Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the hustle domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
अगर आप भी है परेशान अपने टीनेजर्स बच्चे के मानसिक समस्याओं से, तो कुछ इस तरह करें इलाज
सेहत

अगर आप भी है परेशान अपने टीनेजर्स बच्चे के मानसिक समस्याओं से, तो कुछ इस तरह करें इलाज

जानें क्यों होती है टीनेजर्स बच्चों में मानसिक समस्याएं


बचपन और टीनएज दोनों ऐसी एज होती है जिसमें बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है। जिनमें से कुछ बदलाव तो हर बच्चे में प्राकृतिक रूप से होता है तो कुछ बदलाव ऐसे भी होते है जो बच्चों में उनके आस पास के माहौल, वातावरण आदि की वजह से नजर आते है। आज के समय में बच्चों में बहुत छोटी उम्र में स्कूल, पढ़ाई और बिगड़ते माहौल की वजह से स्ट्रेस देखा जाने लगा है। जिसके कारण आज के समय में बच्चे बहुत छोटी उम्र में ही आस पास के माहौल, परिवार की उदासीनता, लड़ाई-झगड़े और हिंसा के चलते मानसिक रोग के शिकार हो जाते है। यह बच्चों की बेहद चिंताजनक स्थिति है। क्योंकि जिस उम्र में बच्चों को खेलना कूदना और नयी चीजें सीखनी चाहिए उस उम्र में बच्चे मानसिक समस्याओं के शिकार हो रहे है। तो चलिए आज हम आपको बतायेगे माता पिता होने के नाते आप कैसे अपने टीनेजर्स बच्चे के मानसिक समस्याओं को दूर कर सकते है।

ईटिंग डिसऑर्डर: क्या आपको पता है टीनेजर्स बच्चों में बहुत ज्यादा स्ट्रेस में होने पर या तो बहुत अधिक खाने लगते है या फिर बिलकुल ही खाना छोड़ देते हैं। इस तरह के ईटिंग डिसऑर्डर लड़कों की तुलना में लड़कियों में ज्यादा होते है। ऐसा उनमें कई बार बॉडी इमेज ईशु की वजह से भी होता है। ऐसे समय में आपको अपने बच्चे की हेल्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए उससे समय पर खाना खिलाना चाहिए और उसके साथ एक दोस्त की तरह बर्ताव करना चाहिए।

मूड डिसऑर्डर: बच्चों में मूड डिसऑर्डर होना यह एक बहुत ही कॉमन मानसिक समस्या है। इसके चलते बहुत ही कम उम्र में बच्चों का मूड और व्यवहार बदल जाता है। मूड डिसऑर्डर के कारण कई बार तो बच्चे बहुत ज्यादा उदास हो जाते है तो कई बार बहुत ज्यादा हाइपरएक्टिव नजर आते हैं। बच्चों में डिप्रेशन, उदासी, नाराजगी और बाइपोलर जैसी चीजें होना मूड डिसऑर्डर की निशानियां होती है जो बच्चों में आम तौर पर देखी जाती है। इसलिए ऐसे समय में आपको अपने बच्चे को समझना चाहिए और जब वो बहुत ज्यादा उदास हो तो आपको उसका दोस्त बनना चाहिए ताकि वो बाहर किसी से अपनी चीजें शेयर करने की जगह आपसे करें और आप उससे सही रास्ता दिखा पाएं।

एंजायटी डिसऑर्डर: आपने देखा होगा कि बहुत सारे बच्चों में सोशल एंजायटी होती है तो बहुत सारे बच्चे तरह-तरह के डरों से घिरे होते है। टीनएज में ये डर बहुत खुलकर कर बच्चों के सामने नहीं आता। लेकिन अगर बात हो पढ़ाई, करियर या किसी खास मामले की तो ये डर खुलकर बच्चों के चेहरे पर दिखता है। इस स्थिति में आपको अपने बच्चे के साथ खड़ा रहना चाहिए और उसे इस बात का विश्वास दिलाना चाहिए कि चाहे कुछ भी हो जाये आप उसके साथ हैं।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button