Inspiring Teacher: तमिलनाडु की एक टीचर ने 13 साल बिन छुट्टी के किया काम बन गयी सबके लिए मिसाल!
Inspiring Teacher: जाने कौन है एस सरासु क्यूंकि सब सरकारी टीचर एक जैसे नहीं होते
- जाने कौन है एस सरासू
- सरासु ने 13 सालों में नहीं ली एक भी लीव
- सरासु सालों से बिना छुट्टी के लगातार कर रही काम
Inspiring Teacher :अगर हम भारत की शिक्षा प्रणाली की बात करें तो हमारे देश की शिक्षा प्रणाली को लेकर समय समय पर कुछ न कुछ सवाल उठते रहते है। खास कर देश के सरकारी शिक्षा प्रणाली पर। सरकारी शिक्षा प्रणाली में कई तरह की खामियां पाई जाती है। अपने देखा होगा कि अक्सर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की पढ़ाने की शैली को लेकर कोई न कोई वीडियो इंटरनेट पर वायरल होता रहता है। जो की हमारे लिए हास्यपद होने के साथ चिंताजनक हैं। कई बार तो सरकारी शिक्षकों को काफी ज्यादा आलोचना का सामना भी करना पड़ता है। हमारे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की छवि काफी ज्यादा बिगड़ी हुई है। माना जाता है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने और उनका भविष्य संवारने को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं होते। वो सिर्फ सरकारी नौकरी का लाभ लेना चाहते हैं। यही कारण है कि आज के समय पर अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में नहीं करना चाहते है। हालांकि हमारे देश में शिक्षक को भगवान की तरह पूजनीय माना जाता है। ऐसे में किसी एक शिक्षक की गैर जिम्मेदारी के कारण सभी शिक्षकों को गैर जिम्मेदार समझना गलत है। ये बात साबित करती है तमिलनाडु की एक महिला शिक्षक। इस महिला शिक्षक की शिक्षा को लेकर गंभीरता हर किसी के लिए मिसाल बन गई है। तो चलिए विस्तार से जानते है कौन है तमिलनाडु की ये महिला शिक्षक।
जाने कौन है एस सरासू?
एस सरासू तमिलनाडु के आनंद सरकारी एडेड प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षिका है जो अभी अपने काम से तमिलनाडु के सरकारी शिक्षकों की छवि सुधारने में लगी हुई हैं। एस सरासू सुंदरीपलयम नाम के एक गांव की रहने वाली हैं। सरासू ने बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरुआत साल 2004 से की थी। उस समय पर वो आनंद गवर्मेंट एडेड स्कूल में पढ़ाती थी।
सरासु ने 13 सालों में नहीं ली एक भी लीव
आपको बता दें कि सरासु को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाते हुए अभी लगभग 18 साल हो गए हैं लेकिन इन 18 सालों में सरासु ने अभी तक एक भी मेडिकल लीव नहीं ली। ये बात तो आप जानते ही होंगे कि एक सरकारी शिक्षक को कई तरह की छुट्टियां मिलती हैं जैसे मेडिकल लीव, कैजुअल लीव, अर्न्ड लीव आदि। लेकिन सरासु ने इन 13 सालों से आज तक एक भी कैजुअल लीव और अर्न्ड लीव नहीं ली है। ये सभी छुट्टियां उनकी सालों से जैसी की तैसी पड़ी हुई हैं।
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सरासु सालों से बिना छुट्टी के लगातार कर रही काम
तमिलनाडु के सरकारी स्कूल की ये शिक्षका सालों से बिना छुट्टी लिए लगातार बच्चों को पढ़ाती आ रही हैं। बच्चों के भविष्य के प्रति उनकी गंभीरता और जिम्मेदारी आप उनके काम से पता कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए बिना छुट्टी के लगातार काम करना आसान नहीं होता। लेकिन सरासु अपने पर्सनल कामों को स्कूल से पहले या स्कूल के बाद निपटा लेती हैं। इतना ही नहीं इसके साथ ही बता दें कि सरासू सबसे पहले स्कूल भी पहुंच जाती हैं और स्कूल की छुट्टी होने के बाद सबसे आखिर में अपने घर के लिए आती है। सरासु के छुट्टी न लेने और स्कूल समय से पहुंचने से कई बच्चे उनसे प्रभावित हुए है और अब वह खुद भी बेमतलब की छुट्टियां लेने से बचते हैं। सरासू की क्लास में हमेशा बच्चों की फुल अटेंडेंस होती है।