धैर्य, सेना कैप्टन रह चुकी शालिनी सिंह ने अब चुनी सियासत की राह
जाने कौन है शालिनी सिंह
ये बात तो शायद आपने भी सुनी ही होगी कि जो लोग मुश्किल समय में धैर्य से काम करते है उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. ऐसी ही कहानी है देश की सुरक्षा करते हुए सरहद पर शहीद हुए मेजर अविनाश सिंह भदौरिया की पत्नी एवं भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर आसीन रहीं शालिनी सिंह की है. शालिनी सिंह ने महज 23 साल की उम्र में अपने पति को खो दिया था. देश की सुरक्षा करते हुए सरहद पर शालिनी सिंह के पति शहादत को प्राप्त हुई थी. लेकिन पति के चले जाने के बाद भी शालिनी सिंह ने अपने बुरे समय में हार नहीं मानी और सेना कैप्टन बनी. आज शालिनी सिंह राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रही हैं.
अविनाश सिंह भदौरिया कश्मीर में हुए थे शहीद
मेजर अविनाश सिंह भदौरिया साल 2001 में कश्मीर में चार आतंकियों से मोर्चा लेते हुए शहीद हो गए थे. जिस समय पर मेजर अविनाश सिंह भदौरिया शहीद हुए थे. उस समय पर शालिनी सिंह महज 23 साल की थी और उनके ऊपर दो साल के बच्चे की जिम्मेदारी भी थी. ऐसे में शालिनी सिंह के लिए पति का छोड़ देना किसी दैवीय आपदा से कम नही था. लेकिन अपने आंसुओं को शालिनी सिंह ने अपनी ताकत बनाया और सेना में भर्ती हुईं. उसके बाद तीन महीने के भीतर शार्ट सर्विस कमीशन में चयन हो गया. फिर शालिनी सिंह को सेना में कमीशन मिल गया. वहीं पति अविनाश सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
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जाने कैसा रहा शालिनी सिंह का सेना में नौकरी करने का अनुभव
शालिनी सिंह ने लगातार छह साल तक देश के अलग-अलग हिस्सों में सेना में नौकरी की. लेकिन उसके बाद शालिनी सिंह को अपने बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए नौकरी छोड़नी पड़ी. क्योकि शालिनी सिंह सिंगल मदर है और सिंगल मदर के लिए अपने बच्चे को पालने और उसकी अच्छी देखभाल करना बेहद जरूरी था. शालिनी सिंह ने साल 2017 में सौंदर्य प्रतियोगिता मिस अर्थ में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. इतना ही नहीं शालिनी सिंह सिंगल पैरेंट कैटेगरी में मिसेज इंडिया क्लासिक क्वीन खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला है. अपनी ज़िन्दगी में हमेशा कुछ नया करने की चाह रखने वाली शालिनी ने सियासत में कदम रखा है. इस समय शालिनी सिंह आप पार्टी की प्रवक्ता के पद पर काम कर रही हैं. लगातार संघर्षों के जरिए शालिनी अपने बेटे की परवरिश कर अपने लिए नया मुकाम बना रही हैं.इतना ही नहीं शालिनी सिंह उन सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण भी पेश कर रही हैं जो पति के चले जाने के बाद कुछ को कमजोर और असहाय समझने लगती है.
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