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    बीजेपी कर रही है पीएम मोदी के वाराणसी दौरे की खास तैयारी

    ऐतिहासिक होगा वाराणसी का नामांकन जहाँ एक तरफ लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान खत्म हो चुके है वही दूसरी और अब बीजेपी वाराणसी में चुनाव से पहले पीएम मोदी के  चुनाव नामांकन भरने को लेकरतैयारियां पूरे जोरों शोरो से कर रही है. इस बार बीजेपी पीएम मोदी के इस वाराणसी नामांकन को ऐतिहासिक बनाना चाहती है. इसी के साथ पीएम मोदी नामांकन से पहले बनारसमें गंगा की पूजा भी करेंगे. ऐसा होगा पीएम मोदी का वाराणसी दौरा आपको बात दे कि पीएम मोदी का नामांकन 26 अप्रैल को होगा. इससे एक दिन पहले 25 अप्रैल को नरेंद्र मोदी बनारस में रोड शो भी करेंगे. मोदी बनारस के लंका में स्थित मालवीयप्रतिमा को माला चढ़ाएंगे जिसके बाद रोड शो शुरू करेंगे और ये रोड शो गोदौलिया पर जाकर खत्म होगा. इसके बाद पीएम मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद  गंगाआरती में भी शामिल होंगे. यहाँ भी पढ़े: चुनावी मौसम में इस नेता के बिगड़े बोल साथ ही इस नामांकन को ऐतिहासिक बनाने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार यानी 12 अप्रैल की शाम को वाराणसी पहुंचे. जहाँ उन्होंने देर रात हरहुआ स्थितगोकुल धाम में पीएम मोदी के नामांकन को ऐतिहासिक बनाने के लिए संगठन के साथ मंथन किया. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के अलावाप्रदेश और  काशी के संगठन पदाधिकारी शामिल थे. वही दूसरी और पीएम  मोदी के नामांकन को लेकर वाराणसी में कड़ी सुरक्षा का इंतज़ाम भी रखा जा रहा है.  पीएम मोदी के वाराणसी के दौरे  वाले दिन इलाके के सुरक्षा में पुलिसफोर्स को तैनात किया जायेगा  और उससे पहले पूरी सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण भी किया जाएगा. Have a news story, an interesting write-up or simply a…

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    किसानों की यात्रा हुई खत्म : सरकार ने की सभी मांगें की ख़ारिज

    जाने की आखिर क्या है किसानो की मांग? दिल्ली में हो रही किसान आंदोलन की पदयात्रा आखिर खत्म हुई. सभी किसानो ने चौधरी चरण सिंह की समाधि पर फूल चढ़कर इस यात्रा को ख़त्म किया.अपनी मागो को पूरा करने के लिए  किसानों ने 23 सितंबर को हरिद्वार से 200 किलोमीटर से ज्यादा लंबी ये पदयात्रा शुरू की थी. सैकड़ों ट्रैक्टरों में सवार होकर आए किसानों की इस आंदोलन में कुछ महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हुए. साथ ही वही  दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए तीन हजार से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया ताकि जल्द इस क्रांति को रोका जाए. वही दूसरी और किसानों के प्रदर्शन के चलते आज यानि 3 अक्टूबर को गाजियाबाद में स्कूलकॉलेज भी बंद रखे गए हैं. ताकि इस  किसान आंदोलन से बाकी लोगो को  मुश्किलें न हो. वही किसानो के द्वारा शुरू की गयी इस क्रांति से सरकार ने किसानों की कुछ मांगें मानने पर सहमति जताई थी और कुछ के लिए समय मांगा था लेकिन किसानो ने सरकार की बात न माने के साथ इस  आंदोलन को जारी रखा यहाँ जाने  किसानो की मांग  को क्यों  किया गया ख़ारिज: 1 . किसानो की मांग थी की उनके सभी  क़र्ज़ को माफ़ कर  दिया जाए 2 . सिंचाई के लिए सस्ती बिजली और बकाया गन्ने की फसल का भुगतान करने की मांग मांगी 3 . 60  साल से ऊपर के किसानो को पेंशन  दी जाए तो यह है जरुरी तीन मांगे  जो किसानो  ने सरकार से माँग  की थी जिसे सरकार ने ख़ारिज कर दिया है.  तो वही इस आंदोलन काफयदा विपक्ष ने बखूबी उठाया है. यह कहकर की विश्व अहिंसा दिवस पर BJP का दोवर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वकदिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ।लेकिन देखना यह है की सरकार किसान को शांत करने के लिए जल्द उनकीसभी माँगो  को पूरा करता है? Have a…

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