तालिबान के राज मे कैसा होगा अफगान महिलाओं का भविष्य?
सोमवार की भयावह तस्वीरों के बाद मंगलवार को कुछ तस्वीरों ने लोगों को ध्यान अपनी ओर खींचा। रविवार को तालिबान के कब्जे के बाद महिलाओं ने बाहर निकलना बंद कर दिया था। महिला पत्रकार तो एकदम बाहर नहीं निकली। लेकिन मंगलवार को तस्वीरें इस इत्तर थी। अफगनिस्तान के एक बड़े टीवी चैनल टोलो न्यूज के हेड ने ट्वीट करके सारी दुनिया को बताया कि “हमने आज महिला एंकरों के साथ अपना प्रसारण फिर से शुरु कर दिया है।“
अफगान महिलाओं के लिए दुनिया भर से लोग जाहिर कर रहे हैं चिंता, लेकिन हाल है कुछ अलग
रविवार को अफगनिस्तान में तलिबान के कब्जे और सत्ता परिवर्तन ने अचानक से पूरे दुनिया में कोहराम सा मचा दिया। कोई भी अफगनिस्तान के इस हालात को देखना नहीं चाहता था।
ट्विटर पर #PrayforAfghanistan ट्रेंड करने लगा। हर किसी के दिमाग में आगे बस यही सवाल था अब क्या होगा अफगान के लोगों का। सोमवार को काबुल इंटरनेशल एयरपोर्ट की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई है। लेकिन एक बात थी जिसे लेकर सबसे ज्यादा चिंता की जा रही थी वह थी महिलाओं के अधिकारों की।
20 साल पहले अफगान महिलाओं को शिक्षा से लेकर संसद तक के अधिकार मिले थे। अब वह खत्म होने वाले थे। तालिबान शरीयत के कानून के हिसाब से चलता है। जिसमें महिलाओं को इस तरह के अधिकार नहीं दिए गए हैं। इस बात की चिंता जाहिर करते हुए अफगनिस्तान की फिल्म निर्देशक सहरा करीमी ने एक पत्र लिखकर दुनिया से उसके देश को बचाने की मदद मांगी।
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लेकिन अब स्थिति कुछ अलग दिखाई दे रहे ही। सोमवार को पहली बार तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद कैमरे के सामने हाजिर हुए और अपनी बात को जनता के सम्मुख रखा। उन्होंने कहा हमने 20 साल बाद देश को आजाद करवा लिया है। विदेशियों को देश से बाहर निकाल फेंका है। यह समय हमारे लिए गर्व करने का है। देश को संबोधित करते हुए जबीहुल्लाह ने कहा कि हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आश्वास्त करना चाहते है कि किसी को कोई नुकसान नहीं होने देगें। हम धार्मिक मान्याताओं को अनुसार ही काम करेंगे साथ ही लोगों को भी इसके अनुसार काम करने का अधिकार देंगे।
महिलाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि शरिया कानून के तहत महिलाओं को काम करने का अधिकार दिया जाएगा। हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि महिलाओं के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। वह भी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रही है।
आपको बता दें 20 साल पहले अफगनिस्तान में महिलाओं को शरिया कानून के तहत शिक्षा का अधिकार नहीं था। उन्हें सिर से लेकर पांव तक अपने पूरे शरीर को ढक कर रखना पड़ता था। घर से बाहर वह बुर्के के बिना नहीं जा सकती थी। कहीं नौकरी भी नहीं कर सकती थी। लेकिन इस बार तालिबान ने महिलाओं के प्रति थोड़ी नरमी दिखाई है। खबरों की मानें तो अब उन्हें बुर्के की जगह हिजाब अनिर्वाय कर दिया गया है।
सोमवार की भयावह तस्वीरों के बाद मंगलवार को कुछ तस्वीरों ने लोगों को ध्यान अपनी ओर खींचा। रविवार को तालिबान के कब्जे के बाद महिलाओं ने बाहर निकलना बंद कर दिया था। महिला पत्रकार तो एकदम बाहर नहीं निकली। लेकिन मंगलवार को तस्वीरें इस इत्तर थी। अफगनिस्तान के एक बड़े टीवी चैनल टोलो न्यूज के हेड ने ट्वीट करके सारी दुनिया को बताया कि “हमने आज महिला एंकरों के साथ अपना प्रसारण फिर से शुरु कर दिया है।“
We resumed our broadcast with female anchors today.@TOLOnews #Afghanistan pic.twitter.com/YLqtJEYceL
— Miraqa Popal (@MiraqaPopal) August 17, 2021
इसके बाद ही टोलो न्यूज चैनल पर एक महिला एंकर ने एक तालिबान अधिकारी का इंटरव्यू लिया। यह इंटरव्यू पूरी दुनिया की आंखों में सुकून दे रहा था कि महिलाएं दोबारा से अपने काम पर लौंट रही हैं।
Our female presenter is interviewing a Taliban media team member live in our studio @TOLOnews #Afghanistan pic.twitter.com/G6qq1KWKOH
— Miraqa Popal (@MiraqaPopal) August 17, 2021
इसके अलावा सीएनएन की महिला पत्रकार क्लैरिसा वार्ड पूरी दुनिया को अफगिस्तान के हाल पर लाइव कार्यक्रम पेश कर रही थी। हालांकि इस दौरान वह बुर्के में नजर आई। वहीं दूसरी ओर टोलो न्यूज की एक और पत्रकार मंगलवार को सड़क पर न्यूज रिपोर्टिंग करती हुई नजर आई।
ویدیو – گزارش حسیبه اتکپال خبرنگار طلوع نیوز از کابل pic.twitter.com/zVv3zL9nFq
— TOLOnews (@TOLOnews) August 17, 2021
अब देखना है कि क्या आगे भी तालिबान का रवैय्या ऐसा नरमी वाला भी रहता है कि फिर इसमें कुछ बदलाव आता है?
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