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Dukes Ball controversy: भारत-इंग्लैंड टेस्ट में ड्यूक्स बॉल विवाद, मालिक दिलीप जाजोदिया ने क्या दी सफाई?

Dukes Ball controversy, भारत में क्रिकेट लंबे समय से खेल प्रेमियों की धड़कन रहा है। यहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक SG (Sanspareils Greenlands) बॉल का वर्चस्व रहा है।

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Dukes Ball controversy, भारत में क्रिकेट लंबे समय से खेल प्रेमियों की धड़कन रहा है। यहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक SG (Sanspareils Greenlands) बॉल का वर्चस्व रहा है। लेकिन अब इस स्थिति में बदलाव की संभावनाएं दिख रही हैं। ड्यूक्स बॉल के भारतीय मूल के मालिक दिलीप जाजोदिया भारत में इस गेंद की पकड़ बढ़ाने के लिए सक्रिय हो चुके हैं। वे चाहते हैं कि ड्यूक्स बॉल अब सिर्फ इंग्लैंड तक सीमित न रहकर भारतीय क्रिकेट में भी गहराई से प्रवेश करे।

भारत में ड्यूक्स की मौजूदगी को विस्तार देने की योजना

दिलीप जाजोदिया ने भारत में ड्यूक्स बॉल की उपस्थिति को औपचारिक बनाने के लिए बेंगलुरु में एक ऑफिस रजिस्टर किया है। यही नहीं, उन्होंने BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) से बातचीत भी शुरू कर दी है ताकि भारत में ड्यूक्स बॉल का व्यापक इस्तेमाल हो सके। अब जाजोदिया की योजना है कि ड्यूक्स बॉल को भारत में ही अंतिम रूप (फिनिशिंग) दिया जाए, जिससे क्वालिटी नियंत्रण बेहतर हो और लागत भी संतुलित रहे।

Dukes Ball controversy
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ब्रिजेश पटेल होंगे Dukes India के ऑपरेशंस हेड

ड्यूक्स इंडिया के संचालन की जिम्मेदारी अनुभवी क्रिकेट प्रशासक ब्रिजेश पटेल को दी गई है। ब्रिजेश पटेल भारतीय क्रिकेट में एक जाना-पहचाना नाम हैं और उनके अनुभव का फायदा ड्यूक्स बॉल के भारतीय बाजार में विस्तार के लिए मिलेगा।

राज्य और क्लब स्तर तक पहुंचाने की योजना

अब तक ड्यूक्स बॉल को मुख्यत इंग्लैंड के इंटरनेशनल और काउंटी क्रिकेट में उपयोग किया जाता रहा है। भारत में इसका इस्तेमाल कुछ ही टेस्ट मैचों तक सीमित रहा है। लेकिन दिलीप जाजोदिया चाहते हैं कि यह गेंद भारत में सिर्फ इंटरनेशनल या फर्स्ट क्लास क्रिकेट तक ही सीमित न रहे, बल्कि स्टेट लेवल टूर्नामेंट्स और क्लब क्रिकेट में भी इसका इस्तेमाल हो। उनका मानना है कि जब खिलाड़ी शुरुआत से ही ड्यूक्स बॉल से खेलना शुरू करेंगे, तो उच्च स्तर पर उनके लिए इसके साथ तालमेल बैठाना आसान होगा।

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खिलाड़ियों की आलोचना पर प्रतिक्रिया

हाल ही में भारत-इंग्लैंड सीरीज के दौरान ड्यूक्स बॉल की गुणवत्ता को लेकर खिलाड़ियों ने सवाल उठाए थे। इस पर जाजोदिया ने कहा कि उन्होंने आलोचना को गंभीरता से लिया है और वे बॉल की गुणवत्ता सुधारने पर काम कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर बेहतर क्वालिटी चाहिए, तो खिलाड़ियों और क्रिकेट संस्थाओं को थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च करने के लिए तैयार रहना होगा। उनके अनुसार, “₹400 में अच्छी बॉल नहीं मिल सकती।” ड्यूक्स बॉल के भारत में विस्तार की योजना सिर्फ एक व्यापारिक रणनीति नहीं है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के परिदृश्य में एक संभावित बदलाव की शुरुआत भी है। दिलीप जाजोदिया का उद्देश्य है कि भारतीय खिलाड़ी भी ड्यूक्स की क्वालिटी गेंद से खेलने का अनुभव प्राप्त करें और यह गेंद सिर्फ विदेशी मैदानों तक सीमित न रहे। आने वाले वर्षों में यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि क्या ड्यूक्स SG की जगह ले पाती है या भारतीय क्रिकेट में एक नई समानांतर पहचान बनाती है।

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