जाने कौन है यास्मीन (Yasmin) जिसने सिलाई के दमपर कई महिला को बनाया सशक्त
जाने सशक्तिकरण का साक्षात हस्ताक्षर बनी यास्मीन के बारे में, जिन्हे एक समय में उनके पति ने चार लड़कियों को जन्म देने की वजह से दिया था तलाक
आज भले ही हमारा देश तकनीक के मामले में बहुत आगे बढ़ गया हो, लेकिन एक समय ऐसा जब देश में महिलाओं को कुछ भी करने या अपने पैरों पर खड़े होने का अधिकार नहीं था। उस समय पुरुष महिलाओं को सिर्फ घर की चार दीवारी के अंदर तक ही सीमित रखते थे और उस समय पर महिलाएं भी अपने अधिकार के लिए आवाज नहीं उठाया करती थी। लेकिन आज समय बदल चुका है आज के समय पर महिलाओं को अपना अच्छा बुरा सब पता है। इसी की तर्ज पर आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें उनके पति ने सिर्फ इस बात के लिए तलाक दे दिया था क्योंकि उन्होंने चार लड़कियों को जन्म दिया है।
जानें कौन है यास्मीन (Yasmin)
आपको बता दें कि यास्मीन (Yasmin) के पति ने उन्होंने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया था क्योंकि यास्मीन ने चार लड़कियों को जन्म दिया था। यास्मीन की शादी 16 साल पहले हुई थी उस समय वह अपने पति के साथ महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रहती थीं। इस दौरान उन्होंने लगातार चार बेटियों को जन्म दिया। जिसके कारण उनके पति ने उन्हें तलाक दे दिया। इतना ही नहीं उसके परिवार ने भी उनको छोड़ दिया। इस बुरे वक्त मव यास्मीन अपनी चार बेटियों को लेकर गोंडा में चली गई। पेट पालने के लिए यास्मीन ने वहां कुछ समय के लिए खेतों में मजदूरी की। लेकिन उसके बाद यास्मीन ने सरकारी मदद से स्वयं सहायता समूह बनाकर अपने गांव की और 10 महिलाओं को जोड़ा और सिलाई की शुरुआत की।
और पढ़ें: अगर महिलाएं शुरू करना चाहती है अपना बिजनेस, तो इन सरकारी योजनाओं का उठा सकती है फायदा
जाने कैसे बनी यास्मीन दूसरी महिलाओं के लिए आदर्श
पहले तो यास्मीन अपना और अपनी बेटियों का पेट पालने के लिए खेतों में मजदूरी करती थी लेकिन बाद में उन्होंने सरकारी मदद से स्वयं सहायता समूह बनाकर अपना खुद काम शुरू किया। जिसके बाद यास्मीन और उसके महिला समूह को प्रशासन ने विद्यालयों के लिए 3 हजार ड्रेस सिलने का काम दिया। जिसके लिए प्रशासन की तरफ से यास्मीन के इस समूह को 3 लाख रुपए का पेमेंट मिली। धीरे धीरे यास्मीन के प्रयास इस तरह सार्थक होने लगे। कि वो बाकी महिलाओं और बच्चियों के लिए आदर्श बन गई हैं। लेकिन यह सभी संभव हुआ जब समूह की महिलाओं ने उन पर विश्वास दिखाया। और यास्मीन उस विश्वास पर खरी उतरी। लेकिन यास्मीन ने एक बार आगे बढ़ने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अब यास्मीन अपनी बेटियों को भी अच्छा जीवन दे पा रही हैं।
यास्मीन ने अपनी पहली पेमेंट से चुका दिया लोन
यास्मीन ने जब अपना स्वयं सहायता समूह खोला तो उस समय पर उन्होंने बैंक से लोन लिया था। जिसका कहीं न कहीं उन पर दबाव था लेकिन जब यास्मीन ने और उनके समूह की महिलाओं ने 3 हजार स्कूली ड्रेस सिलकर विभाग को सौंपा तो विभाग ने समूह को 3 लाख सिलाई के रूप में दिए। इससे यास्मीन के साथ-साथ कई सारी महिलाओं की समस्याएं भी हल हो गई और यास्मीन का बैंक से लिया हुआ लोन भी चुक गया।
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com