Justice For Ankita : 5 सवाल और 9 मांगे लेकर खड़ा है परिवार, अंकिता के लिए देश मांग रहा है इंसाफ
Justice for Ankita :अंकिता भंडारी केस में नया मोड़, परिवार ने सरकार के सामने रखी ये 9 मांगे
Highlights –
. अंकिता भंडारी केस में आए दिन नए – नए खुलासे हो रहे हैं ।
. केस की परतें धीरे – धीरे खुलती नजर आ रही है।
Justice for Ankita :अंकिता भंडारी केस में आए दिन नए – नए खुलासे हो रहे हैं । केस की परतें धीरे – धीरे खुलती नजर आ रही है। एक तरफ जस्टिस फॉर अंकिता के नाम के नारे देशभर में लग रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अंकिता के परिवारवालों ने पुलिस प्रशासन पर अंकिता की हत्या के सबूत छिपाने, मामले को गंभीरता से लेने में देरी करने के आरोप लगाए हैं।
आपको बता दें परिवार ने आरोपियों को जल्द – से – जल्द सजा हो इसकी मांग करते हुए सरकार के सामने नौ मांग रखी है।
इस आर्टिकल में आपको हम पूरे मामले की जानकारी देंगे साथ ही बताएंगे वो पांच सवाल जो परिवार और प्रदर्शनकारी पुलिस प्रशासन पर उठा रहे है और साथ ही बताएंगे वो 9 मांगे जो परिवार ने सरकार के समक्ष रखी हैं।
क्या है पूरा मामला ?
उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित वंतरा रिज़ॉर्ट से 18 सितंबर को श्रीनगर के गांव श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय युवती अंकिता भंडारी लापता हो गई थीं। अंकिता का परिवार और उसका दोस्त उन्हें 18 तारीख से ही तलाश रहा था। आपको बता दें कि अंकिता वंतरा रिज़ॉर्ट में एक रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही थीं। अंकिता ने रिजॉर्ट में अपनी नौकरी 28 अगस्त 2022 से ही शुरू की थी। अभी तक अंकिता ने अपनी पहली सैलरी भी नहीं उठाई थी। 24 सितंबर को सुबह चीला नहर से अंकिता का शव मिला जिससे पूरा देश आक्रोश में है। शुरुआती जांच में पुलिस किसी भी फैसले पर पहुंचने में असफल रही लेकिन कई सबूत अंकिता की मौत को हत्या करार करते दिखे। बाद में अंकिता की हत्या का आरोप भाजपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री डॉक्टर विनोद आर्य के पुत्र पुलकित आर्य जो रिज़ॉर्ट का मालिक है और सौरभ और अंकित ( रिज़ॉर्ट के मैनेजर और सह – मैनेजर ) पर लगा।
मामले की गहराई में जाएं तो 20 सितंबर को अंकिता के लापता होने की ख़बर परिवार को मिली थी। 24 सितंबर को सुबह चीला नहर से अंकिता का शव मिला। राज्य सरकार ने पुलकित आर्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद अब इस मामले में एसआईटी गठित कर दी है।
वो पांच सवाल जो परिवार उठा रही है प्रशासन पर –
रिजॉर्ट पर प्रशासन द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर अंकिता के परिजनों ने सवाल उठाया है। परिजनों का कहना है कि जहां से सबूत मिलने थे, उस कमरे को तोड़ दिया गया।
शनिवार को गुस्साई भीड़ ने रिजॉर्ट में आग लगाई, इसे लेकर भी सवाल उठ रहा है कि सबूत जलाने की मंशा से ऐसा किया गया।
उत्तराखंड के इंटीरियर इलाकों में राजस्व विभाग कानून व्यवस्था देखता है। पटवारी पर आरोप है कि शुरुआती दो दिन तक उसने मामले को दबाने की कोशिश की और अंकिता के मामले को गुमशुदगी का केस बताया। मामला जब दूसरे पुलिसकर्मियों को सौंपा गया तब उसमें तेजी आई और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
प्रशासन की कार्रवाई के अलावा सरकार की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठ रहा है। अंकिता के परिजन पूछ रहे हैं कि आखिर क्यों रिजॉर्ट तोड़ा गया, क्या सबूत मिटाने की मंशा से ऐसा किया गया? वहीं, सीएम पुष्कर धामी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिये सुनवाई की जाएगी।
रविवार को अंकिता के शव का अंतिम संस्कार किया जाना था लेकिन पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट आने बाद परिजनों ने उसे रोक दिया।पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं।परिजनों ने दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग की।
💔 Ankita Bhandari's mother. Shame! #uttarakhand https://t.co/O1GefwZNYP
— Advaita Kala (@AdvaitaKala) September 23, 2022
https://twitter.com/kadak_chai_/status/1573343344725721088?s=20&t=yOAjroWu_oM83zB2iS7__w
मामले में यौन उत्पीड़न का एंगल
अंकिता के एक दोस्त ने मीडिया से कुछ चैट साझा की हैं। अंकिता ने अपने दोस्त को चैट के जरिये आपबीती बताई थी। चैट के मुताबिक, अंकिता पर वीआईपी गेस्ट को स्पा सर्विस देने का दबाव बनाया गया था। अंकिता को प्रॉस्टिट्यूट बनाने के लिए 10 हजार रुपये का लालच दिया गया था। यहीं नहीं, अंकिता को धमकी दी गई थी कि अगर गेस्ट को हैंडल नहीं करोगी को नौकरी से हटा देंगे। रिजॉर्ट में एक दिन एक शराबी जबरदस्ती अंकिता गले से लिपट गया था। रिजॉर्ट में पिछले दिनों अंकिता को चीखते हुए देखा गया था।
परिवार ने सरकार के सामने रखी ये नौ मांगे –
परिवार को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए।
अंकिता के नाम पर गांव मल्ली से बरमुंडी की सड़क का नामकरण किया जाए।
अंकिता के नाम पर सार्वजनिक जगह पर एक पर एक स्मारक बनवाया जाए।
परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए ।
अंकिता जिस रिजॉर्ट में काम करती थी, वहां उसके नाम पर आदर्श विद्यालय खोला जाए।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान में अंकिता के नाम पर पुरस्कार हो।
पुलकित आर्य के भाई और पिता को जांच पूरी होने तक कस्टडी में रखा जाए।
पुलकित के भाई और पिता जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
बेटी के गुनहगारों को जल्द से फांसी की सजा दी जाए।
पूरा देश अंकिता की हत्या के आक्रोश में जल रहा है। देशभर में रैलियां और धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं।हत्यारों को जल्द – से – जल्द सजा मिले ये पूरा देश चीख – चीख कर कह रहा है। जस्टिस फॉर अंकिता के नारे लगाए जा रहे हैं। लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि देश की बेटियों की मौत का मातम कब तक हम मनाते रहेंगे, कब तक देश की बेटियों की कभी रेप तो कभी हत्या में बली चढ़ती रहेगी।