Chandrayaan 3 Mission Successfull: चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरो चेयरमैन ने बताया अपना अगला मिशन…
चांद की दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने इस सफल लैंडिंग के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने पहले इस मिशन में योगदान देने वालों का धन्यवाद किया।
Chandrayaan 3 Mission Successfull: चांद के सतह पर चक्कर लगाएगा ये उपकरण, दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिग का बताया कारण
Chandrayaan 3 Mission Successfull: चंद्रयान की सफल लैंडिग के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बन गया। इसके साथ ही चांद पर कदम रखने वाला भारत चौथा देश बन गया। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर अपने कदम रख चुके हैं। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने प्रज्ञान रोवर के कार्यप्रणाली के बारे में बताया।
चांद के सतह चक्कर लगाएगा ये उपकरण
आपको बता दें कि ‘प्रज्ञान रोवर के पास दो उपकरण है और ये दोनों ही चंद्रमा पर मौलिक संरचना के निष्कर्षों के साथ-साथ रसायनिक संरचनाओं से संबंधित हैं। इसके अलावा चांद के सतह पर भी चक्कर लगाएगा। हम एक रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास भी करेंगे जो हमारे लिए भविष्य के अन्वेषणों के लिए महत्वपूर्ण है।
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दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिग का बताया कारण
चंद्रयान 3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ही लैंड क्यों कराया गया? इसका कारण लगभग सभी लोग जानना चाहते हैं। एस सोमनाथ ने चंद्रयान 3 को चांद की दक्षिणी ध्रुव पर उतारने के कारण को बताते हुए कहा, ‘चंद्रमा पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रुचि दिखाई, क्योंकि मनुष्य वहां जाना चाहता है और वहां कॉलोनी बसाना चाहता है और आगे जाना चाहता है। इसलिए हम ऐसे ही जगह की तलाश कर रहे थे और चांद के दक्षिणी ध्रुव में वह क्षमता है।’ उन्होंने बताया कि हम दक्षिणी ध्रुव के करीब चले गए जो लगभग 70 डिग्री है। सूर्य द्वारा कम प्रकाशित होने के संबंध में दक्षिणी ध्रुव को एक विशिष्ट लाभ है।
इस मिशन पर चल रहा काम
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया कि इसके बाद अब सूर्य के लिए आदित्य मिशन को सितंबर में लॉन्च होने के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए संभवतः सितंबर या अक्टूबर के अंत तक एक मिशन करेंगे। उन्होंने बताया कि गगनयान पर भी काम चल रहा है।
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