। वह 2017 में वरिष्ठ सलाहकार संपादक के रूप में Republic TV नेटवर्क में शामिल हुए। गौरव आर्य सशस्त्र बलों, बैटरी अल एंड और क्रेन जैसे शो को होस्ट करने के लिए जाने जाते हैं।
मेजर गौरव आर्य का जन्म एवं शुरुआती जीवन
मेजर गौरव आर्य का जन्म 25 सितंबर 1972 को दिल्ली में हुआ था। उनका पालन-पोषण दिल्ली में ही हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से ही पूरी की। आगे वो सेंट जोसेफ कॉलेज से ऑनर्स की डिग्री ली। गौरव बचपन से ही भरतीय सेना मे जाना चाहते थे। इसी सोच के साथ वो सेना मे जाने की तैयारी मे जुट गये। वह SSB परीक्षा पास करने के बाद वर्ष 1993 में भारतीय सेना में शामिल हुए।
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मेजर गौरव आर्य का कैरियर
मेजर गौरव आर्य SSB परीक्षा पास करने के बाद वो शॉर्ट सर्विस कमीशन के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुए। आगे वर्ष 1993 में गौरव आर्य ने ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी OTA चेन्नई में प्रशिक्षण लिया। अपना ट्रेडिंग पूरा करने के बाद। फिर उन्हें सेना की कुमाऊं रेजिमेंट की 70 वीं बटालियन में कमीशन सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल किया। दुर्भाग्य रहा की वो वह केवल 5 वर्षों तक ही एक फौजी के रुप देश की सेवा कर सके।
वह चिकित्सा कारणों से वर्ष 1999 में सेवानिवृत्त हुए। सेना छोड़ने के बाद उन्होंने मार्केटिंग और सेल्स में MBA की डिग्री हासिल की और आगे कॉर्पोरेट सेक्टर में कदम रखा। उन्होंने एचसीएल, वोडाफोन, विप्रो, अर्न्स्ट एंड यंग, स्पाइस रिटेल लिमिटेड, स्टीरियो इंफ्राटेक लिमिटेड और स्मार्ट ग्रुप जैसी कंपनियों में एडमिनिस्ट्रेशन के रूप में काम किया। इसके बाद वे वर्ष 2017 में वरिष्ठ सलाहकार संपादक के रूप में रिपब्लिक टीवी नेटवर्क से जुड़े। उन्हें सशस्त्र बलों, बैटरी अल एंड और क्रेन क्रेन जैसे शो को होस्ट कर चुके है।
मेजर गौरव आर्य का परिवार
मेजर गौरव आर्य का जन्म दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता 1960 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे थे।
मेजर गौरव आर्य की शिक्षा
गौरव आर्य ने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली से की थी। आगे सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास से ऑनर्स की डिग्री पूरी की थी। सेना छोड़ने के बाद वह दोबारा पढ़ाई करते हुए मार्केटिंग एवं सेल्स से एमबीए की डिग्री हासिल की थी।
सशस्त्र बलों में शामिल होना
1993 में, आर्य भारतीय सेना में शॉर्ट-सर्विसेज कमीशन अधिकारी के रूप में भर्ती हुए। सशस्त्र बलों के लिए उनका कर्तव्य उस दिन से शुरू हुआ जिस दिन उन्होंने एसएससी के रूप में प्रशिक्षण शुरू किया था। 5 मार्च 1994 को उन्हें कुमाऊं रेजीमेंट की 70वीं बटालियन में कमीशन मिला था।
बर्फ में दबना और फिर रिटायर होना
1996 में गौरव अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लाहौल और स्पीति आदिवासी इलाके में तैनात थे। जब वह एक पहाड़ी से गिर गए और बर्फ के नीचे दब गए। उन्हें उनकी बटालियन द्वारा बचाया गया था। दुर्घटना में फेफड़े से संबंधित बीमारी विकसित हो गई थी। वह 1999 में एक मेजर के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
टेलीविजन पर पदार्पण
2016 में, आर्य ने फेसबुक पर उन लोगों की आलोचना करते हुए एक खुला पत्र प्रकाशित किया, जिन्होंने हिज्बुल आतंकवादी बुरहान वानी की मौत का विरोध किया था। आर्य ने स्वराज्य पत्रिका के लिए एक अंश में दावा किया, “मैंने” बुरहान वानी के लिए खुला पत्र नामक एक लेख तैयार किया और सोने जाने से पहले इसे फेसबुक पर अपलोड कर दिया। मेरे बिस्तर पर जाने से पहले मेरे 530 फेसबुक मित्र थे।
जब मैं उठा तो 732 लाइक्स और फ्रेंड रिक्वेस्ट थीं। मुझे दोपहर के आसपास फोन आने लगे। मुझे सेना मुख्यालय से शाम 4 बजे एक भारतीय सेना के सेवारत जनरल का फोन आया। आर्य को बाद में अर्नब गोस्वामी द्वारा आयोजित टाइम्स नाउ न्यूज फीचर, न्यूज आवर पर बात करने के लिए आमंत्रित किया गया।
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