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World Literacy Day 2022 : भारत में महिलाओं की साक्षरता 65 % , पुरूषों के मुकाबले अभी भी 17 % कम – रिपोर्ट

World Literacy Day 2022 : जानें विश्व साक्षरता दिवस 2022 के थीम और उससे जुड़े महत्व को


Highlights –

. 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

. विश्व में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से 17 नवंबर 1965 को यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

World Literacy Day 2022 : 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। विश्व में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से 17 नवंबर 1965 को यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

इस साल की थीम और महत्व

विश्व साक्षरता दिवस के लिए इस वर्ष की थीम ह्यूमन सेंटर्ड रिकवरी के लिए साक्षरता के बारे में लोगों में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए निर्धारित है।

ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन देशभर में बढ़ा है।

साक्षरता दिवस का महत्व

हर साल 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से 17 नवंबर 1965 को यह निर्णय लिया गया, कि प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाएगा।

1966 में पहली बार शिक्षा को दर्शाने और बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया था। यूनेस्को का मानना है कि शिक्षा सबके लिए एक मानवाधिकार है, जो पूरी ज़िंदगी काम आती है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में इसकी उपलब्धता और गुणवत्ता दोनों का तालमेल होना बेहद जरूरी है।

भारत में चल रहा ‘साक्षर भारत मिशन‘ का मुख्य उद्देश्य

भारत में ‘साक्षर भारत मिशन’ के नाम से चलाया जा रहा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि इसके द्वारा साक्षर लोगों की संख्या में वृद्धि की जा सकें। इसके लिए उम्र में बड़े लोगों को यानि प्रौढ़ लोगों को साक्षरता का बेहद बुनियादी प्रशिक्षण देकर, परीक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। इतना ही नहीं इसमें पास होने वाले व्यक्तियों को उनका साक्षर होने का प्रमाण पत्र दिया जाता है।

साक्षरता कौशल विकास का एक मूलभूत भाग है। इसका विकास जीवन भर होता रहता है। साथ ही साक्षरता एक मानवाधिकार है यह व्यक्तिगत सशक्तिकरण का न केवल एक उपकरण है बल्कि मानव और सामाजिक विकास के लिए एक प्रमुख साधन भी है।

साक्षरता में वृद्धि पूरी तरीके से शैक्षिक संभावनाओं पर निर्भर करता हैं। साक्षरता सभी लोगों के लिए मौलिक शिक्षा का मूल है। साथ ही गरीबी को दूर करने, बाल मृत्यु दर में कमी करने, जनसंख्या वृद्धि को रोकने, शांति और लोकतंत्र को मजबूत बनाये रखने जैसी चीजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस दिन को अलग – अलग जगहों में अलग – अलग तरीके से मनाया जाता है। कहीं पर समारोह का आयोजन कर साक्षरता को लेकर भाषण दिए जाते हैं। तो कई जगहों पर जाकर शिक्षा का उल्लेख जगाया जाता है।

भारत में विश्व साक्षरता दर 84 फीसदी कम है। साल 2011 में भारत की कुल साक्षरता का रेट 74.4 परसेंट था जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 82.37 परसेंट थै और महिलाओं का साक्षरता 65.79 परसेंट था । दोनों आंकड़ों में काफी अंतर रिपोर्ट किया गया था। देश में सबसे अधिक साक्षर राज्य केरल है और सबसे कम साक्षर राज्य बिहार है। उत्तर प्रदेश 5 सबसे कम साक्षर राज्यों में से एक है।

शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती। सरकार की शिक्षा संबंधी योजनाओं की जानकारी बाँटना इस साक्षरता दिवस आप अपना उद्देश्य बना सकते हैं। आपके इस छोटे से प्रयास से अंधकारमय जीवन में शिक्षा का लौ जला सकते हैं। क्योंकि शिक्षा रोजगार या पैसे से ज्यादा खुद के विकास के लिए जरूरी है।

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