चीन और रुस ने शुरु किया युद्धाभ्यास, कहा अमेरिका और जापान है सबसे ज्यादा परेशान
चीन और रुस ने आज से चीन सागर में नौसैनिक युद्धाभ्यास शुरु कर दिया है। इसके साथ ही दोनों एक जुट होकर विश्व को अपनी शक्ति को प्रदर्शित करना चाहता है।
चीनी नौसेना प्रवक्ता लियांग यंग ने कहा कि आठ दिन तक यह युद्धाभ्यास चलेगा। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह युद्धाभ्यास दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में होगा कि नहीं? खासतौर पर पेइचिंग के नाइन डैश लाइन में, जिसपर चीन के दावे को जुलाई में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने खारिज कर दिया था।
वहीं चीनी मीडिया ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा है कि चीन के इस प्रयास से अमेरिका और जापान जैसे देश ज्यादा ही परेशान हैं। चीन की अलग-अलग अखबारों की संपादकीय में इसको लेकर कई तरह की टिप्पणी की जा रही है।
दोनों देशों के सैनिक संयुक्त हवाई रक्षा, पनडुब्बी रोधी अभियान, लैंडिंग, द्वीप पर कब्जा करने, तलाश व बचाव, और हथियारों के इस्तेमाल का अभ्यास करेंगे।
चीनी नौसेना के कुल 10 जहाज युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। इसमें विध्वंसक जहाज, फ्रिगेट, लैडिंग जहाज, आपूर्ति जहाज, और पनडुब्बी, शिमलि हैं। इसके अलावा 11 फिवस्ड विंग विमान, आठ हेलिकॉप्टर के साथ-साथ जमीन और पानी में काम आने वाले बख्तबंद उपकरण शामिल हैं।