विदेश

25 भारतीय स्टूडेंस को अमेरिकी यूनिर्वसिटी से निकाला गया

अमेरिका की वेस्ट केंटकी यूनिर्वसिटी ने 25 भारतीय छात्रों को भारत वापस लौटने के लिए कहा है। सभी 25 स्टूडेंट कंप्यूटर सांइस के फॉस्ट सेमेस्टर के है। सभी के एडमिशन के लिए जरूरी मानक पूरे नहीं किए गए थे।

इस साल 60 भारतीय स्टूडेंस ने यूनिर्वसिटी में दाखिला लिया था। तभी यूनिर्वसिटी ने निर्देश दिया था कि दाखिले के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक जरूरी होने चाहिए।

कंप्यूटर सांइस के चेयरमैन जेम्स गेरी ने कहा है कि करीब 40 स्टूडेंस ने दाखिले के समय सभी मानकों को पूरा नहीं किया था। जबकि यूनिर्वसिटी ने भी कई बार इनको इस बारे में सहयोग करने को कहा था।

Western Kentucky University

वेस्ट केंटकी यूनिर्वसिटी

इसी बात को मद्देनजर रखते हुए 35 स्टूडेंस ने सभी मानकों को पूरा कर दिया था। जिसके बाद उन्हेें अपनी पढ़ाई करने की अनुमति दी गई थी, जबकि बचे 25 स्टूडेंस को यूनिर्वसिटी छोड़ने के लिेए कहा गया है।

गैरी ने साथ ही कहा है कि अगर हम स्टूडेंस को पढ़ाई लगातार करने को कहते है तो यह उनके पैसे पूरी तरह से बर्बादी हो जाएंगी क्योंकि वह यहां रहेगें और क्लास नहीं कर पाएंगे। जिसके कारण वह कंप्यूटर प्रोग्राम नहीं लिख पाएंगे जो कि उनके प्रोग्राम का एक जरूरी भाग है।

अगर स्टूडेंस यहां से पढ़कर निकलते है और बाद में कहीं जाकर प्रोग्राम नहीं कर पाते है तो यह यूनिर्वसिटी की प्रतिभा पर सवाल या निशान लगाने लायक है।

इन्हीं सभी स्टूडेंस का दाखिला किसी एक दाखिला अभियान के द्वारा कराया गया था जहां एक विज्ञापन के द्वारा यूनिर्वसिटी में स्पोर्ट एडमिशन और इसके साथ ही ट्यूशन डिसकाउट भी दिया जाएंगा कहकर दाखिले के झांसे में फंसाया गया था।

वहीं केंटकी यूनिर्वसिटी में इंडियन स्टूडेंस एसोशिएसन के चैयरमैन अदित्य शर्मा ने कहा है कि ‘इन स्टूडेंस के लिए मुझे बहुत बुरा लग रहा है सभी इतने दूर से आएं है। सभी ने यहां आने के लिए इतने सारे पैसे खर्च किए है। सभी को बहुत सारी उम्मीद होगी’।

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