विश्व हिंदी दिवस पर जानें हम लोगों द्वारा की जानें वाली हिंदी की सामान्य गलतियां
साल 2006 से लगातार हर साल विश्व हिंदी विश्व दिवस मनाया जा रहा है
हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने की लड़ाई लंबे समय से चली आ रही है. जिसके को लेकर लगातार इसका प्रचार और प्रसार भी किया जा रहा है. ताकि हिंदी का विकास किया जाए. इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस मनाने का ऐलान किया था. उसके बाद से ही लगातार हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है. प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था. इतने सालों से हिंदी का प्रचार प्रसार किया जा रहा है लेकिन अभी भी कुछ सामान्य गलतियां है जो हम लोग हर रोज करते हैं. तो चलिए आज आपको ऐसी गलतियों के बारे में बताएंगे.
हिंदी लिखते वक्त की जाने वाली सामान्य गलतियां मे और में
मे एक अक्षर है जिसके साथ प्रत्यय लगाकार एक शब्द बनाते हैं. जैसे मेरा,. वहीं दूसरी ओर में एक सहायक शब्द है जो वाक्य को पूरा करने का काम करता है. सामान्य तौर पर जब भी हम हिंदी के वाक्य को लिखते हैं तो मे का प्रयोग करते हैं. यह प्रयोग गलत है. सही प्रयोग ‘में’ है. अगली बार जब भी आप हिंदी में सहायक क्रिया का प्रयोग करें तो इसका ध्यान रखें.
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है और हैं
यह भी ज्यादातर लोगों द्वारा की जाने वाली बहुत ही सामान्य गलती है जो कभी –कभी वाक्य का अर्थ ही बदल देती है. ‘है’ एकवचन है. जबकि ‘हैं’ वचन. जब भी वाक्य में किसी एक ही बात हो रही हैं तो ‘है’ का प्रयोग करते है. जैसे- राम आम खा रहा है. वहीं दूसरी ओर हैं का प्रयोग बहुवचन और सम्मान के लिए किया जाता है. जैसे- हमलोग आम खा रहे हैं. सम्मान के तौर पर ‘महानायक अमिताभ बच्चन अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों को दिलों पर राज करते हैं’.
और के आगे पूर्ण विराम
अक्सर यह देखा जाता है कि हम लोग और के पहले पूर्णविराम लगा देते हैं. जबकि हिंदी के हिसाब से यह गलत है. और दो वाक्यों को जोडने वाला क्लाउज है. जिसके आगे पूर्ण विराम नहीं लगाया जाता है. अगली बार और के आगे पूर्णविराम और वाक्य के शुरु में और न लिखें.
कि और की
यह भी अक्सर देखने को मिलता है कि लोग ‘कि’ और ‘की’ में गलती करते हैं. कि का प्रयोग दो वाक्यों को जोड़ने में किया जाता है . इसके साथ ही इसका प्रयोग क्रिया के बाद किया जाता है. जैसे- शिक्षक ने क्लास में राहुल से कहा कि वह एक कविता सुनाएं. वही दूसरी ओर की का प्रयोग संज्ञा और सर्वनाम के जोड़ने के लिए किया जाता है. ताकि वाक्य पूरा किया जा सके. जैसे- राम की किताब खो गई है.
बाहर और बहार
हमारी बोलचाल की भाषा और लिखने में काफी अंतर होता है. हिंदी में बात करते वक़्त जल्दी-जल्दी में बहार कहते हैं. कई बार हम लिखते वक्त भी यही गलती करते हैं. जबकि हिंदी में ‘बाहर’ होता है.
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