सुप्रीम कोर्ट में सिंधु नदी समझौते को लेकर दी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में सिंधु नदी समझौते को लेकर दी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा जल्द सुनवाई की जररूत नहीं
सुप्रीम कोर्ट में सिंधु नदी समझौते को लेकर दी चुनौती:- आज सुप्रीम कोर्ट में सिंधु नदी समझौते को लेकर चुनौती दी गई है। जिस में यह कहा गया है, कि वर्ष 1960 की संधि अंवैधानिक है और यह याचिका एमएल शर्मा ने दाखिल की है। इस याचिक के अनुसार जवाहर लाल नेहरू द्वारा हस्ताक्षर की गई यह संधि असंवैधानिक है। मगर सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर यह कहा कि इस मामले को जल्द सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है।
कोर्ट को राजनीति से दूर रखिए
वहीं चीफ जस्टिस ठाकुर ने यह कहा है, कि यह संधि वर्ष 1960 की है जबकि अब 2016 चल रहा है। हमें इस मामले में जल्द सुनवाई की कोई जरूरत नहीं दिखाई पड़ती है। दूसरी तरफ वकील एमएल शर्मा का कहना है, कि ऐसा करने पर इस मामले में राजनीति दखलअंदाजी बढ़ेगी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट का कहना था, कि राजनीति से कोर्ट को दूर रखिए, याचिका पर सामान्य तरीके से ही सुनवाई की जाएगी।
यहाँ पढ़ें ; सिंधु जल संधि के रद्द होने से पाकिस्तान पर क्या होगा असर…
उरी में हमले के बाद
आप को बता दें, कि हाल ही उरी आतंकी हमले में 18 जवान शहिद हो गए, इस के बाद से देश में इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि भारत, पाकिस्तान पर कार्रवाई के नाम पर क्या कदम उठाएगा? तमाम विकल्पों में से एक विकल्प सिंधु जल समझौते को खत्म करने का भी है। ख़बरों के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानि आज सिंधु जल समझौते के बारे में एक बैठक करने जा रहे हैं और इस बैठक में कई उच्च अधिकारी शामिल होंगे।
सिंधु जल समझौते का पाकिस्तान के लिए महत्व क्या है
दरअसल पाकिस्तान देश के दो-तिहाई हिस्से में सिंधु और उसकी सहायक नदियां आती हैं। वहीं पाकिस्तान की 2.6 करोड़ एकड़ ज़मीन की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर करती है। अगर भारत देश पानी रोक दे तो पाक में पानी संकट पैदा हो जाएगा, खेती और जल विद्युत बुरी तरह प्रभावित हो जाए्गों।