स्वछता अभियान से पहले कुछ ऐसा नज़र आता था भारत
देखिये स्वछता अभियान की पहल से बदल गया भारत
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुवात भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर की गयी थी जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा भारत को साफ-सुथरा करना और कूढा साफ रखना है। यह अभियान 02 अक्टूबर 2014 महात्मा गाँधी जी के जन्मदिवस पर आरंभ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया, परन्तु ‘स्वच्छ भारत’ का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। लेकिन अब उनके इस सपने ने तूल पकड़ लिया है और देश धीरे धीरे स्वछता की और बढ़ने लगा है
जानिये इस अभियान के अंतर्गत क्या क्या बदलाव हुए
भारत में कई सारे बीच हैं जहाँ हर दिन लाखो लोग आवगमन करते हैं. जिसके कारण समुद्र का किनारा अत्यधित प्रदूषित हो चूका था। समुद्र के किनारे बढ़ती गंदगी एक बहुत बड़ा अभिशाप था क्युकी इससे समुद्री जीवों को भी नुक्सान हो रहा था। परन्तु स्वच्छ भारत के अंतर्गत कई लोगो ने एकजुट होकर स्वछता बनाये रखने की मुहीम शुरू की और देखते ही देखते किनारे स्वच्छ होने लगे।
जरा नज़र डालिये स्वछता अभियान के पहले और बाद में आने वाले बदलाव पर-
हमारा देश कई सारे धार्मिक स्थलों और घाटों से घिरा हुआ है। जहाँ एक तरफ घाटों में सुंदरता और सुकून है वही दूसरी और गंदगी और प्रदूषण भी। मगर स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत इन घाटों को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी ली गयी। और एक लम्बे अरसे बाद अब घाटों को साफ़ सुथरा बना दिया गया है।
देखिये प्रदूषित और स्वच्छ घाटों की एक झलक –
स्वच्छ भारत के अंतर्गत बनेंगे 1. 2 करोड़ शौचालय
सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौंच मुक्त भारत को हासिल करने का लक्ष्य रखा है,सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150 वीं वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत (यूएस $ 30 बिलियन) के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौंच मुक्त भारत को हासिल करने का लक्ष्य रखा है
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