Jharkhand Women Protect For Forest: पेड़ों को बचाने के लिए महिलाओं ने शुरू किया ‘जंगल बचाओ अभियान’
Jharkhand Women Protect For Forest: पेड़ों को बचाने के लिए झारखंड की महिलाओं ने बनाई टीम, समूह में करती हैं जंगल की रखवाली
Highlights:
· झारखंड की महिलाओं ने शुरू किया ‘जंगल बचाओ अभियान’
· 100 से ज्यादा महिलाओं की टीम ने उठाया जंगल की रक्षा करने का दायित्व
· झारखंड के जंगल बचाओ अभियान का नेतृत्व सरोज सुरीन करती हैं
Jharkhand Women Protect For Forest: आज के समय पर जहां महानगरों में लोग एक पेड़ भी नहीं लगा पाते हैं वहीं झारखंड के एक गांव की 100 से ज्यादा महिलाओं की टीम 9 एकड़ में फैले घने जगल की सुरक्षा कर रही है। 100 से ज्यादा महिलाओं की इस टीम ने खुद से जंगल की रक्षा करने का दायित्व उठाया है। झारखंड की इन महिलाओं ने तेजी से काटे जा रहे जगलों और कम हो रही हरियाली को देखते हुए इन जगलों को बचाने का कदम उठाया है।
ये सभी महिलाएं अपने आसपास के लगभग नौ एकड़ भूमि पर फैले जंगल को बचाने की मुहिम में लगी हुई हैं। ये महिलाएं झारखंड के जंगलों को बचाने के साथ ही साथ लोगों में जागरूकता लाने के लिए कैंपेन भी करती हैं। जिससे की और भी लोग आगे आकर पर्यावरण को बचाने की इस मुहिम में शामिल हों सकें। तो चलिए विस्तार से जानते है इन महिलाओं के बारे में।
100 से ज्यादा महिलाओं की टीम ने उठाया जंगल की रक्षा करने का दायित्व
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूमि जिले की लगभग 104 महिलाएं इस जंगल बचाओ अभियान के काम में लगी हुई है। इन सभी महिलाओं ने अपने काम को जंगल बचाओ अभियान का नाम दिया है। ये सभी महिलाएं सेवन स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं। इस समूह को झारखंड स्टेट लिवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। बता दें कि झारखंड की महिलाओं के इस जंगल बचाओ अभियान का मुख्य काम जंगल और पर्यावरण को बचाना है।
इस काम को करने के लिए इन महिलाओं का ग्रुप समूह में बंटा है। इसमें एक सुबह छह बजे से लेकर शाम के छह बजे तक काम करता है वही दूसरा शाम के समूह छह से सुबह के नो बजे तक काम करता है और एक समूह शाम के चार बजे से छह बजे तक शामिल रहता है।
झारखंड के जंगल बचाओ अभियान का नेतृत्व सरोज सुरीन करती हैं
झारखंड की ये महिलाएं अपने हाथ में बांस लिए ये सभी पेड़ों की गिनती करती हैं। इस दौरान अगर इन्हे कोई पेड़ों को काटते या फिर कोई गैरकानूनी काम करते दिखता है तो ये महिलाएं उस पर जुर्माना लगाती हैं। बता दें कि झारखंड की महिलाओं द्वारा जंगल बचाओ अभियान के द्वारा पेड़ों की कटौती में कमी आई है। वहीं दूसरी तरह जंगल का क्षेत्र भी बढा है। इस ग्रुप का नेतृत्व सरोज सुरीन करती हैं। जो बताती है कि उन्होंने देखा कि आसपास के जंगल कम होते जा रहे हैं। जिसके कारण उन्होंने 100 से ज्यादा महिलाओं की टीम एकत्रित की और उसके बाद वो 25 – 25 महिलाओं के ग्रुप में ये अलग-अलग शिफ्ट में काम करने लगी।
Read More- Top Indian Women Entrepreneurs: चाहिए जोश? तो पढ़िये भारत की टॉप युवा महिला उद्यमियों की कहानियां!
पेड़ काटने पर लगता है 5,000 रुपए का जुर्माना
झारखंड की ये महिलाएं जंगल की सुरक्षा के लिए 25 – 25 लोगों के समूह में बंटी रहती है। सभी महिलाएं अपनी शिफ्ट के हिसाब से जंगल की रखवाली करती है। साथ ही साथ बताया जा रहा है कि अगर कोई व्यक्ति पेड़ काटते हुए पकड़ा गया तो उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इतना ही नहीं ये महिलाएं आंतरिक अनुशासन बनाए रखने पर भी ध्यान रखती है। बता दें कि महिलाओं के इस जंगल बचाओ अभियान को एक साल से भी ज्यादा समय हो गया है।
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com