डिजिटल क्लास बन सकती है आपके बच्चे की सर्वाइकल की वजह, इन बातों का रखें खास ध्यान
डिजिटल क्लास से होने वाली समस्याएं – ऐसे रखे अपने बच्चे का ख्याल
कोरोना वायरस ने लोगों के सामने नए तरीके से जीवन जीने की चुनौती पैदा कर दी है। अब आप सामान्य दिनों की तरह काम-काज नहीं कर पाते है। अब आपको कुछ भी करने और कही भी जाने से पहले बहुत सारी चीजें सोचनी पड़ती हैं । कुछ समय पहले आये कोरोना ने सभी लोगों को परेशान कर के रख दिया है अभी सभी लोगों का लाइफस्टाइल बदल गया है। और ये हमारे लिए अच्छा भी है कि सभी लोग मौजूदा हालात को नया सामान्य मानते हुए आगे बढ़े। इन दिनों सबसे बड़ी मुसीबत माता पिता के लिए उनके बच्चों की पढ़ाई है। क्योकि इस समय बच्चों को डिजिटल क्लास से पढ़ाया जा रह है। इसके लिए परिवार वालों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इतना ही नहीं इसके साथ बच्चों को भी आए दिन कई तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। जैसे मसलन- चिड़चिड़ापन, मानसिक समस्याएं और आंखों पर स्ट्रेस आदि। तो चलिए आज हम आपको बतायेगे डिजिटल क्लास से जुडी महत्वपूर्ण बातें।
1. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के गाइडलाइन के अनुसार प्री-प्राइमरी स्टूडेंस के लिए ऑनलाइन क्लास का समय 30 मिनट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जबकि कक्षा 1 से 8 के लिए 45 मिनट के दो ऑनलाइन सेशन होंगे। कक्षा 9 से 12 के लिए 30-45 मिनट की चार ऑनलाइन सेशन होंगे।
2. ऑनलाइन क्लास ने सभी के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। क्योंकि लगातार स्क्रीन के सामने बैठे रहना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। कई बार खराब इंटरनेट के कारण वीडियो और ऑडियो की क्वालिटी खराब होती है जिसके कारण बच्चों को कॉन्संट्रेशन की समस्या हो सकती है। और उनको चीजें समझ भी नहीं आती है।
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3. भारत के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पढ़ना नया है। इसके लिए शिक्षक, बच्चे और उनके माता पिता कोई भी पूरी तरह से तैयार नहीं है। शिक्षकों के लिए भी ये बिल्कुल नया है तो उनके लिए भी आसान नहीं होता एक साथ इतने बच्चों का ध्यान रख पाना। जिसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा।
4. लगातार लम्बे समय तक ऑनलाइन क्लास लेने से बच्चों को आने वाले समय में कमर संबंधी, सर्वाइकल स्पाइन और मोटापे जैसी परेशानी हो सकती है।
5. जब बच्चे घर से ऑनलाइन क्लास से पढ़ते है तो उन्हें बहुत सारी चीजों का सामना करना पड़ता है जैसे बच्चा कितनी हाइट की कुर्सी पर बैठ रहे है ,उसकी स्क्रीन का साइज कितना बड़ा है। उसकी बैठने की मुद्रा सही है या नहीं। ये सारी बाते सीधे बच्चे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इस लिए कोशिश करे जब भी बच्चा क्लास ले तो इटरनेट की स्पीड अच्छी हो। और अपने आपके स्क्रीन का साइज भी बड़ा हो। उसके बैठने का तरीका ठीक हो।
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