ज़िन्दगी और समय से ले की यह सीख
कैसे दिन ढलते ही सवेरा होता हैं, कैसे पल ख़त्म होते ही नया समय शुरू होता है। इस समय की सीमा को समझना बहुत मुश्किल है। अब किसे क्या समझाया जाए, इस समय की अहमियत हम बताते रहेंगे और आप सुनते रहेंगे। पर ना ही आप समझ पाएँगे और ना ही अब हम समझा पाएँगे। जिंदगी का दौर शुरु होते ही खत्म हो जाता है। समय भी कुछ इसी तरह भागता है।
यही समय की सीढ़ी हर व्यक्ति चढ़ता है। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हर इंसान धीरे धीरे कदम बढ़ाते हुए इस सीढ़ी को चढ़ता है। गिरता है तो वापिस चढ़ता भी है। और हर ज़ख्म के साथ हर कोई एक न एक बात ज़रूर सीखता है।
यह 5 चीज़े हर व्यक्ति बढ़ते हुए सीखता है :-
- आत्मसम्मान
किसी के लिए भी आत्मसम्मान कमाना उतना ही मुश्किल है जितना किसी के लिए शोहरत कमाना| एक बार को कोई धम कमा सकता है पर इज़्ज़त और सम्मान कामना उतना ही मुश्किल है।
- समय
समय की कीमत हम सभी सीखते है। कैसे अपना हर काम समय के मुताबिक किया जाए, ये हम अपने अनुभवों से सीखते है। समय के हिसाब से चलना, समय अपने आप सिखा देता है।
- अनुभव
हमारा अनुभव हमारा गुरु होता है। जाने अनजाने हर अनुभव हमे कुछ न कुछ सिखा जाता है। सीख छोटी हो या बड़ी, अनुभवों से सीखी गई हर बात ज़िन्दगी के सफर में बहुत काम आती है।
- अहमियत
समय हर चीज़ अहमियत सिखाता है। हमारी ज़िन्दगी में लोगो की, चीज़ों की और बातों की अहेमियत सिखा देते है। यादो की और ज़िन्दगी से मिली हर शिक्षा हमारे विकास के लिए अहम है।
- इज़्ज़त
बड़े छोटे सबकी इज़्ज़त करना हमारा फ़र्ज़ है। दुसरो के विचार और सोच चाहे कितनी ही अलग क्यों न हो उनकी इज़्ज़त करनी चाहिए। हर व्यक्ति अपने ढंग से अलग होता है। उनकी इज़्ज़त करना और उन्हें अपनाना हमारे संस्कार है।