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Success Story: इल्मा अफ़रोज़ दूसरों के घरों में बर्तन मांजने से लेकर IPS ऑफिसर बनने वाली महिला

जाने कैसा रहा इल्मा अफ़रोज़ का दूसरों के घरों में बर्तन मांजने से लेकर IPS ऑफिसर बने तक का सफर


आज हम आपको इल्मा अफ़रोज़ के बारे में बताने जा रहे है जिनके हौसले इतने बुलंद थे कि उनके आगे कोई भी मुसीबत टिक नहीं पाई. भी इल्मा अफ़रोज़ उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के एक छोटे से कस्बे की रहने वाली है. इल्मा अफ़रोज़ ने खेतों में काम करने से लेकर ज़रूरत पड़ने पर दूसरे लोगों के घरों में बर्तन मांजने तक का काम किया है.  लेकिन कभी भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को पंख लगाकर देश सेवा करने के लिए आईपीएस ऑफिसर बन गई है. उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव कुंदरकी की रहने वाली इल्मा अफ़रोज़ ने न सिर्फ अपना और अपने माता पिता का नाम रोशन किया बल्कि उन्होंने अपने गाँव का नाम भी रोशन किया है.  अगर आप इल्मा अफ़रोज़ के पास्ट और प्रारंभिक शिक्षा को देखे तो आप भी ये अंदाज़ा नहीं लगा सकते कि यह लड़की कभी दिल्ली के स्टीफेन्स कॉलेज से लेकर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और न्यूयॉर्क तक भी जा सकती है.

 

जाने क्यों इल्मा अफ़रोज़ के क्यों ठुकराया विदेश में सेटल होकर एक बेहतरीन ज़िन्दगी जीने का मौका

शायद ये बात तो आप भी बचपन से सुनते आ रहे होंगे कि अगर आपके सपने सच्चे है तो दुनिया कि कोई भी ताकत उन्हें पूरा होने से नहीं रोक सकती. इल्मा अफ़रोज़ के साथ भी ऐसा ही हुआ.  उन्होंने अपने शुरुआती दौर में बहुत ज्यादा मेहनत की है. उन्होंने दूसरों के घरों में बर्तन मांजने से लेकर खेतों में काम करने तक सारे काम किये है और जब इतनी मेहनत करने के बाद या फिर ये कहे पूरे जीवन संघर्ष के बाद इल्मा अफ़रोज़ को विदेश में सेटल होकर एक बेहतरीन ज़िन्दगी जीने का मौका मिला, तो इल्मा अफ़रोज़ ने इससे ठुकरा दिया और अपने वतन, अपनी मिट्टी और अपनी माँ को चुना.

 

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पिता के निधन ने बदली इल्मा अफ़रोज़ की जिंदगी

इल्मा अफ़रोज़ के पिता की असमय मृत्यु हो गयी थी.  पिता की मृत्यु के समय इल्मा अफ़रोज़ महज 14 वर्ष की थी और उनका भाई उनसे भी दो साल छोटा था. ऐसे समय में पिता की मृत्यु से इल्मा अफ़रोज़ के परिवार के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया था. ऐसे वक्त में उनकी अम्मी कों कुछ समझ नहीं पा रही थी कि वह क्या करे क्या नहीं. ऐसे में बाहर के लोगों और रिश्‍तेदारों ने सलाह दी कि लड़की को पढ़ाने में पैसे बर्बाद न करके इसकी शादी कर दें. इससे आपका और आपके परिवार दोनों का बोझ कम हो जाएगा.  लेकिन इल्मा अफ़रोज़ की अम्मी ने कभी किसी को कोई जवाब नहीं दिया और हमेशा अपने मन की सुनी और  इल्मा अफ़रोज़ की शादी करने की जगह उन्होंने पढ़ाना सही समझा.  जिसका नतीजा आज हम सभी के सामने है. आज इल्मा अफ़रोज़ एक IPS ऑफिसर बन चुकी है और अपने वतन की सेवा कर रही है.

 

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