आतंकी कैंपों के खिलाफ पीओके में स्थानीय निवासियों का विरोध प्रदर्शन
आतंकी कैंपों के खिलाफ पीओके में स्थानीय निवासियों का विरोध प्रदर्शन
आतंकी कैंपों के खिलाफ पीओके में स्थानीय निवासियों का विरोध प्रदर्शन:- पाकिस्तान द्वारा बार-बार आतंकियों को पनाह देने की बात से मुकरने के बीच गुरुवार को पीओके के स्थानीय निवासियों ने आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
यह विरोध प्रदर्शन तब हुआ है जब पाकिस्तान बार-बार सर्जिकल ऑपरेशन होने से इंकार कर रही है।
पीओके के लोगों के जिदंगी नकर हो गई है
गुरुवार को पीओके के लोगों का गुस्सा फुट गया। जिस दौरान पीओके के निवासी और कई नेताओं ने आतंकियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। यह विरोध प्रदर्शन पीओके के मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी, मीरपुर, गिलगित, डायमर व नीलम घाटी के इलाकों किया गया।
पीओके में प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि आतंकी धीरे-धीरे अपने कैंपों को बढ़ते जा रहे है जिसके कारण उनकी जिदंगी नरक होती जा रही है। आतंकियों द्वारा चलाए जा रहे ट्रेनिंग कैंप और आतंकियों शिविरों को जड़ से खत्म करने की जरुरत है।
साथ ही कहा है कि अगर सरकार इनको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है वह स्वयं ही इसके खिलाफ कोई एक्शन लेगें।
आतंकियों को खाने और राशन की सुविधा दी जा रही है
पीओके ने नेता ने आरोप लगाया है कि इन आतंकियों को खाने और राशन तक की सुविधा दी जा रही है।
सूत्रों के मानें तो एलओसी में सर्जिकल ऑपरेशन के बाद से जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैय्यबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने अपने कैंपों का ठिकाना बदल दिया है। वह कहीं और शिफ्ट हो गए है।
लोगों का फूट गुस्सा
इस बारे में गिलगित के एक निवासी ने कहा कि अगर सरकार डायमर, गिलगित, बसीन और दूसरी जगहों से तालिबान के इन आतंकी कैप को नहीं हटा सकती है तो हमें खुद ही कोई एक्शन लेना होगा।
कोटली के एक निवासी ने कहा आतंकवाद का जड़ से सफाया होना चाहिए, आतंकियों को पनाह देने से स्थिति और बिगड़ जाएगी।
आपको बता दें जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा उरी हमले में 18 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
जिसके बदले में आतंकियों को सबक सिखने के लिए सर्जिकल ऑपरेशन किया था. जिसमें 38 आतंकी मारे गए थे।
कल ही भारतीय सेना ने सरकार से छह महीने तक अभियान चलने की अपील की है ताकि पीओके में आतंकवाद को जड़ से खत्म कर सके।
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