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First Female IAS: जाने कौन है भारत की पहली महिला आईएएस, साथ ही जाने कैसे मिला उनको अफसर बनने का मौका?

First Female IAS: जाने भारत की पहली महिला आईएएस अन्ना राजम मल्होत्रा के बारे में


Highlights:

∙ जाने कौन है भारत की पहली महिला आईएएस

∙ जाने आईएएस अन्ना राजम मल्होत्रा का जीवन परिचय

∙ आईएएस अन्ना राजम का करियर

∙ अन्ना राजम की उपलब्धि

First Female IAS: हमारे देश में हर साल लाखों विद्यार्थी सबसे कठिन परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग में शामिल होते हैं, इनमे से कई विद्यार्थी अपनी मेहनत और लगन के बल पर इस परीक्षा को पास भी करते है। आज के समय पर आईएएस की परीक्षा में न सिर्फ पुरुष बल्कि हमारे देश की महिलाएं भी हिस्सा लेती है। न सिर्फ हिस्सा लेती है बल्कि परीक्षा भी पास करती है और पास होने के बाद प्रशासनिक सेवा का हिस्सा भी बनती है। आज के समय पर हमारे देश की महिलाओं के लिए जितना आसान किसी भी सरकारी सेवा का हिस्सा बनना है, वह पहले इतना आसान नहीं हुआ करता था।

अगर हम अपने इतिहास को देखें तो हमारे देश में कई सारी ऐसी महिलाएं है जिन्होंने आज की महिलाओं के लिए हर क्षेत्र में शामिल होने के रास्ते खोल दिए है। अगर हम सिविल सेवा की बात करें तो सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले पहले भारतीय रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर थे। लेकिन क्या आपको पता है भारत की पहली महिला आईएएस कौन है। जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी? चलिए जानते है चलिए विस्तार से जानते है भारत की पहली महिला आईएएस के बारे में।

देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी का नाम

भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी का नाम अन्ना राजम मल्होत्रा है। साल 1951 में अन्ना राजम मल्होत्रा भारतीय के सिविल सेवा की परीक्षा में शामिल हुईं थीं और उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की। सिर्फ उन्होंने परीक्षा पास ही नहीं की बल्कि देश की पहली महिला अफसर भी बनीं।

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जाने आईएएस अन्ना राजम मल्होत्रा का जीवन परिचय

भारत की पहली महिला आईएएस अफसर अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म केरल में हुआ था। अन्ना राजम का जन्म 17 जुलाई 1924 को केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था। अन्ना राजम ने अपनी शुरुआती शिक्षा कोझिकोड से की। उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई चेन्नई में स्थित मद्रास विश्वविद्यालय से की थी। जिसके बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला लिया था और सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी।

उसके बाद अन्ना राजम ने बहुत ज्यादा मेहनत और लगन से अपनी पढ़ाई की। उनके मेहनत और लगन का ही परिणाम था कि उन्होंने साल 1951 में पहले ही प्रयास में संघ प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली। जिसके बाद वो पहली महिला आईएएस अफसर बनी और इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया।

आईएएस अन्ना राजम का करियर

आपको बता दें कि अन्ना राजम ने आईएएस बनने बाद भारत के दो प्रधानमंत्रियों और सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ भी काम किया था। उसके बाद उन्होंने 1982 में दिल्ली में एशियाई खेलों का आयोजन हुआ। उसी दौरान उन्होंने एशियाई खेलों की प्रभारी के तौर पर कार्यरत थीं। इतना ही नहीं अन्ना राजम मल्होत्रा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवा दी थी।

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अन्ना राजम की उपलब्धि

अन्ना राजम ने आईएएस के पद से रिटायरमेंट लेने के बाद प्रसिद्ध होटल लीला वेंचर लिमिटेड के डायरेक्टर पद पर कार्य किया। इतना ही नहीं इसके बाद देश की सेवा करने के लिए अन्ना राजम मल्होत्रा को साल 1989 में भारत सरकार ने पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया।

Conclusion

भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी का नाम अन्ना राजम मल्होत्रा है। साल 1951 में अन्ना राजम मल्होत्रा भारतीय के सिविल सेवा की परीक्षा में शामिल हुईं थीं और उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की। उनके मेहनत और लगन का ही परिणाम था कि उन्होंने साल 1951 में पहले ही प्रयास में संघ प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली।

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