Paush Ekadashi 2025 Date: पौष माह की एकादशी 2025, व्रत विधि, शुभ समय और महत्व
Paush Ekadashi 2025 Date, हिंदू पंचांग में एकादशी का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को रखा जाता है और इसे भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है।
Paush Ekadashi 2025 Date : पौष एकादशी 2025, तिथि, समय और घर पर करने योग्य उपाय
Paush Ekadashi 2025 Date, हिंदू पंचांग में एकादशी का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को रखा जाता है और इसे भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है। पौष माह की एकादशी, जिसे लोग पौष एकादशी 2025 के नाम से जानते हैं, विशेष रूप से आध्यात्मिक लाभ, मानसिक शांति और समृद्धि के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
पौष एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
पौष एकादशी इस बार 10 दिसंबर 2025 को पड़ रही है।
- तिथि: 10 दिसंबर 2025
- वार: बुधवार
- उद्धाटन काल (सुबह का समय): सूर्योदय से पूर्व
- व्रत समाप्ति: दूसरे दिन भोर तक या सूर्योदय के बाद
पौष एकादशी का व्रत सुबह से शुरू किया जाता है और इसे दिनभर उपवास रखते हुए पूरा किया जाता है। इस दिन व्रती को साफ-सुथरा और शुद्ध मन रखकर पूजा करनी चाहिए।
पौष एकादशी का महत्व
पौष एकादशी का व्रत धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसका महत्व इस प्रकार है:
- पापों से मुक्ति: पौष एकादशी का व्रत रखने से पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
- आध्यात्मिक लाभ: व्रत करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और मानसिक शांति मिलती है।
- धन और वैभव में वृद्धि: भगवान विष्णु की कृपा से धन-संपत्ति और समृद्धि बढ़ती है।
- विपरीत परिस्थितियों से राहत: जीवन में आने वाली कठिनाइयों और संकटों से मुक्ति मिलती है।
पौष एकादशी विशेष रूप से सात्त्विक जीवन और धार्मिक आचरण के लिए प्रेरित करती है।
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पौष एकादशी व्रत कैसे करें
पौष एकादशी का व्रत सरल लेकिन नियमों के अनुसार करना चाहिए:
- उपवास रखें: दिनभर फलाहार, दूध, हल्का भोजन या निर्जल व्रत किया जा सकता है।
- गायत्री मंत्र और विष्णु मंत्र का जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या अन्य किसी विष्णु मंत्र का जाप लाभकारी होता है।
- व्रत कथा का पाठ: पौष एकादशी की कथा सुनने या पढ़ने से व्रत के फल दोगुने हो जाते हैं।
- पूजा विधि:
- भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- तुलसी के पत्तों का अर्पण करें।
- पुष्प, फल और जल चढ़ाएं।
- दान-पुण्य करें: जरूरतमंदों को दान देने से व्रत और भी फलदायक हो जाता है।
पौष एकादशी के विशेष उपाय
- व्रत के दिन सकारात्मक सोच और ध्यान का अभ्यास करें।
- शुद्ध और सात्त्विक भोजन ही करें।
- पूजा करते समय घर और आस-पास सफाई और शांति बनाए रखें।
- व्रत के बाद भोजन या फल वितरण अवश्य करें।
इन उपायों से व्रत का फल अधिकतम और जीवन में स्थायी लाभकारी प्रभाव डालता है।
पौष एकादशी की कथा
कहा जाता है कि एक राजा अपने राज्य में बड़े दुःख में था। उसने भगवान विष्णु की कृपा के लिए पौष एकादशी का व्रत रखा। उसकी कठिनाइयां दूर हुईं और राज्य में समृद्धि आई। इस कथा से पता चलता है कि एकादशी व्रत न केवल धार्मिक कर्तव्य है बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक माध्यम भी है।
पौष एकादशी के दौरान ध्यान रखें ये बातें
- अल्कोहल, मांसाहार और नशे वाले पदार्थों से बचें।
- साफ और शुद्ध कपड़े पहनें।
- पूजा और व्रत करते समय ध्यान और साधना पर विशेष ध्यान दें।
- व्रत पूर्ण होने के बाद भोजन ग्रहण करें और प्रसाद वितरण करें।
पौष एकादशी 2025 का व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ भी प्रदान करता है।
- यह व्रत सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
- जीवन में आने वाले संकट और कठिनाइयों से मुक्ति दिलाता है।
- नियमित रूप से पौष एकादशी का पालन करने से आध्यात्मिक उन्नति, धन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति मिलती है।
इस वर्ष 10 दिसंबर 2025 को पौष एकादशी का व्रत कर आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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