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जाने भारत की उन महिला वैज्ञानिकों के बारे में, जिन्होंने बढ़ाया देश का मान, नहीं मानी विपरीत परिस्थितियों में भी हार

जाने विज्ञान के क्षेत्र में भारत का मान बढ़ाने वाली महिलाओं के बारे में




आज हमारे समाज में महिलाएं पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं. आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है. इतना ही नहीं इसके साथ ही महिलाएं कई क्षेत्रों में पुरुषों से काफी आगे भी निकलते जा रही हैं. लेकिन अगर हम आज से 100 साल पहले की बात करे तो उस समय महिलाओं को इतनी आजादी नहीं थी जितनी आज के समय में है. आज हम आपको भारत की उन महिला वैज्ञानिकों के बारे में बताएंगे जिन्होंने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है.

आनंदीबाई गोपालराव जोशी: आज हम आपको आनंदीबाई गोपालराव जोशी के बारे में बताने जा रहे है आनंदीबाई गोपालराव जोशी भारत की पहली महिला फिजीशयन थीं आनंदीबाई गोपालराव ने महज 14 साल की उम्र में बच्चे को जन्म दिया था. लेकिन दवाई की कमी के कारण उनके बच्चे की कम उम्र में मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद से आनंदीबाई गोपालराव ने दवाईयों पर रिसर्च करने का सोचा. आनंदीबाई गोपालराव के पति उनसे 20 साल बढ़े थे लेकिन उनके पति ने उन्हें विदेश जाकर पढ़ने के लिए प्रेरित किया. जिसके बाद आनंदीबाई गोपालराव ने वुमन्स मेडिकल कॉलेज पेंसिलवेनिया से पढ़ाई की थी.

 

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असीमा चटर्जी: असीमा चटर्जी ने 1936 में कोलकाता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से केमेस्ट्री सब्जेक्ट में ग्रैजुएशन किया था. असीमा चटर्जी को केमेस्ट्री में उनके कार्यों के लिए जाना जाता है एंटी-एपिलिप्टिक और एंटी-मलेरिया ड्रग्स का डेवलपमेंट असीमा चैटर्जी ने ही किया था. क्या आपको पता है असीमा चैटर्जी कैंसर से जुड़ी एक रिसर्च में भी शामिल थी.

जानकी अम्माल: क्या आपको पता है जानकी अम्माल को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. जानकी अम्माल भारत की पहली महिला वैज्ञानिक थी जिनको पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. साल 1977 में जानकी अम्माल को भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा था. जानकी अम्माल बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर के पद पर भी कार्यरत रही हैं.

कमला सोहोनी: क्या आपको  पता है कमला सोहोनी प्रोफेसर ‘सी वी रमन’ की पहली महिला स्टूडेंट थीं,  इतना ही नहीं कमला सोहोनी पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक भी थी.  उन्होंने उस समय पर PhD की डिग्री हासिल की थी। कमला सोहोनी ने खोज की, कि हर प्लांट टिशू में ‘cytochrome C’ नाम का एन्जाइम पाया जाता है

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