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जाने कौन है अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला तालिबान और इसके कमाई साधन
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जाने कौन है अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला तालिबान और इसके कमाई साधन

जाने क्या हो रहा है अफगानिस्तान में


20 साल पहले अमेरिका के नेतृत्‍व में यह दावा किया गया था कि अफगानिस्‍तान से तालिबानी शासन का अंत हो गया है। लेकिन यह बात आज गलत साबित हो गई है। लंबे समय से चल रहे अफगानिस्तान फौज और तालिबान के युद्ध है बीच कलअफगान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी विदेश भाग गए है। इसके बाद तो एक डर जो सभी के मन में छिपा बैठा था कि तालिबान के वापस आते ही दमन और अत्‍याचारों का दौर शुरू हो जाएगा। वह आज सच साबित होने लगा है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि पिछले 20 साल अफगानिस्‍तान के लिए बहुत ज्यादा शांति के साथ गुजरे हो। अगर हम बात करें अमेरिका और उसकी साथी सेनाओं की तो उनका अफगानिस्‍तान पर कभी पूरा नियंत्रण था ही नहीं। अफगानिस्‍तान में लगातार हिंसा जारी रही, जिसका नतीजा आज हम सभी लोगों के सामने है।

जैसे की अभी हवा का रुख़ फ़िलहाल तालिबान की तरफ़ है और जिस तरह तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, उससे देख कर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने भी इस पर अचंभा जताया है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की नियोजित वापसी तत्काल एक सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के मिशन में बदल गई है।

अफगानिस्तान

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जाने क्या है तालिबान

पश्‍तून के अनुसार तालिबान का मतलब ‘छात्र’ होता है और यह एक तरीके से उनके मदरसों को जाहिर करता है। आपको बता दें कि तालिबान का जन्‍म उत्‍तरी पाकिस्‍तान में सुन्‍नी इस्‍लाम का कट्टरपंथी रूप सिखाने वाले एक मदरसे द्वारा हुआ था। बता दें कि सोवियत काल के बाद 1990 में जो गृहयुद्ध छिड़ा उसी ने कहीं न कहीं तालिबान को मजबूत किया। शुरू में लोग उन्‍हें बाकी मुजाहिदीनों के मुताबिक ज्यादा पसंद करते थे। क्‍योंकि उस समय पर तालिबान ने वादा किया था कि भ्रष्‍टाचार और अराजकता को बिल्कुल खत्म कर देगा। लेकिन अभी एक बार फिर तालिबान के हिंसक रवैये और इस्‍लामिक कानून वाली क्रूर सजाओं ने जनता के बीच आतंक फैला दिया है।

उसके बाद तालिबान ने संगीत, टीवी और सिनेमा पर रोक लगा दी और पुरुषों को दाढ़ी रखना जरूरी कर दिया, इतना ही नहीं महिलाएं बिना सिर से पैर तक खुद को ढके घर से बाहर नहीं जा सकती थी। आपको बता दें कि तालिबान ने 1995 में हेरात और 1996 में काबुल पर कब्‍जा किया था। इतना ही नहीं 1998 आते आते लगभग पूरे अफगानिस्‍तान पर तालिबान की हुकूमत हो चुकी थी।

जाने तालिबान की कमाई कहां से होती है

आपको बता दें कि ‘जी न्यूज़’ के एक आर्टिकल के अनुसार तालिबान के पास पैसे की कोई कमी नहीं है तालिबान के पास कितना पैसा है और वो किस हद तक पैसा खर्च कर सकता है ये कोई नहीं जनता। उनके आर्टिकल के अनुसार आज के समय पर तालिबान की सालाना कमाई 1.6 बिलियन डॉलर यानी कि सवा खरब रुपये से ज्‍यादा  है। लेकिन अगर हम बात करें तालिबान की 10 साल पहले की कमाई की बात करें तो 10 साल पहले तालिबान की कमाई 300 मिलियन डॉलर थी। जो आज के समय पर पांच गुना से ज्यादा बड़ चुकी है।

ड्रग्‍स: तालिबान को हर साल ड्रग्‍स से 416 मिलियन डॉलर मिलते है।

खनन: तालिबान को पिछले साल खनन से 464 मिलियन डॉलर मिले।

रंगदारी: तालिबान को हर साल रंगदारी से 160 मिलियन डॉलर मिलते है।

चंदा: तालिबान को पिछले साल चंदा से 240 मिलियन डॉलर मिले।

निर्यात: हर साल 240 मिलियन डॉलर मिलते है।

रियल एस्‍टेट: तालिबान को हर साल रियल एस्‍टेट से 80 मिलियन डॉलर मिलते है।

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