दिल्ली, मुंबई नहीं एक बार शिलांग जरुर घूमकर आएं
भारत का उत्तरी-पूर्वी हिस्सा देश की अन्य हिस्से से थोड़ा अलग है। आपने बहुत कम ही खबरों में इनके बारे में सुना है। उत्तर-पूर्व के कई
प्राकृति का बहुत सुदंर नजारा है।
भारत का उत्तरी-पूर्वी हिस्सा देश की अन्य हिस्से से थोड़ा अलग है। आपने बहुत कम ही खबरों में इनके बारे में सुना है। उत्तर-पूर्व के कई हिस्सों तक अभी तक रेलवे लाइन तक नहीं पहुंच पाई है। यहां लोग कहीं आने-जाने के लिए सड़क परिवाहन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यातायात की इतनी बड़ी परेशानी इसकी प्राकृतिक सौंदर्य को कम नहीं होने देती है। उत्तर-पूर्व का शिलांग पूरी तरह से प्राकृति की सौदंर्य चादर में लिपटा हुआ है। एशिया का सबसे साफ गांव भी यही मौजूद है।
शिलांग के कुछ पर्यटक स्थलों के बारे में बताते हैं
स्वीट फॉल
जैसा की इसका नाम ही स्वीट फॉल है तो यह शिलांग का सबसे खूबसूरत वाटरफॉल है। जितना सुंदर यह वाटरफॉल हैं। उससे कहीं ज्यादा यह खतरनाक भी है। मेघालय में सबसे ज्यादा खुदकुशी और मौत की घटनाएं इसी वाटरफॉल में हुई है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप विषम संख्या के लोगों को साथ इस वॉटरफॉल को देखने जाएंगे तो समसंख्या मे ही वहां से लौटकर आएंगे।
एलिफेंटा फॉल
इस फॉल की प्राकृतिक खूबसूरती देखते बनती है। असली नाम शैद लई पटेंग खोशी हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है कि यहां एलिफेंट के आकार जैसा एक पत्थर था। लेकिन 1897 में आएं भूकंप मे यह नष्ट हो गया। जिसके बाद इसका नाम एलिफेंटा रखा गया।
शिलांग पीक
समुद्र तल से करीब 1900 मीटर ऊंची शिलांग पीक शिलांग की सबसे ऊंची चोटी है। यहां से आप पूरे शहर का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। .यह शहर का एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जहां सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसी पर्वत के कारण इस शहर का नाम शिलांग पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि देवता लीशिलांग इस पर्वत पर रहते हैं। यहां से वह पूरे शहर पर नजर रखते हैं और लोगों को मुसीबतों से बचाते हैं।
पुलिस बाजार
जैसे बड़े-बड़े शहरों में शॉपिंग मार्केट बहुत फेमस होते हैं वैसे ही शिलांग का पुलिस मार्केट सर्दी के कपड़ो के लिए बहुत प्रसिद्ध है। लकड़ी के सामान अच्छे मिलते हैं।
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