SCO Summit: कजाखिस्तान में चीन-भारत की मीटिंग, सीमा से जुड़े मुद्दे पर दोनों में बातचीत हुई
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर कजाखिस्तान के अस्ताना में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे। यहां उन्होंने गुरुवार को अपने समकक्षी चीन के विदेश मंत्री वांग यी मुलाकात और बातचीत की। कयास लगाया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच सीमा विवाद पर चर्चा हुई।
SCO Summit: अस्ताना में हुई एससीओ शिखर सम्मेलन, शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच अहम
SCO Summit: भारत और चीन के मध्य पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच, दोनों देशों के विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर मिले और विचारों का आदान प्रदान किया। दोनों नेताओं के बीच मुख्य बातचीत सीमा विवाद पर केन्द्रित थी। भारत का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है।
अस्ताना में हुई एससीओ शिखर सम्मेलन
कजाखस्तान के अस्ताना में एससीओ शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हिस्सा लिया। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए और भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री जयशंकर कर रहे हैं।
शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच अहम
भारत और चीन के मध्य पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच, दोनों देशों के विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर मिले और विचारों का आदान प्रदान किया। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुख्य बातचीत सीमा विवाद पर केन्द्रित थी। भारत का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है।
Met with CPC Politburo member and FM Wang Yi in Astana this morning.
Discussed early resolution of remaining issues in border areas. Agreed to redouble efforts through diplomatic and military channels to that end.
Respecting the LAC and ensuring peace and tranquility in the… pic.twitter.com/kR3pSFViGX
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 4, 2024
सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत पर कहा का सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा हुई। सीमा संबंधी शेष मुद्दों के हल के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा का सम्मान करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है। परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और आपसी हित हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे।
काफी अहम माना जा रहा है इस मुलाकात को
बता दें कि मोदी 3.0 सरकार के गठन के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बैठक है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री को एक-दूसरे से गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए देखा गया। दोनों ने साथ में फोटो भी क्लिक कराई। पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच चार साल से संबंध अच्छे नहीं चल रहे थे। इसके मद्देनजर दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। 5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख में गतिरोध शुरू होने के बाद से व्यापार को छोड़कर भारत-चीनी संबंध काफी खराब हो गए थे। गलवान के पास पैंगोंग त्सो (झील) क्षेत्र में दोनों सेनाओं में हिंसक झड़पें हुई थीं।
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